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भारतीय अर्थव्यवस्था

आभासी मुद्रा पर अंतर-मंत्रालयी समिति की रिपोर्ट

  • 24 Jul 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वित्त सचिव सुभाष गर्ग की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर गठित अंतर-मंत्रालयी समिति ने वित्त मंत्रालय के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।

समिति का कार्य

  • समिति का कार्य क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंध एवं आधिकारिक डिज़िटल मुद्रा नियमन विधेयक, 2019 (Banning of Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill) के मसौदे पर रिपोर्ट प्रस्तुत करना था।

Crypto currency

समिति की सिफारिशें

  • समिति के अनुसार निजी क्रिप्टोकरेंसी में कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है। इनका कोई निर्धारित मूल्य नहीं है। निजी क्रिप्टोकरेंसी न तो मूल्य के भंडार के रूप में कार्य करती है और न ही यह विनिमय का माध्यम है।
  • समिति के अनुसार शुरुआती समय से ही निजी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।
  • विधेयक के मसौदे के अनुसार जो कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से क्रिप्टोकरेंसी को ढालता है, इसे बनाता है, रखता है, बेचता है, इसका कारोबार करता है, हस्तांतरण करता है, निपटारा करता है या जारी करता है, उस पर ज़ुर्माना लगाया जाएगा या उसे एक साल से दस साल तक की कैद या दोनों हो सकती हैं।
  • समिति ने सिफारिश की है कि आधिकारिक डिज़िटल करेंसी पर विचार करने के लिये सरकार द्वारा एक समिति का गठन किया जाना चाहिये। इसमें RBI, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय तथा वित्तीय सेवा विभाग के प्रतिनिधियों को शामिल किया जा सकता है। यदि सरकार द्वारा आधिकारिक डिज़िटल करेंसी को लाने का निर्णय किया जाता है तो इसके नियमन का अधिकार आर.बी.आई. के पास होना चाहिये।
  • डी.एल.टी. के मुद्दे पर समिति ने सिफारिश की है कि वित्त मंत्रालय और आर.बी.आई., सेबी, IRDF, PFRDA को DLT के इस्तेमाल की पहचान करनी चाहिये। इसके लिये इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय और GST नेटवर्क द्वारा प्रौद्योगिकी सहायक की भूमिका निभाई जानी चाहिये।
  • समिति ने वित्त और इससे जुड़े क्षेत्रों में DLT के प्रयोग के नियमन और इसे बढ़ावा देने के लिये विधेयक के मसौदे में एक विशेष कानून बनाने का भी प्रस्ताव पेश किया है।
  • समिति के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के लिये उपयोग में लाई जाने वाली तकनीक डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (Distributed Ledger Technology-DLT) देश में वित्तीय लेन-देन, के.वाई.सी. (Know Your Customer) लागत में कमी लाने, क्रेडिट एसेट (Credit Asset) में सुधार करने के साथ-साथ अन्य वित्तीय तथा गैर-वित्तीय क्षेत्रों में भी महत्त्वपूर्ण योगदान प्रदान कर सकती है।
  • समिति के अनुसार डेटा को स्थानीय स्तर पर संरक्षित रखने के लिये डेटा संरक्षण कानून में प्रस्तावित आवश्यकताओं को सावधानी से लागू किया जाना चाहिये ताकि भारतीय कंपनियों और उपभोक्ताओं पर इसका प्रतिकूल असर न पड़े। समिति ने सेबी को निर्गम जारी करने की मौजूदा व्यवस्था के विकल्प के रूप में IPO और FPO के लिये DLT के इस्तेमाल पर विचार करने का सुझाव दिया है।

डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी क्या है?

  • डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी में ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए लेन-देन और डाटा एक स्वतंत्र कंप्यूटर में रिकार्ड या स्टोर किया जाता है, जबकि परंपरागत लेजर में डाटा एक जगह केंद्रीयकृत रूप से स्टोर किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्या है?

  • यह एक डिज़िटल या क्रिप्टोकरेंसी है जिसमें सुरक्षा के लिये क्रिप्टोग्राफी तकनीक उपयोग में लाई जाती है। इसकी सुरक्षा वैशिष्ट्य के कारण इसका जाली रूप बनाना मुश्किल है।
  • इसे किसी केंद्रीय या सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं किया जाता है। अतः सैद्धांतिक रूप से यह सरकारी हस्तक्षेप से मुक्त है।
  • वर्ष 2009 में किसी समूह या व्यक्ति ने सतोशी नाकामोतो के छद्म नाम से ‘बिटकॉइन’ के नाम से पहली क्रिप्टोकरेंसी बनाई।

स्रोत: पी.आई.बी.

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