जैव विविधता और पर्यावरण
COVID-19 से बचाव के लिये प्लाज़्मा थेरेपी
- 17 Feb 2020
- 5 min read
प्रीलिम्स के लिये:कोरोनावायरस, COVID-19 मेन्स के लिये:COVID-19 से बचाव के लिये प्लाज़्मा थेरेपी से संबंधित विभिन्न तथ्य |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में चीन के शोधकर्त्ताओं द्वारा COVID-19 से प्रभावित रोगियों के उपचार के लिये एक विशेष प्लाज़्मा तैयार किया गया है।
मुख्य बिंदु:
- COVID-19 से पीड़ित रोगियों के उपचार के लिये किसी भी निवारक वैक्सीन या विशिष्ट एंटीवायरल की अनुपस्थिति में नोबल कोरोनावायरस SARS-CoV-2 से संक्रमित रोगियों के उपचार के लिये यह प्लाज़्मा उन लोगों से लिया गया है जो कोरोना वायरस से ग्रस्त थे और अब स्वस्थ हो चुके हैं।
COVID-19 से बचाव के लिये प्लाज़्मा:
- चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग द्वारा इस प्लाज़्मा को एक चिकित्सीय विधि (Therapeutic Method) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
- स्वस्थ हो चुके COVID-19 के रोगियों के शरीर में कोरोनावायरस के लिये बहुत से एंटीबॉडी उत्पन्न हो जाते हैं।
- इस पद्धति में स्वस्थ हो चुके COVID-19 के रोगियों के शरीर से इस प्लाज़्मा को प्राप्त किया जाता है तथा रोगी के शरीर में इन्हें प्रविष्ट कराकर उसका उपचार किया जाता है।
- गंभीर रूप से बीमार रोगियों के उपचार के लिये इन एंटीबॉडी का उपयोग करने से उनके बचने की उम्मीद जगी है।
उपचार:
- चीन की एक दवा कंपनी ने चिकित्सीय उत्पादों जैसे-प्लाज़्मा और प्रतिरक्षा ग्लोब्युलिन (Globulin) को तैयार करने के लिये कुछ स्वस्थ हो चुके COVID-19 के रोगियों के शरीर से प्लाज़्मा एकत्र किया।
- 20 जनवरी 2020 से वुहान में COVID-19 के रोगियों के शरीर से लिये गए प्लाज़्मा से एक दर्जन से अधिक रोगियों का उपचार किया जा रहा है।
- जिन रोगियों का उपचार प्लाज़्मा थेरेपी द्वारा किया गया, उनमें थेरेपी दिये जाने के 12-24 घंटे बाद नैदानिक लक्षणों में सुधार दिखाई दिया।
- उपचार के बाद ही रक्त में ऑक्सीजन के संचार में सुधार हुआ और बीमारी बढ़ाने वाले वायरस की संख्या में कमी पाई गई।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे प्रयोग:
- यह पहली बार नहीं है जब स्वस्थ हो चुके रोगियों के प्लाज़्मा का उपयोग वायरस से संक्रमित उन लोगों के उपचार के लिये किया गया है, जिनके लिये दवाएँ उपलब्ध नहीं हैं।
- वर्ष 2014 में जब इबोला वायरस से गिनी, सिएरा लियोन और लाइबेरिया प्रभावित हुए थे तब भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने इस वायरस से उबरने वाले रोगियों से प्राप्त होने वाले प्लाज़्मा से उपचार किये जाने प्राथमिकता दी थी।
प्रारंभिक परीक्षण:
- वर्ष 2015 में फरवरी के मध्य और अगस्त की शुरुआत में गिनी में इबोला के रोगियों में किये गए एक परीक्षण में वायरस से उबरने वाले रोगियों से प्राप्त प्लाज़्मा से उपचारित 84 रोगियों में बहुत कम लाभ देखने को मिला।
- इस प्लाज़्मा से रोगी का उपचार किया जाना एक पुरानी विधि है, इसका उपयोग खसरा, चेचक और रेबीज़ के खिलाफ किया जा चुका है।
- रेबीज़ के मामले में इस पद्धति को कुत्ते के काटने के बाद और रोग विकसित होने से पहले निष्क्रिय टीकाकरण के रूप में प्रयोग किया जाता है।
अन्य तथ्य:
- एंटीबॉडी युक्त प्लाज़्मा द्वारा उपचार करने का सबसे अच्छा समय बीमारी विकसित होने से पहले का होता है। यही कारण है कि स्वस्थ हो चुके रोगियों के प्लाज़्मा का उपयोग करने वाली यह पद्धति अन्य वायरल रोगों के लिये लोकप्रिय नहीं है
- COVID-19 के मामले में जब तक निमोनिया का पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।