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‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना

  • 02 Jul 2020
  • 7 min read

प्रीलिम्स के लिये:

‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना, अभ्यास और सम्मोहन कार्यक्रम 

मेन्स के लिये:

‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना

चर्चा में क्यों?

देश में वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने के लिये 'विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग' (Department of Science and Technology- DST) के तहत सांविधिक निकाय 'विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड' (Science and Engineering Research Board- SERB) द्वारा ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ (Accelerate Vigyan) योजना की शुरुआत की गई है।

प्रमुख बिंदु:

  • योजना के माध्यम से विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों को शोध, इंटर्नशिप, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं से संबंधित एकल राष्ट्रीय मंच प्रदान किया जाएगा।
  • SERB की स्थापना संसद के अधिनियम के माध्यम से 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान की गई थी, जो विज्ञान और इंजीनियरिंग में बुनियादी अनुसंधान को बढ़ावा देने तथा वित्तीय सहायता प्रदान करने का कार्य करता है। 

‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ (Accelerate Vigyan) योजना:

 उद्देश्य:

  • योजना का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करना और वैज्ञानिक श्रमशक्ति तैयार करना है, ताकि अनुसंधान-आधारित करियर और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण हो सके।
  • राष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान क्षमता, सलाह, प्रशिक्षण और कार्यशालाओं की पहचान करने वाले तंत्र को आरंभ करना तथा मज़बूती प्रदान करना।

दृष्टिकोण:

  • योजना का मूल दृष्टिकोण अनुसंधान के आधार को विस्तृत करना है।

योजना के लक्ष्य:

  • योजना के तीन व्यापक लक्ष्य निम्नलिखित हैं:
    • वैज्ञानिक कार्यक्रमों का सामेकन करना;
    • हाई-एंड अनुसंधान कार्यशालाओं की शुरुआत करना:
    • जिन लोगों की अनुसंधान कार्यशालाओं तक पहुँच न हो उनके लिये अनुसंधान इंटर्नशिप के अवसर पैदा करना। 

योजना के प्रमुख घटक:

‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना के 2 प्रमुख घटक (Component) हैं:

1. अभ्यास (ABHYAAS)
2. सम्मोहन (SAMMOHAN)

1. ‘अभ्यास‘ (ABHYAAS) घटक:

  • अभ्यास’ (ABHYAAS)’; ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना का एक प्रमुख घटक है, जिसका लक्ष्य स्नातकोत्तर (Post-Graduate) एवं पीएचडी के छात्रों को उनके संबंधित विषयों में कौशल विकास को प्रोत्साहित करना है।
  • इस कार्यक्रम के दो उप-घटक ‘कार्यशाला’ (KARYASHALA) और ‘वृत्तिका’ (VRITIKA) हैं:
  • ‘कार्यशाला’ (KARYASHALA):
    • यह एक हाई-एंड वर्कशॉप के रूप में कार्य करेगी। 
  • ‘वृत्तिका’ (VRITIKA):
    • यह रिसर्च इंटर्नशिप कार्यक्रम है। 
    • हाल ही में ‘कार्यशाला’ और ‘वृत्तिका’ घटकों के तहत शीतकालीन सत्र (दिसंबर 2020 से जनवरी 2021) के लिये आवेदन आमंत्रित किये गए हैं।

2. सम्मोहन (SAMMOHAN) घटक:

  • 'सम्मोहन' घटक कार्यक्रम के 2 उप-घटक संयोजिका (SAONJIKA) और संगोष्ठी (SANGOSHTI) हैं।
  • संयोजिका (SAONJIKA):
    • इसका उद्देश्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में क्षमता निर्माण गतिविधियों को सूचीबद्ध करना है।
  • संगोष्ठी (SANGOSHTI):
    • संगोष्टी, SERB का पूर्व में संचालित किया जा रहा कार्यक्रम है।

मिशन मोड के तहत कार्यान्वयन:

  • ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना को मिशन मोड के तहत कार्यान्वित किया जाएगा।
    • मिशन मोड परियोजनाओं को एक तय समय सीमा में पूरा करना होता है तथा प्राप्त किये गए लक्ष्यों के परिणामों के मापन के स्पष्ट मानक होते हैं
  • विभिन्न मंत्रालयों/विभागों तथा कुछ अन्य सदस्यों को मिलाकर एक ‘अंतर मंत्रालयी निरीक्षण समिति’ (Inter-Ministerial Overseeing Committee- IMOC) का गठन किया गया है। 
    • IMOC योजना को कार्यान्वित करने में SERB की सहायता और समर्थन प्रदान करेगा।

योजना का महत्त्व:

  • योजना के अंतर्गत विभिन्न विषयों पर केंद्रित उच्च स्तरीय कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे आगामी पाँच वर्षों में करीब 25 हज़ार स्नातकोत्तर एवं पीएचडी छात्रों को आगे बढ़ने के अवसर मिल सकते हैं।
  • योजना देश के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों एवं प्रयोगशालाओं को एक साथ मिलकर कार्य करने का अवसर प्रदान करती है।
  • भारत में शैक्षणिक प्रयोगशालाएँ बहुत खराब स्थिति में है। योजना के तहत सुरक्षित वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

निष्कर्ष:

  • प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करने की की दिशा में शुरू की गई ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना देश में क्षमता निर्माण की दृष्टि से सभी हितधारकों के लिये महत्त्वपूर्ण हो सकती है। यह योजना देश के वैज्ञानिक समुदाय की सामाजिक ज़िम्मेदारी को प्रोत्साहित करने का भी एक प्रयास है।

स्रोत: पीआईबी

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