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डेली न्यूज़

भारतीय अर्थव्यवस्था

भारत का निर्यात दोगुना करने की सिफारिश

  • 23 May 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति ने भारत द्वारा किये जाने वाले वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात को वर्ष 2025 तक दोगुना अर्थात् 1000 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने की सिफारिश की है। इस समिति का गठन अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला के नेतृत्व में किया गया था।

समिति की सिफारिशें

  • समिति ने ‘एलिफेंट बॉण्ड्स’ जारी करने का सुझाव दिया है, जिसके अंतर्गत अघोषित आय की घोषणा करने वाले लोगों को अनिवार्य रूप से उस राशि का आधा हिस्सा इन प्रतिभूतियों में निवेश करना होगा।
  • ‘एलीफेंट बॉण्ड’ एक 25 साल का संप्रभु बॉण्ड है जिसमें अघोषित आय की घोषणा करने वाले लोग 50 प्रतिशत निवेश करने के लिये बाध्य होंगे।
  • इस  बॉण्ड से प्राप्त निधि का इस्तेमाल केवल अवसंरचना विकास से संबंधित परियोजनाओं के लिये किया जाएगा।
  • कर की दरें : समित ने प्रभावी कॉर्पोरेट कर की दर कम करने, पूंजी की लागत में कमी लाने और विदेशी निवेश कोष के लिये विनियामक और कर ढाँचे को सरल बनाने की सिफारिश की है।
  • समिति ने निर्यात-आयात बैंक (EXIM Bank) बैंक का पूंजीगत आधार वर्ष 2022 तक 20,000 करोड़ रुपए तक बढ़ाने की सिफारिश की है।
  • मुक्त व्यापार समझौते: मुक्त व्यापार समझौतों (Free Trade Agreements-FTA’s) पर हस्ताक्षर करने से पहले उद्योग और MSMEs से इनपुट प्राप्त करना और उन्हें इसके लाभों के बारे में सचेत करना।
  • मौजूदा समझौतों के गहन मूल्यांकन तथा भारतीय उद्योग की प्रतिस्पर्द्धात्मकता पर इन समझौतों के प्रभाव की आवश्यकता।
  • भविष्य  में होने वाली FTA वार्ता और इस तरह के मूल्यांकन के आधार पर एक डेटाबेस को बनाए रखने के लिये उपचारात्मक उपायों पर विचार करने की सिफारिश भी की गई है।
  • विश्व व्यापार संगठन के उपाय: राज्य सरकारों को विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization-WTO) के मानकों के अनुरूप समर्थन प्रदान कर निर्यात प्रतिस्पर्द्धा में सुधार करने के लिये निकटता से शामिल होने की आवश्यकता है।
  • शुल्क संरचना (Tarrif Structure): शुल्क संरचना के संबंध में एक व्यापक निर्यात रणनीति तैयार करने और टैरिफ संरचना को युक्तिसंगत बनाने की सिफारिश की गई है।
  • उद्योग-विशिष्ट सिफारिशों/सुझावों में शामिल हैं:
  • कपड़ा और वस्त्र क्षेत्र: श्रम कानूनों जैसे औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 (Industrial Disputes Act, 1947) में संशोधन, फर्म के आकार पर परिसीमन (Limitation) को हटाने और विनिर्माण फर्मों को आगे बढ़ने की अनुमति दी जानी चाहिये।
  • चिकित्सा पर्यटन: चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये एक अखिल भारतीय पर्यटन बोर्ड का गठन करने के साथ ही चिकित्सा वीजा व्यवस्था को सरल बनाया जाना चाहिये।
  • कृषि निर्यात: कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिये आवश्यक वस्तु अधिनियम और कृषि उपज बाज़ार समिति (Agricultural Produce Market Committee-APMC) को समाप्त किया जाना चाहिये।
  • चिकित्सा क्षेत्र : चिकित्सा उपकरणों के लिये एकल मंत्रालय और इस क्षेत्र के लिये अलग विनियमन स्थापित किया जाना चाहिये।

निर्यात में वृद्धि से लाभ

निर्यात को बढ़ावा देने से देश में रोज़गार सृजन होगा, विनिर्माण प्रोत्साहन मिलेगा और अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करने में मदद मिलेगी।

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