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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

तेल रिसाव के निस्तारण हेतु प्रयास

  • 29 Nov 2017
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में शोधकर्त्ताओं द्वारा आए दिन होने वाले तेल रिसाव की समस्या का समाधान करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। शोधकर्त्ताओं द्वारा कमरे के तापमान पर दो रसायनों के मिश्रण की एक सरल एकल-चरणीय प्रक्रिया के माध्यम से एक संश्लेषित रासायनिक अवयव (Meisenheimer complex) तैयार किया गया है। 

मुख्य बिंदु

  • यह रासायनिक अवयव पीने के पाने में घुले/रिसाव के कारण फैले फ्लोराइड और धातु आयनों जैसे कि सीसा, पारा, कैडमियम, तांबे और लोहे को पानी से दूर करने में अत्यधिक प्रभावी पाया गया है।
  • कोलकाता के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आई.आई.एस.ई.आर.) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने तेल फैलाव की समस्या के निवारण हेतु उक्त परीक्षण किया। 
  • पानी को अवशोषित करने वाले एक पॉलीस्टारेन स्पंज (polystyrene sponge) पर जब रासायनिक यौगिक का लेपन किया गया तो वह एक जल-प्रजनन मैटीरियल (water-repelling material) के रूप में परिवर्तित हो गया। इस प्रकार यह विभिन्न प्रकार के तेलों के साथ-साथ जल से कार्बनिक सॉल्वैंट्स को अवशोषित करने में भी सक्षम हो गया।
  • इस रासायनिक यौगिक में नकारात्मक और सकारात्मक चार्ज दोनों पाए जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप यह पानी से धातु आयन प्रदूषण और फ्लोराइड को अवशोषित करने में सहायक साबित होता है।
  • एक ग्राम यौगिक पानी से बड़ी मात्रा में लेड (817 मिलीग्राम), पारा (830 मिलीग्राम), तांबा (451 मिलीग्राम) और लोहा (511 मिलीग्राम) को सोखने में सक्षम है।

तेल रिसाव क्या होता है ?

  • तेल रिसाव एक प्रकार का प्रदूषण है जिसमें मानवीय गतिविधियों के कारण तरल पेट्रोलियम हाईड्रोकार्बन  पर्यावरण में मुक्त हो जाता है। 
  • इस शब्द का प्रयोग अक्सर समुद्री तेल रिसाव के लिये किया जाता है, जहाँ तेल समुद्र में अथवा तटीय जल में मुक्त हो जाता है।  
  • तेल रिसाव में कच्चे तेल, परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों, उनके उप-उत्पादों का रिसाव और बेड़े में प्रयुक्त होने वाले भारी ईंधन जैसे बंकर ईंधन का रिसाव या किसी तैलीय अवशिष्ट का या अपशिष्ट तेल का रिसाव शामिल है।  
  • इनका रिसाव टैंकर से, अपतटीय प्लेटफार्म से, खुदाई उपकरणों से तथा कुओं इत्यादि से भी हो सकता है।
  • प्राकृतिक तेल रिसाव से भी तेल समुद्री पर्यावरण में प्रवेश करता है। यह तेल जलीय जीवों को प्रभावित करने के साथ ही, इससे संबंधित पक्षियों के पंखों की संरचना में प्रवेश कर, उनकी उत्प्लावकता और भोजन की तलाश में तथा शिकारियों से बचने के लिये उनकी उड़ान क्षमताओं को भी कम करता है। 
  • उदाहरण के लिये, जब पक्षी चोंच से अपने परों को खुजाते हैं तो परों पर लगा हुआ तेल निगल जाते हैं, जिसके कारण उनके अंगों में नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न होता है तथा पाचन तंत्र में जलन होती है।

तेल रिसाव की सफाई 

  • रिसाव को साफ करने में महीनों या सालों लग सकते हैं। तेल रिसाव की सफाई और बहाली कठिन है तथा यह तेल के प्रकार, पानी के तापमान तथा तटरेखाओं और समुद्रतटों के प्रकार इत्यादि कारकों पर निर्भर करता है।
  • प्रयुक्त उपकरणों में शामिल हैं :
  • ‘बूम’ ये तैरते हुए बड़े अवरोध हैं जो तेल को एकत्र कर उसे जल से ऊपर उठाते हैं।

► ‘स्किमर्स‘ तेल की सतह से फेन हटाते हैं।
► ‘सॉर्बेंट्स ‘ बड़े अवशोषक हैं जो तेल का अवशोषण करते हैं। 
► ‘रासायनिक और जैविक एजेंट’ जो तेल के अपघटन में सहायता करते हैं; ‘निर्वात’ समुद्र तटों और पानी की सतह से तेल हटाता है; ‘फावड़ा और अन्य सड़क उपकरण’ आम तौर पर समुद्र तट पर तेल साफ करने के लिये इस्तेमाल किया जाता है|

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