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शासन व्यवस्था

एकलव्‍य मॉडल रेज़िडेंशियल स्‍कूल

  • 18 Dec 2018
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?


प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs- CCEA) ने 50 प्रतिशत से ज़्यादा जनजातीय आबादी और 20,000 जनजातीय जनसंख्या वाले प्रत्येक प्रखंड (block) में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय अथवा एकलव्य मॉडल रेज़िडेंशियल स्कूल (Eklavya Model Residential Schools- EMRSs) खोलने को सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी है।

  • आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इस योजना को प्रारंभ करने के लिये वित्‍त वर्ष 2018-19 और वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान 2242.03 करोड़ रुपए की वित्‍तीय लागत को मंज़ूरी दी है।

CCEA की मंज़ूरी के अनुसार-

  • EMRS के संचालन के लिये जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत नवोदय विद्यालय समिति (Navodaya Vidyalaya Samiti) के समान एक स्‍वायत्‍त संस्‍था होगी।
  • पहले से स्‍वीकृत EMRS में प्रति स्‍कूल 5 करोड़ रुपए तक की अधिकतम राशि की लागत के आधार पर आवश्‍यकता के अनुसार सुधार कार्य किया जाएगा।
  • 163 जनजातीय बहुल ज़िलों में प्रति 5 करोड़ रुपए लागत वाली खेल सुविधाएँ (Sports Facilities) स्थापित की जाएंगी, इसमें से प्रत्‍येक का निर्माण 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।
  • वित्‍त वर्ष 2018-19 और वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान कुल 15 खेल सुविधाओं के लिये वित्‍तीय प्रावधानों को स्‍वीकृति दी गई है।
  • रख-रखाव के लिये आर्थिक सहायता जो प्रति पाँच वर्ष के लिये 10 लाख रुपए स्‍वीकार्य है, को बढ़ाकर 20 लाख रुपए किया जाएगा।

नया क्या है?

  • उल्लेखनीय है कि 50 प्रतिशत से ज़्यादा जनजातीय आबादी और 20,000 जनजातीय जनसंख्या वाले 102 प्रखंडों में पहले से ही EMRS का संचालन किया जा रहा है। इस प्रकार देश भर में इन प्रखंडों में 462 नए EMRS की स्‍थापना की जाएगी।
  • नई योजना में निर्माण की गुणवत्‍ता में सुधार लाने तथा छात्रों हेतु बेहतर सुविधाओं की उपलब्‍धता सुनिश्चित करने के लिये EMRS की निर्माण लागत को मौजूदा 12 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए करने की परिकल्‍पना की गई है।
  • वित्‍त वर्ष 2019-20 से छात्रों पर बार-बार होने वाले खर्च की राशि मौजूदा 61,500 रुपए प्रति छात्र से बढ़ाकर 1,09,000 रुपए की जाएगी।
  • पूर्वोत्‍तर (North East), पर्वतीय क्षेत्रों (Hilly Areas), दुर्गम क्षेत्रों (difficult areas) तथा वामपंथी उग्रवाद से ग्रसित क्षेत्रों (areas affected by Left Wing Extremisma) में निर्माण के लिये 20 प्रतिशत अतिरिक्‍त राशि उपलब्‍ध कराई जाएगी।

योजना का महत्त्व

  • जनजातीय लोगों की शिक्षा संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने हेतु विशेष हस्‍तक्षेपों पर ध्‍यान केंद्रित किये जाने से उनके जीवन में सुधार लाने के साथ ही उनके अन्‍य सामाजिक समूहों के समकक्ष आने की संभावना है और इसका प्रभाव 2021 की जनगणना में परिलक्षित होगा।

EMRS योजना

  • एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) योजना की शुरुआत वर्ष 1998 में की गई थी और इस तरह के प्रथम स्‍कूल का शुभारंभ वर्ष 2000 में महाराष्‍ट्र में हुआ था।
  • EMRS आदिवासी छात्रों के लिये उत्‍कृष्‍ट संस्‍थानों के रूप में कार्यरत हैं।
  • राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में 480 छात्रों की क्षमता वाले EMRS की स्थापना भारतीय संविधान के अनुच्छेद-275 (1) के अंतर्गत अनुदान द्वारा विशेष क्षेत्र कार्यक्रम (Special Area Programme- SAP) के तहत की जा रही है।
  • अनुसूचित जनजाति के बच्‍चों को अच्‍छी शिक्षा प्रदान करने के लिये EMRS एक उत्‍कृष्‍ट दृष्टिकोण है। EMRS में छात्रावासों और स्टाफ क्‍वार्टरों सहित स्‍कूल की इमारत के निर्माण के अलावा खेल के मैदान, छात्रों के लिये कंप्यूटर लैब, शिक्षकों के लिये संसाधन कक्ष आदि का भी प्रावधान किया गया है।

स्रोत : पी.आई.बी.

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