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भारतीय अर्थव्यवस्था

रिज़र्व बैंक विनियमन के तहत आने वाले सहकारी बैंक

  • 07 Feb 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

सहकारी बैंक, RBI

मेन्स के लिये:

सहकारी बैंकों हेतु RBI की भूमिका

चर्चा में क्यों?

5 फरवरी, 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सहकारी बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank Of India- RBI) विनियमन के तहत शामिल करने के लिये बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु

  • हाल ही में पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (Punjab & Maharashtra Cooperative-PMC) बैंक संकट को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया है।
  • 1500 सहकारी बैंकों में कुल 8.6 लाख खाताधारक हैं, जिनकी कुल जमा राशि लगभग 5 लाख करोड़ रुपए है।
  • सहकारी बैंकों के प्रशासनिक मामले सहकारिता रजिस्ट्रार के अंतर्गत ही रहेंगे। हालाँकि अब इन बैंकों को RBI के बैंकिंग दिशा-निर्देशों के तहत विनियमित किया जाएगा। इनकी ऑडिटिंग भी इसके मानदंडों के अनुसार ही की जाएगी। इससे पहले RBI निजी और सरकारी बैंकों को नियंत्रित और विनियमित करता था।
  • मुख्य कार्यकारी अधिकारियों सहित अन्य सदस्यों की नियुक्तियों के लिये योग्यता का निर्धारण किया जाएगा। प्रमुख पदों पर नियुक्ति के लिये RBI से पूर्व अनुमति लेनी आवश्यक होगी और नियामक ऋण माफी जैसे मुद्दों का निपटान किया जा सकेगा।
  • वित्तीय संकट में RBI के पास किसी भी सहकारी बैंक के बोर्ड को पृथक करने की शक्ति होंगी।
  • इन मानकों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
  • बैंक जमा पर 1 से 5 लाख रुपए तक के इंश्योरेंस कवर में वृद्धि करने के सरकार के निर्णय के साथ-साथ प्रस्तावित संशोधनों से सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिरता में वृद्धि होगी तथा बैंकिग व्यवस्था में लोगों का विश्वास बढ़ेगा।

सहकारी बैंक

  • सहकारी बैंक का आशय उन छोटे वित्तीय संस्थानों से है जो शहरी और गैर-शहरी दोनों क्षेत्रों में छोटे व्यवसायों को ऋण की सुविधा प्रदान करते हैं।
  • सहकारी बैंक आमतौर पर अपने सदस्यों को कई प्रकार की बैंकिंग और वित्तीय सेवाएँ जैसे- ऋण देना, पैसे जमा करना और बैंक खाता आदि प्रदान करते हैं।
  • सहकारी बैंक संगठन, उद्देश्यों, मूल्यों और शासन के आधार पर वाणिज्यिक बैंकों से भिन्न होते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि सहकारी बैंक का प्राथमिक लक्ष्य अधिक-से-अधिक लाभ कमाना नहीं होता, बल्कि अपने सदस्यों को सर्वोत्तम उत्पाद और सेवाएँ उपलब्ध कराना होता है।
  • सहकारी बैंकों का स्वामित्व और नियंत्रण इसके सदस्यों द्वारा ही किया जाता है, जो लोकतांत्रिक रूप से निदेशक मंडल का चुनाव करते हैं।
  • ये भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा विनियमित किये जाते हैं एवं बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के साथ-साथ बैंकिंग कानून अधिनियम, 1965 के तहत आते हैं।
  • सहकारी बैंक सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत किये जाते हैं।

स्रोत: द हिंदू

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