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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

सामान्य उपयोग की 30 वस्तुओं से जीएसटी की दर में कटौती का निर्णय

  • 12 Sep 2017
  • 3 min read

चर्चा में क्यों ? 

वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) नेटवर्क में समस्या के कारण जीएसटी रिटर्न फाइल करने में कठिनाई का सामना कर रही फर्मों को जीएसटी परिषद ने शनिवार को कुछ राहत देते हुए रिटर्न फाइल करने की अंतिम समय सीमा को बढ़ा दिया है। परिषद ने आईटी (IT) चुनौतियों का आकलन करने और उसे ठीक करने के लिये एक मंत्रिस्तरीय समूह स्थापित करने का भी निर्णय लिया है। 

प्रमुख बिंदु

  • वस्तु और सेवा कर परिषद ने उपभोक्ताओं को कुछ और राहत प्रदान करने हेतु सामान्य उपयोग की 30 वस्तुओं पर जीएसटी की दर में कटौती करने का निर्णय लिया है। 
  • इसी तरह छोटी कारों पर से 2% से 7%  तक की सेस (cess) वृद्धि को समाप्त कर दिया है। 
  • परिषद ने जीएसटी के क्रियान्वयन के दौरान सामना की जाने वाली तकनिकी चुनौतियों की निगरानी करने और उनका हल करने के लिये एक मंत्रिस्तरीय समूह स्थापित करने का निर्णय लिया है। 
  • राजस्व सचिव के अधीन अधिकारियों के एक पैनल को निर्यातकों द्वारा सामना की जा रही समस्याओं की जाँच करने के लिये कहा गया है।
  • भारतीय निर्यातक संघ का कहना है कि निर्यात पर भुगतान किये गए करों का शीघ्रता से रिफंड, एकीकृत जीएसटी लेवी से निर्यात उन्मुख इकाइयों को छूट जैसे अनेक मुद्दें हैं, जिन पर ध्यान दिये जाने की आवश्कता है।  

जीएसटी परिषद एक नज़र :

  • इसका निर्माण संविधान के अनुच्छेद 279ए में संशोधन के तहत किया गया है।
  • इस परिषद में सभी 29 राज्यों और दो संघ शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। 
  • परिषद नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के लिये कर की दर, उसमें दी जाने वाली छूट तथा इसकी सीमा निर्धारण करेगी।  
  • परिषद के अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री हैं और इसमें सदस्य के तौर पर वित्त राज्य मंत्री के अलावा राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं।
  • केंद्र का इसमें एक-तिहाई मत है जबकि राज्यों का दो-तिहाई मत है। 
  • कोई भी प्रस्ताव स्वीकृत होने के लिये तीन-चौथाई बहुमत का होना ज़रूरी है।
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