भारतीय लोकतंत्र के जीवंत दस्तावेज़ की कहानी
01 Dec, 202226 नवम्बर को भारत ने अपना संविधान दिवस मनाया। एक सामान्य सी जिज्ञासा हमारे मन में आती है कि आखिर संविधान है क्या और इसकी महत्ता क्या है? इस दस्तावेज में आखिर क्या खास है कि...
26 नवम्बर को भारत ने अपना संविधान दिवस मनाया। एक सामान्य सी जिज्ञासा हमारे मन में आती है कि आखिर संविधान है क्या और इसकी महत्ता क्या है? इस दस्तावेज में आखिर क्या खास है कि...
"स्वयं नहीं पीता, औरों को, किन्तु पिला देता हाला,स्वयं नहीं छूता, औरों को, पर पकड़ा देता प्याला,पर उपदेश कुशल बहुतेरों से मैंने यह सीखा है,स्वयं नहीं जाता, औरों को पहुँचा देता...
इस लेख में हम मैक्स वेबर के नौकरशाही सिद्धांतों के बारे में जानेंगे। नौकरशाही किसी भी संगठन का एक ज़रूरी हिस्सा है। प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह छोटा हो या बड़ा किसी न किसी...
प्रतिभाएँ किसी जगह की मोहताज नहीं हुआ करती हैं। अठारहवीं-उन्नीसवीं शताब्दी साम्राज्यवादी देशों के अतिशय लूट का गवाह बनीं। इसके पीछे एक बड़ी वजह है कि शिक्षा व तकनीकी का...
प्रगतिशील कविता और नई कविता के मध्य सेतु गजानन माधव 'मुक्तिबोध' का जन्म 13 नवंबर, 1917 को तात्कालिक मध्य प्रदेश के ग्वालियर ज़िले में स्थित श्यौपुर कस्बे में हुआ था।...
आईआईटी की परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन न कर पाने के कारण रोहन बहुत उदास था। वह अपने माँ-बाप के गले लगकर जी भरकर रोना चाहता था और कहना चाहता था कि, वह उनकी इच्छाओं पर खरा नहीं...
“स्कूल प्रयोगशालाएं हैं जो देश के भावी नागरिक तैयार करती हैं।” उपरोक्त दूरदर्शी कथन भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का है। आज़ाद, स्वतंत्र भारत के...
सुनामी का नाम लेते ही हम भारतीय लोगों के लिये समुद्री लहरों द्वारा तटीय क्षेत्रों में किये गए अप्रतिम विनाश की तस्वीरें आंखों के आगे नाच उठती हैं, जबकि वास्तव में यह...
एक आदमीरोटी बेलता हैएक आदमी रोटी खाता हैएक तीसरा आदमी भी हैजो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता हैवह सिर्फ़ रोटी से खेलता हैमैं पूछता हूँ--'यह तीसरा आदमी कौन है ?'मेरे देश की संसद...
“एक गाँव ने मुझे जन्म दियाएक धक्के ने शहर में फेंक दियाशहर ने कविता में उछाल कर मुझे कहीं का नहीं रक्खा।” हिंदी साहित्य के ठेठ कवि चंद्रकांत देवताले ने एक साक्षात्कार...