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डेली न्यूज़

सामाजिक न्याय

शिक्षा में लैंगिक असमानता

  • 07 Mar 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

लैंगिक समानता सूचकांक, समग्र शिक्षा अभियान

मेन्स के लिये:

स्कूली शिक्षा में लैंगिक समानता संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource Development) द्वारा राज्यसभा में जानकारी दी गई कि स्कूलों में सभी स्तरों पर लैंगिक असमानता को दूर करने हेतु विभिन्न कदम उठाए गए हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • लैंगिक समानता सूचकांक (Gender Parity Index-GPI): GPI विभिन्न स्तरों पर स्कूल प्रणाली में लड़कियों की समान भागीदारी को दर्शाता है।
  • समग्र शिक्षा (Samagra Shiksha) अभियान जो कि स्कूली शिक्षा के लिये एक समेकित योजना है, (Integrated Scheme for School Education-ISSE) के तहत स्कूली शिक्षा में लैंगिक अंतर को समाप्त करने का प्रयास किया जाता है।
  • वर्ष 2018-19 में स्कूली शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर GPI की स्थिति निम्नानुसार है:
Particular

Primary

Upper Primary Secondary Higher Secondary
Gender Parity Index

1.03

1.12 1.04 1.04

(Source: UDISE+ 2018-19 provisional)

  • GPI इंगित करता है कि स्कूली शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक है।

स्कूली शिक्षा में लैंगिक समानता लाने हेतु समग्र शिक्षा (SamagraShiksha) अभियान के प्रावधान:

  • बालिकाओं की सुविधा के लिये उनके निकट क्षेत्र में स्कूल खोलना।
  • आठवीं कक्षा तक की लड़कियों को मुफ्त में पाठ्य-पुस्तकें वितरित करने का प्रावधान।
  • सभी लड़कियों को यूनिफार्म प्रदान करना।
  • सभी स्कूलों में अलग-अलग शौचालयों का निर्माण।
  • लड़कियों की भागीदारी को बढ़ावा देने हेतु शिक्षक जागरूकता कार्यक्रम।
  • छठी से बारहवीं कक्षा तक की लड़कियों के लिये आत्मरक्षा प्रशिक्षण का प्रावधान।
  • विशेष आवश्यकता वाली कक्षा 1 से 12 वीं तक की लड़कियों को वज़ीफा देना।
  • दूरस्थ/पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षकों के लिये आवासीय भवनों का निर्माण करना।
  • स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर लैंगिक अंतर को कम करने और शिक्षा से वंचित समूहों की लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (Kasturba Gandhi BalikaVidyalayas-KGBV) खोले गए हैं।
  • अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक और गरीबी रेखा से नीचे (Below Poverty Line-BPL) जीवन-यापन करने वाले वंचित समूहों की लड़कियों को छठी से बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा प्रदान करने के लिये खोले गए KGBV आवासीय सुविधाओं से युक्त हैं।
  • 30 सितंबर, 2019 तक कुल 5930 KGBV खोलने की स्वीकृति दी गई।
  • इनमें से 4881 KGBV का परिचालन हो रहा है जिसमें 6.18 लाख लड़कियों का नामांकन किया गया।

स्रोत: पीआईबी

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