शांति एवं भाईचारा: वर्तमान विश्व की आवश्यकता
21 Sep, 2022वर्तमान दौर में हम एक वैश्वीकृत दुनिया में रह रहे हैं। यह दुनिया एक गाँव के रूप में तब्दील हो गई है जिसे मैकलुहान ने “ग्लोबल विलेज” की संज्ञा दी है। एक प्रक्रिया और...
वर्तमान दौर में हम एक वैश्वीकृत दुनिया में रह रहे हैं। यह दुनिया एक गाँव के रूप में तब्दील हो गई है जिसे मैकलुहान ने “ग्लोबल विलेज” की संज्ञा दी है। एक प्रक्रिया और...
इस लेख में हम भारत में नदियों के सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक महत्त्व के बारे में जानेंगे। प्राचीन काल से ही नदियाँ माँ की तरह हमारा भरण-पोषण करती आ रही हैं। नदियों की वजह...
मानव जाति अपने सृजन से ही स्वयं को अभिव्यक्त करने के तरह-तरह के माध्यम खोजती रही है। आपसी संकेतों के सहारे एक-दूसरे को समझने की ये कोशिशें अभिव्यक्ति के सर्वोच्च शिखर पर तब...
सूचकांक किसी देश या समाज की प्रगति का मूल्यांकन करने का एक महत्त्वपूर्ण माध्यम होते हैं। ये सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक विकास के गणित को निर्धारित मानकों के आधार पर अंको में...
श्रीलंका में चल रहे आर्थिक संकट के बीच लोग अब देश छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। अब तक सैकड़ों लोग देश छोड़कर जा चुके हैं और दूसरे देशों में पनाह लिए हुए हैं। श्रीलंका संकट से...
हमारे देश ही नहीं, पूरी दुनिया में अकेलेपन, अवसाद और आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। बल्कि यूं कहना ठीक होगा कि आत्महत्या एक महामारी का रूप धरती जा रही है। लोग कई...
इस लेख में हम आपको बताएँगे कि व्यस्त जिंदगी में अपने स्वास्थ्य का ख्याल कैसे रखें। हम सब चाहते हैं कि हमारे पास बड़ा घर, अच्छी गाड़ी, ब्रांडेड कपड़े और सुख तथा विलासिता...
सितंबर माह शिक्षक समुदाय के लिए विशेष है क्योंकि प्रत्येक वर्ष भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस यानी 5 सितंबर को ‛शिक्षक दिवस’ के रूप में...
यह वर्ष 1921 की बात है जब मैसूर के महाराजा कॉलेज के भव्य सभागार के बाहर फूलों से सजी-धजी एक बग्घी खड़ी हुई थी। इस बग्घी के चारों ओर छात्रों का विशाल हुजूम उमड़ा हुआ था। इस बग्घी को...
शीत युद्ध का शांतिपूर्ण अंत करने वाले पूर्व सोवियत राष्ट्रपति मिख़ाइल गोर्बाचेव का 30 अगस्त को 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। गोर्बाचेव ने 1985 में सत्ता संभाली और सुधारों...