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कक्षा कार्यक्रम


दृष्टि द विज़न

पढ़ाने का तरीका

  • 27 Jul 2018
  • हमारे यहाँ किसी भी टॉपिक को बिना समझे याद करने या रटने की सलाह नहीं दी जाती बल्कि कोशिश की जाती है कि हर विद्यार्थी मूल अवधारणाओं (Basic Concepts) को समझे तथा आत्मसात करे। 
  • एक बार किसी टॉपिक से संबंधित अवधारणाओं को समझ लेने के बाद उस टॉपिक से संबंधित प्रमुख सूचनाओं एवं तथ्यों को याद रखना ज़्यादा मुश्किल नहीं रहता है, फलस्वरूप परीक्षा में उस टॉपिक से  घुमा-फिराकर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर देने में विद्यार्थी सहजता महसूस करता है।
  • हमारे अध्यापक कक्षा में विद्यार्थियों को सिर्फ लिखवाते रहने में विश्वास नहीं करते क्योंकि एक तो इससे विद्यार्थियों का बहुत सारा समय अनुत्पादक तरीके से खर्च होता है, साथ ही उसकी ज़्यादातर ऊर्जा लिखने में लग जाती है और वह अवधारणाओं को समझने में पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाता है। 
  • हमारे अध्यापक खुद विस्तृत नोट्स तैयार करके विद्यार्थियों को देते हैं ताकि उन्हें अन्य स्रोतों से कुछ और न पढ़ना पड़े। 
  • कक्षा में हर टॉपिक पर विस्तृत व रोचक ढंग से चर्चा होती है। हास्य-व्यंग्य, मनोरंजक और रोज़मर्रा की ज़िंदगी से जुड़ी घटनाओं के उदाहरणों का प्रयोग करते हुए विद्यार्थियों को अवधारणाएँ समझाई जाती हैं।
  • कक्षा में प्रोजेक्टर के माध्यम से विभिन्न घटनाओं एवं अवधारणाओं से जुड़ी वीडियो क्लिप्स एवं मानचित्र/ आरेख के माध्यम से विभिन्न घटनाओं एवं अमूर्त विषयों को समझाया जाता है ताकि पढ़ाई गई बातें लंबे समय तक और स्पष्टता के साथ विद्यार्थियों को याद रह सकें। 
  • कक्षा में पढ़ाए जा रहे विषय के संबंध में अपनी जिज्ञासाओं के समाधान के लिये विद्यार्थी अध्यापकों से सवाल पूछ सकते हैं। हमारे सभी अध्यापकों की कोशिश रहती है कि वे विद्यार्थियों की विषय से संबंधित सभी जिज्ञासाओं को संतुष्ट करें।
  • विगत वर्षों में परीक्षाओं में पहले पूछे जा चुके तथा भावी परीक्षा के लिये संभावित प्रश्नों को कक्षा की चर्चाओं में एक ज़रूरी संदर्भ की तरह शामिल किया जाता है ताकि विद्यार्थी सिर्फ अवधारणाओं को समझने तक सीमित न रहें बल्कि यह भी समझें कि उन्हें अपने अर्जित ज्ञान को परीक्षा में किस तरह प्रस्तुत करना है? मुख्य परीक्षा के प्रश्नों के उत्तरों की रूपरेखा पर विशेष चर्चा होती है तथा उत्तरों के प्रारूप लिखवाए जाते हैं। साथ ही, विद्यार्थियों को दैनिक रूप से प्रश्नोत्तर अभ्यास के लिये प्रेरित किया जाता है। 
  • कक्षा के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि कक्षा की चर्चाओं में अनावश्यक भटकाव न हो ताकि सत्र का समापन निर्धारित समय में हो सके।
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