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डेली न्यूज़

जैव विविधता और पर्यावरण

ग्रेट निकोबार द्वीपसमूह और प्लास्टिक प्रदूषण

  • 14 Oct 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

ग्रेट निकोबार द्वीप समूह, जैव-विविधता केंद्र

मुख्य परीक्षा के लिये:

प्लास्टिक प्रदूषण और इससे उत्पन्न ख़तरे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में एक सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत के प्राचीनतम दक्षिणी ग्रेट निकोबार द्वीप के पांच समुद्र तटों का अस्तित्व प्लास्टिक के कारण ख़तरे में है।

प्रमुख बिंदु

  • इन तटों पर प्लास्टिक की बोतलें पाई गई हैं।
  • भारत सहित लगभग 10 देश (मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, फिलीपींस, वियतनाम, भारत, म्याँमार, चीन और जापान) द्वीप पर प्लास्टिक कचरे के ज़िम्मेदार हैं।
  • सर्वेक्षण में गैर भारतीय मूल के लगभग 60 तटों को शामिल किया गया था तथा इन पर लगभग-
    • 40.5% कचरा मलेशियाई मूल का
    • 23.9% कचरा इंडोनेशियाई मूल का तथा
    • 16.3% कचरा थाईलैंड का था।
  • इन तटों पर भारतीय मूल का केवल 2.2% कचरा था।

Plastic threat

द्वीप पर कचरे का कारण

  • इंडोनेशिया और थाईलैंड से प्लास्टिक कचरे में वृद्धि का कारण इनकी अंडमान द्वीप से निकटता हो सकती है।
  • इसके अलावा मलक्का जलडमरूमध्य जो एक प्रमुख जल मार्ग है, के माध्यम से जल धाराओं के कारण प्लास्टिक ने द्वीप पर अपना रास्ता बना लिया है।
  • इस द्वीप पर समुद्री मलबे की भारी मात्रा, मछली पकड़ने, समुद्री कृषि गतिविधि और जहाज यातायात आदि के कारण ठोस अपशिष्ट के अनुचित प्रबंधन की वजह हो सकती है।

Indonesia-Thailand Plastic

अंडमान और ग्रेट निकोबार द्वीप

  • ये द्वीपसमूह भारत के पूर्वी तट पर बंगाल की खाड़ी में स्थित हैं और भारत की दक्षिण-पूर्वी सीमा बनाते हैं।
  • इसके अलावा ये द्वीपसमूह अंडमान सागर से घिरे हैं और मलेशिया, म्याँमार, थाईलैंड, सिंगापुर तथा इंडोनेशिया जैसे कुछ दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से निकटता रखते हैं।
  • अंडमान और निकोबार को टेन डिग्री चैनल ( Ten Degree Channel) द्वारा अलग किया जाता है जो लगभग 150 किमी. तक विस्तृत है।

Andaman-Nicobar Island

ग्रेट निकोबार द्वीप

  • यह भारत का दक्षिणतम द्वीप है।
  • अंडमान के ग्रेट निकोबार द्वीप का क्षेत्रफल लगभग 1044 वर्ग किमी है।
  • 2011 की जनगणना के अनुसार, यहाँ की आबादी लगभग 8,069 है।
  • यह द्वीप भारत की सबसे आदिम जनजाति शोम्पेंस (Shompens) का निवास स्थान है।
  • इस द्वीप में ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिज़र्व (Great Nicobar Biosphere Reserve-GNBR) भी अवस्थित है जिसे यूनेस्को द्वारा बायोस्फीयर रिज़र्व्स के विश्व नेटवर्क के रूप में घोषित किया गया है।
    • इस बायोस्फीयर रिज़र्व में गैलाथिया नेशनल पार्क (Galathea National Park) और कैम्पबेल बे नेशनल पार्क (Campbell Bay National Park) शामिल हैं।
  • यह द्वीप उष्णकटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वनों, पर्वत श्रृंखलाओ और तटीय मैदानों से पारिस्थितिक तंत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला का निर्माण करता है।
    • इस द्वीप पर विशाल केकड़ों, केकड़े खाने वाले मकाक ( Crab-Eating Macaques), दुर्लभ मेगापोड (Megapode) के साथ-साथ लेदरबैक कछुए (Leatherback Turtles) भी पाए जाते हैं।
  • भारत में चार जैव विविधता वाले आकर्षण केंद्रों में से एक सुंडालैंड है जिसमें निकोबार द्वीपसमूह भी शामिल है।

आगे की राह

  • महासागर प्रदूषण के लिये सबसे खतरनाक कारकों में से प्लास्टिक प्रदूषण एक के रूप में उभरा है।
  • समुद्री मलबे का लगभग 83% मलबा प्लास्टिक कचरा है।
  • शेष 17% मुख्य रूप से कपड़ा, कागज़, धातु और लकड़ी उद्योग आदि के कारण है।
  • इन द्वीपों की निगरानी के लिये उचित दिशा निर्देशों के साथ- साथ पर्याप्त कर्मचारियों की उपस्थिति ज़रुरी है।
  • साथ ही ठोस अपशिष्ट का उचित प्रबंधन होना चाहिये।

स्रोत: द हिंदू

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