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डेली न्यूज़

भारतीय अर्थव्यवस्था

कॉर्पोरेट और विरासत

  • 02 May 2018
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में कॉर्पोरेट समूह डालमिया ने भारत में ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ (Adopt a Heritage) योजना के तहत दिल्ली स्थित लाल किला तथा आंध्र प्रदेश के कदपा ज़िला स्थित गंदिकोटा किला को गोद लिया है।

‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ (Adopt a Heritage)

पर्यटन मंत्रालय द्वारा विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर 27 सितंबर, 2017 को ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ की शुरुआत की गई थी। यह भारतीय पर्यटन मंत्रालय, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग तथा राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के मध्य पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु शुरू की गई एक सहयोगी योजना है। इसमें हमारे समृद्ध और विविध विरासत स्मारकों को पर्यटन मैत्री बनाने की क्षमता है। यह योजना भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) के प्रमुख स्मारकों में शुरू की गई है, जिसके तहत अभी तक देश के 95 स्मारकों को शामिल किया जा चुका है।

प्रमुख बिंदु

  • इस योजना के तहत अगले पाँच साल तक डालमिया, भारत में इन विरासत स्थलों में बुनियादी एवं आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने के साथ-साथ इनके संचालन तथा रख-रखाव की ज़िम्मेदारी भी निभाएगा।
  • इस समझौते के तहत डालमिया भारत, छह महीने के भीतर लाल किला में ज़रूरी सुविधाएँ जैसे- एप बेस्ड गाइड, डिजिटल स्क्रीनिंग, फ्री वाईफाई, डिजिटल इंटरैक्टिव कियोस्क, पानी की सुविधा, टेक्टाइल मैप, रास्तों पर लाइटिंग, बैटरी से चलने वाले वाहन, चार्जिंग स्टेशन, सर्विलांस सिस्टम आदि उपलब्ध कराएगा।
  • कंपनी सीएसआर इनिशिएटिव यानी कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने के माध्यम से इनका रख-रखाव करने और पर्यटकों के लिये शौचालय, पीने का पानी, रोशनी की व्यवस्था करने और क्लॉकरूम आदि बनवाने के लिये लगभग 5 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष खर्च करेगी।
  • हालाँकि एडॉप्ट ए हेरिटेज की वेबसाइट पर अनुपालन दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि यदि कंपनी भारत के पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) दिशानिर्देशों का पालन नहीं करती है तो पाँच वर्ष का अनुबंध समाप्त किया जा सकता है। 

भारत के पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI)

  • संस्कृति मंत्रालय के अधीन यह राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासतों के पुरातत्त्वीय अनुसंधान तथा संरक्षण के लिये एक प्रमख संगठन है।
  • इसका मुख्य कार्य राष्ट्रीय महत्त्व के प्राचीन स्मारकों तथा स्थलों  और भग्नावशेषों का रखरखाव करना है।
  • प्राचीन स्मारक और पुरातात्त्विक अधिनियम,1958 के प्रावधान ASI का मार्गदर्शन करते हैं।
  • पुरावशेष एवं बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम, 1972 ASI के कामकाज को दिशा देता है।
  • ASI राष्ट्रीय महत्त्व के प्रमुख पुरातात्त्विक स्थलों की बेहतर देखभाल के लिये संपूर्ण देश को 24 मंडलों में बाँटता है।
  • इसके साथ ही यदि गोद लेने के बाद जब तक स्मारक की वैधानिक स्थिति नहीं बदलेगी तब तक सरकार की अनुमति के बिना जनता से कोई पैसा एकत्र नहीं किया जाएगा।

दिल्ली का लाल किला 

  • दिल्ली के लाल किले को बसाने का श्रेय शाहजहाँ को है।
  • शाहजहाँ ने 1638 ई. में यमुना नदी के दाहिने तट पर शाहजहाँनाबाद नामक नगर की नींव डाली।
  • इस नगर में 14 फाटक और चाँदनी चौक  बाज़ार बनाया गया एवं बाज़ार के बीच से नहर निकाली गई, जिसे ‘नहर-ए-विहिस्त’ कहा गया।
  • इसी शाहजहाँनाबाद में अष्टभुजाकार लाल किले का निर्माण करवाया गया।
  • 648 ई. में लाल बलुआ पत्थर निर्मित इस किले में रंगमहल, हीरामहल, नौबतखाना, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास आदि महत्त्वपूर्ण ईमारतें हैं।
  • लाल किले में बनी दीवान-ए-आम इमारत के स्तंभों पर नौ द्वारों वाली लहरदार मेहराबों का एक कक्ष है, जिसका एक हिस्सा बंगाल शैली की छत से बना है।
  • इसी छत के नीचे तख़्त-ए-ताउस से लगे हुए रंगमहल का निर्माण शाही परिवार के लोगों के लिये किया गया था।
  • लाल किले में औरंगज़ेब ने मोती मस्ज़िद का निर्माण करवाया था, जिसकी बायीं तरफ हयात बख्त बाग बनाया गया है।
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