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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

जीडीपी विकास दर 7.1% रहने का अनुमान

  • 01 Mar 2017
  • 7 min read

28 फरवरी को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (Central Statistics Office - CSO) को ओर से जारी की गई तीसरी तिमाही की आर्थिक विकास दर को 7.1% के स्तर पर रखा गया है| चालू वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था के विकास आँकड़ों ने साबित कर दिया है कि विमुद्रीकरण का अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं हुआ है| ताजा आँकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 7.1% रहने का अनुमान है| 

सकल घरेलू उत्पाद

  • गौरतलब है कि वर्ष 2016-17 में स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर वास्‍तविक जीडीपी अथवा सकल घरेलू उत्‍पाद (Gross Domestic Product - GDP) के बढ़कर 121.65 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि 31 जनवरी 2017 को वर्ष 2015-16 के लिये प्रथम संशोधित अनुमान में जीडीपी को 113.58 लाख करोड़ रुपये आँका गया था|
  • वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.1% रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2015-16 में जीडीपी वृद्धि दर 7.9% आँकी गई थी। 

बुनियादी मूल्यों पर सकल मूल्य वर्द्धित

  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016-17 में बुनियादी स्‍थिर मूल्‍यों (2011-12)  पर वास्तविक जीवीए दर (Gross Value Added - GVA) बढ़कर 111.68 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान व्यक्त किया गया है, जो वर्ष 2015-16  में 104.70 लाख करोड़ रुपए था|
  • वर्ष 2016-17 में बुनियादी मूल्‍यों पर वास्‍तविक जीवीए की अनुमानित वृद्धि दर 6.7% रहने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2015-16 में 7.8 % थी|
  • ध्यातव्य है कि जिन क्षेत्रों में 7 % से अधिक की वृद्धि दर दर्ज़ की गई है उनमें लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्‍य सेवाएं, विनिर्माण,  व्‍यापार,  होटल,  परिवहन,  संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाओं को शामिल किया गया हैं।
  • इसके अतिरिक्त कृषि, वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन, खनन एवं उत्‍खनन, विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्‍य उपयोगी सेवाओं, निर्माण और वित्‍तीय, अचल संपत्‍ति एवं प्रोफेशनल सेवाओं की वृद्धि दर क्रमश: 4.4, 1.3, 6.6, 3.1 और 6.5% रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

प्रति व्‍यक्‍ति आय

  • गौरतलब है कि वर्ष 2016-17  के दौरान (2011-12 के मूल्‍यों पर) प्रति व्‍यक्‍ति आय के बढ़कर 82,112 रुपए होने की संभावना व्यक्त की गई है, जो वर्ष 2015-16 में  मात्र 77524 रुपए थी।
  • वर्ष 2016-17 के दौरान प्रति व्‍यक्‍ति आय की वृद्धि दर 5.9% रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष 6.6 % थी।

वर्तमान मूल्‍यों पर अनुमान

  • वर्ष 2016-17 में वर्तमान मूल्‍यों पर जीडीपी के बढ़कर 152.51 लाख करोड़ रुपए के स्‍तर पर पहुँचने की संभावना है, जिसे वर्ष 2015-16 में 136.75 लाख करोड़ रुपए (11.5%) आँका गया था| 
  • इसके अतिरिक्त वर्ष 2016-17 के दौरान सांकेतिक शुद्ध राष्ट्रीय आय (Net National Income – NNI), जिसे राष्ट्रीय आय (वर्तमान मूल्यों पर) भी कहा जाता है, 134.86 लाख करोड़ रुपए (11.6 प्रतिशत) रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है, जो वर्ष 2015-16 में 120.83 लाख करोड़ रुपए (10.2 प्रतिशत) थी।
  • ध्यातव्य है की उक्त अनुमानों ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund), विश्व बैंक तथा भारतीय रिज़र्व बैंक जैसी संस्थाओं द्वारा अनुमानित आँकड़ों को गलत साबित कर दिया है, जिन्होंने विमुद्रीकरण के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने की बात कही थी|
  • वस्तुतः जीडीपी की विकास दर से संबद्ध ये आँकड़े राजनैतिक तौर पर सरकार के लिये भी काफी मददगार साबित होंगे क्योंकि विमुद्रीकरण के कारण सरकार की जमकर आलोचना की गई थी|
  • हालाँकि भारतीय चुनाव आयोग के द्वारा आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए सीएसओ को राज्य आधारित आँकड़े प्रस्तुत करने से मना किया गया है|

कई क्षेत्रों का शानदार प्रदर्शन

  • उल्लेखनीय है कि स्थिर मूल्यों (2011-12) के आधार पर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कृषि, वानिकी व मत्स्य क्षेत्र की वृद्धि दर में उछाल आया है। इस क्षेत्र की वृद्धि दर के 6% होने का अनुमान व्यक्त किया गया है|
  • ध्यातव्य है कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसमें 2.2 फीसद की गिरावट दर्ज़ की गई थी|
  • जबकि पिछली दोनों तिमाहियों के दौरान इसमें क्रमश: 0.3 और 1.3% की कमी दर्ज़ की गई|
  • गौरतलब है कि विमुद्रीकरण का सर्वाधिक असर विनिर्माण क्षेत्र पर पड़ने की संभावना व्यक्त की गई थी| हालाँकि इसमें 8.3% की अच्छी-खासी वृद्धि दर्ज़ की गई है|
  • वित्तीय व अचल संपत्ति सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 3.1% दर्ज़ की गई है। इसके अतिरिक्त अन्य सेवा क्षेत्रों की स्थिति भी ठीक-ठाक रही है|
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