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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

COVID-19 से निपटने में IITs का योगदान

  • 08 Apr 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

COVID-19

मेन्स के लिये:

COVID-19 से निपटने में IITs का योगदान

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विभिन्न भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (Indian Institutes Of Technologies-IITs) ने COVID-19 से निपटने हेतु विभिन्न प्रकार की तकनीकें विकसित की हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • विभिन्न भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों ने वेंटिलेटर, परीक्षण किट, स्वास्थ्य कर्मियों के लिये व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (Personal Protective Equipment- PPE) से संबंधित तकनीक विकसित की हैं।
  • इन तकनीकों की लागत कम होने के साथ ही यह COVID-19 के प्रसार को रोकने में मील का पत्थर साबित होंगीं। 

विभिन्न भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों का योगदान इस प्रकार है:

  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली:
    • IIT दिल्ली के शोधकर्त्ताओं ने COVID-19 का पता लगाने के लिये परीक्षण किट विकसित की है। इससे COVID-19 की जाँच में आने वाला खर्च बहुत कम हो सकता है।
    • उल्लेखनीय है कि ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ (National Institute of Virology) पुणे द्वारा इस किट का परीक्षण किया जा रहा है।
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- गुवाहाटी:
    • IIT गुवाहाटी ने फेस शील्ड (Face Shield) का प्रोटोटाइप विकसित किया है।

फेस शील्ड (Face Shield):

  •  फेस शील्ड का उपयोग चेहरे को ढकने में किया जाता है। 
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, डॉक्टर और दूसरे स्टॉफ इसे पहनकर COVID-19 पीड़ितों का इलाज कर सकेंगे। इसे व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (Personal Protective Equipment- PPE) के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।

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  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- कानपुर:
    • IIT कानपुर की इनक्यूबेटर कंपनी ‘नोका रोबोटिक्स’ (Nocca Robotics) ने एक सस्ते वेंटिलेटर का निर्माण किया है। इस कंपनी के इनोवेटर्स की टीम ने वेंटिलेटर का एक प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है। इस वेंटिलेटर की लागत करीब 70 हजार रुपए होगी, जबकि वर्तमान में बाज़ार में मौज़ूद वेंटिलेटर की कीमत लगभग 4 लाख रुपए है। 
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- हैदराबाद:
    • IIT हैदराबाद के शोधकर्त्ताओं ने WHO के दिशा-निर्देशों के आधार पर एक फार्मूला विकसित किया है, जिससे बड़े पैमाने पर सैनिटाइज़र का उत्पादन किया जा सकता है। 
    • IIT हैदराबाद ने वेंटिलेटर का विकल्प भी तैयार किया है। शोधकर्त्ताओं ने एक बैग वाल्व मास्क (Bag Valve Masks)  विकसित किया है, जो आपातकालीन स्थिति में रोगियों हेतु सहायक साबित हो सकता है। 

इंजीनियरिंग संस्थानों का सुझाव:

  • प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों ने प्रोटोटाइप (Prototypes) के उत्पादन को बढ़ाने और लॉकडाउन के कारण कच्चे माल की खरीद में आने वाली कठिनाइयों को कम करने हेतु सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के साथ साझेदारी करने में सरकार की सहायता मांगी है। 

आगे की राह:

  • COVID-19 से बचाव की तैयारी न केवल सरकार का उत्तरदायित्व है बल्कि सभी संस्थानों, संगठनों, निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों, यहाँ तक ​​कि सभी व्यक्तियों को आकस्मिक और अग्रिम तैयारी की योजनाएँ बनाना चाहिये।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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