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डेली न्यूज़

भारतीय अर्थव्यवस्था

उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना का विस्तार

  • 22 Oct 2020
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये:

उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना, सनराइज़िंग उद्योग/सेक्टर 

मेन्स के लिये: 

उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना का महत्त्व 

चर्चा में क्यों?

सरकार द्वारा घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये शुरू की गई उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन(Production-Linked Incentive-PLI) योजना का विस्तार शीघ्र ही आठ और अन्य क्षेत्रों में किया जाएगा। 

प्रमुख बिंदु:

  • PLI एक आगत उन्मुख ( output-oriented) योजना है जिसमें निर्माता/उत्पादक यदि किसी सामान का उत्पादन करता है तो उसे केवल प्रोत्साहन (Incentives) राशि का भुगतान किया जाएगा।
  • इस योजना के अंतर्गत पाँच से सात वर्षों के लिये नकद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जिसमें सभी उभरते हुए (Sunrise) महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया जाना प्रस्तावित है।
    • इन विनिर्माण क्षेत्रों में ऑटोमोबाइल, नेटवर्किंग उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण, उन्नत रसायन विज्ञान और सोलर पॉवर सिस्टम शामिल हो सकते हैं।

आवश्यकता: 

  • सनराइज़ सेक्टर उभरते हुए क्षेत्र हैं लेकिन उन्हें प्रारंभिक चरण में सहायता/समर्थन की आवश्यकता हो सकती है।
  • PLI योजना के तहत निर्यात आधार (Export Base) को विभिन्न क्षेत्रों में विकसित किया जा सकता है।
  • आपूर्ति  शृंखलाओं में विविधीकरण (Diversification in Supply Chains) के लिये विश्व में लगातार मांग बढ़ रही है जिसमें  भारत एक प्रमुख प्रतिभागी बन सकता है।
  • भारत को एक विनिर्माण केंद्र बनाने के दृष्टिकोण से सरकार द्वारा मोबाइल फोन (इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण) के लिये PLI योजना शुरू की गई जिसका विस्तार फार्मा उत्पादों (Pharma Products) और चिकित्सा उपकरण (Medical Equipment) के क्षेत्र तक किया गया।

 बड़े स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिये PLI योजना:

  • यह योजना इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और अर्द्धचालक पैकेजिंग सहित घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने तथा इलेक्ट्रॉनिक मूल्य शृंखला में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन/इंसेंटिव का प्रस्ताव प्रस्तुत करती है।
  • योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कंपनियों को अगले 5 वर्षों की अवधि के लिये भारत में निर्मित वस्तुओं की बढ़ती मांग (आधार वर्ष) के आधार पर 4 से 6% का इंसेंटिव प्राप्त होगा।
  • यह योजना केवल लक्षित क्षेत्रों जैसे-मोबाइल फोन और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक घटकों पर लागू होगी।
  • सरकार का अनुमान है कि वर्ष 2025 तक PLI योजना के तहत मोबाइल फोन के लिये घरेलू मूल्य वृद्धि 20-25% के मौजूदा स्तर से बढ़कर 35-40% हो जाएगी जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से 8 लाख अतिरिक्त नौकरियों के लिये अवसर पैदा होंगे।
  • देश में मोबाइल फोन का उत्पादन पिछले चार वर्षों में लगभग आठ गुना तक बढ़ा है और इस उद्योग से प्राप्त आय वर्ष 2014-15 के 18,900 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 1.7 लाख करोड़ रुपए हो गई है।

स्रोत: द हिंदू

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