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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

3rd इंडो-जर्मन वर्किंग ग्रुप की बैठक

  • 07 Feb 2019
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में तीसरे इंडो-जर्मन वर्किंग ग्रुप की बैठक नई दिल्ली में संपन्न हुई। इस बैठक के दौरान जल और अपशिष्ट प्रबंधन के लिये दोनों पक्षों ने संभावित सहयोग पर चर्चा की।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC), भारत सरकार तथा पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण और परमाणु सुरक्षा संघीय मंत्रालय, जर्मनी (संक्षिप्त रूप BMU) के प्रतिनिधिमंडल ने उक्त क्षेत्रों में सहयोग की संभावना हेतु मुलाकात की थी।
  • एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, दोनों पक्षों ने कपड़ा क्षेत्र, जल प्रबंधन, समुद्री कूड़ा, ऊर्जा, लैंडफिल साइटों के अपशिष्ट, जल गुणवत्ता प्रबंधन, स्थानीय निकायों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण व सर्कुलर इकोनॉमी के क्षेत्र में साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है।

पृष्ठभूमि

  • भारत-जर्मनी द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पहले से ही मज़बूत रहा है। ध्यातव्य है कि अधिकांश क्षेत्रों में भारत की प्राथमिकता जर्मन प्राथमिकताओं से मेल खाती है, लेकिन पर्यावरण के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग में तब और मज़बूती आई जब दोनों देशों के पर्यावरण मंत्रालयों ने जनवरी 2015 में दूसरा इंडो-जर्मन एन्वायरनमेंट फोरम का आयोजन किया था। इसी फोरम में वर्किंग ग्रुप का गठन किया गया था, जिसकी तीसरी बैठक के दौरान जल और अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की गई है।

स्रोत- पीआईबी

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