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आर.पी.एस.सी. FAQs
- 13 Apr 2019
- 20 min read
उत्तर : आर.पी.एस.सी. की प्रारम्भिक परीक्षा में 'राजस्थान राज्य विशेष’ के सन्दर्भ में लगभग 55-60 प्रश्न पूछे जाते हैं। ‘सामान्य ज्ञान एवं सामान्य विज्ञान’ के इस प्रश्नपत्र में कुल 150 प्रश्नों में से 55-60 प्रश्न केवल राजस्थान राज्य विशेष के सन्दर्भ में पूछा जाना इस विषय की महत्ता को स्वयं ही स्पष्ट करता है।
‘राजस्थान राज्य विशेष’ के सन्दर्भ में राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, परम्परा एवं विरासत तथा राजस्थान की समसामयिक घटनाओं पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसी प्रकार प्रारम्भिक परीक्षा के पूरे पाठ्यक्रम का राजस्थान राज्य के सन्दर्भ में अध्ययन करना लाभदायक रहता है। राजस्थान राज्य विशेष के सन्दर्भ में बाज़ार में उपलब्ध किसी स्तरीय पुस्तक का अध्ययन किया जा सकता है।
उत्तर : ‘कट-ऑफ’ का अर्थ है- वह न्यूनतम अंक जिसे प्राप्त करके कोई उम्मीदवार परीक्षा में सफल हुआ है। आर.पी.एस.सी. की परीक्षा में प्रत्येक वर्ष प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार के परिणाम में ‘कट-ऑफ’ का निर्धारण किया जाता है। ‘कट-ऑफ’ या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार सफल घोषित किये जाते हैं और शेष असफल। आरक्षण व्यवस्था के अंतर्गत यह कट-आॉफ भिन्न-भिन्न वर्गों के उम्मीदवारों के लिए भिन्न-भिन्न होती हैं।
आर.पी.एस.सी. की प्रारंभिक परीक्षा में केवल एक प्रश्नपत्र ‘सामान्य ज्ञान एवं सामान्य विज्ञान’ (वस्तुनिष्ठ) होता है, जिसमें प्रश्नों की कुल संख्या- 150 एवं अधिकतम अंक- 200 निर्धारित हैं। इसलिये इसमें ‘कट-ऑफ’ का निर्धारण इस प्रश्नपत्र में अभ्यर्थियों द्वारा प्राप्त किये गए अंकों के आधार पर किया जाता है।
‘कट-ऑफ’ की प्रकृति स्थिर नहीं है, इसमें हर साल उतार चढ़ाव होता रहता है। इसका निर्धारण सीटों की संख्या, प्रश्नपत्रों के कठिनाई स्तर तथा उम्मीदवारों की संख्या व गुणवत्ता जैसे कारकों पर निर्भर करता है। आर.पी.एस.सी. की प्रारंभिक परीक्षा में ऋणात्मक अंक के प्रावधान (प्रत्येक गलत उत्तर के लिये एक तिहाई (1/3) अंक काटे जाते हैं) होने के कारण इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिये सामान्यत: 40-50% अंक प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। किन्तु कभी-कभी प्रश्नों के कठिनाई स्तर को देखते हुए यह प्रतिशत और भी कम हो सकता है। जैसे- वर्ष 2018 की आर.पी.एस.सी. की प्रारंभिक परीक्षा का ‘कट-ऑफ’ 76.6 अंक है जो 40% से भी कम है।
अगर प्रश्नपत्र सरल होंगे, या उम्मीदवारों की संख्या व गुणवत्ता ऊँची होगी तो कट-ऑफ बढ़ जाएगा और विपरीत स्थितियों में अपने आप कम हो जाएगा।
उत्तर : बेहतर होगा कि 4-5 प्रश्नों के उत्तर निकालकर उन्हें शीट पर भरते जाएँ। हर प्रश्न के साथ उसे ओ.एम.आर. शीट पर भरने में ज़्यादा समय खर्च होता है। दूसरी ओर, कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कई उम्मीदवार अंत में एक साथ ओ.एम.आर. शीट भरना चाहते हैं पर समय की कमी के कारण उसे भर ही नहीं पाते।
ऐसी दुर्घटना से बचने के लिये सही तरीका यही है कि आप 4-5 प्रश्नों के उत्तरों को एक साथ भरते चलें। चूँकि गोलों को काले या नीले बॉल पॉइंट पेन से भरना होता है, अत: उन्हें भरते समय विशेष सावधानी रखें। व्हाइटनर का प्रयोग कदापि न करें।
उत्तर : पिछले प्रश्न के उत्तर में दिये गए सुझावों पर ध्यान दें। उसके अलावा, परीक्षा से पहले मॉक टेस्ट शृंखला में भाग लें और प्रत्येक प्रश्नपत्र में परीक्षण करें कि किस वर्ग के प्रश्न कितने समय में हो पाते हैं। ज़्यादा समय लेने वाले प्रश्नों को पहले ही पहचान लेंगे तो परीक्षा में समय बर्बाद नहीं होगा। बार-बार अभ्यास करने से गति बढ़ाई जा सकती है।
उत्तर : जी हाँ, आप ज़रूर सफल हो सकते हैं। आर.पी.एस.सी. की प्रारंभिक परीक्षा में ‘तार्किक विवेचन एवं मानसिक योग्यता’ से लगभग 20-30 प्रश्न पूछे जाते हैं जो मुख्यतः मैट्रिक स्तर के होते हैं। इन प्रश्नों की प्रकृति साधारण होती है, अत: थोड़ा प्रयास करने से हल हो जाते हैं। यदि आप तार्किक विवेचन में कुछ ऐसे टॉपिक तैयार कर लेते हैं, जो आपको समझ में आते हैं और जिनसे प्रायः सवाल भी पूछे जाते हैं, उदाहरण के लिये अगर आप श्रेणी(सीरीज), कोडिंग-डिकोडिंग, के टॉपिक तैयार कर लेते हैं तो इससे सम्बंधित 5-7 प्रश्न ठीक हो जाएंगे। इसी प्रकार यदि सारणीयन और पाई-चित्र का अभ्यास कर लिया जाए तो 5-8 प्रश्न और ठीक हो जाएंगे। अत: गणित में कमजोर होने के बावजूद इनका अभ्यास कर के आप आसानी से इस खंड के 50% से अधिक प्रश्नों को सही कर सकते हैं।
उत्तर : इसका उत्तर सभी के लिये एक नहीं हो सकता। अगर आप ‘सामान्य ज्ञान एवं सामान्य विज्ञान’ के सभी विषयों में सहज हैं और आपकी गति भी संतोषजनक है तो आप किसी भी क्रम में प्रश्न हल करके सफल हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में बेहतर यही होता है कि जिस क्रम में प्रश्न आते जाएँ, उसी क्रम में उन्हें करते हुए बढ़ें। किन्तु अगर आपकी स्थिति इतनी सुरक्षित नहीं है तो आपको प्रश्नों के क्रम पर विचार करना चाहिये। ऐसी स्थिति में आप सबसे पहले, उन प्रश्नों को हल करें जो सबसे कम समय लेते हैं।
यदि आपकी राजस्थान राज्य विशेष के सन्दर्भ में पकड़ अच्छी है तो है आपको इससे सम्बंधित पूछे जाने वाले 55 से 60 प्रश्नों को पहले हल कर लेना चाहिये, क्योंकि उनमें समय कम लगेगा और उत्तर ठीक होने की संभावना ज़्यादा होगी। ये 55-60 प्रश्न हल करने के बाद आपकी स्थिति काफी मजबूत हो चुकी होगी। इसके बाद, आप तेज़ी से वे प्रश्न करते चलें जिनमें आप सहज हैं और उन्हें छोड़ते चलें जो आपकी समझ से परे हैं। जिन प्रश्नों के संबंध में आपको लगता है कि वे पर्याप्त समय मिलने पर किये जा सकते हैं, उन्हें कोई निशान लगाकर छोड़ते चलें।
एक सुझाव यह भी हो सकता है कि एक ही प्रकार के प्रश्न लगातार करने से बचें। अगर आपको ऐसा लगे तो बीच में ‘तार्किक विवेचन एवं मानसिक योग्यता’ के कुछ सवाल हल कर लें उसके बाद अन्य प्रश्नों को हल करें। सभी प्रश्नों के अंक समान होने तथा गलत उत्तर के लिये ऋणात्मक अंक (Negative marking) के प्रावधान (प्रत्येक गलत उत्तर के लिये एक तिहाई (1/3) अंक काटे जाते हैं) होने के कारण अभ्यर्थियों से अपेक्षा है कि तुक्का पद्धति से बचते हुए सावधानीपूर्वक प्रश्नों को हल करें।
उत्तर : आर.पी.एस.सी. की प्रारम्भिक परीक्षाओं के लिये मॉक टेस्ट देना अत्यंत लाभदायक सिद्ध होता है। इसका सबसे बड़ा लाभ है कि आप परीक्षा में होने वाले तनाव (Anxiety) पर नियंत्रण करना सीख जाते हैं, साथ ही इससे समय प्रबंधन की क्षमता बेहतर होती है।
मॉक टेस्ट देने से आपको यह अनुमान होता रहता है कि अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में आपका स्तर क्या है? साथ ही अलग-अलग परीक्षाओं में आप यह प्रयोग कर सकते हैं कि प्रश्नों को किस क्रम में करने से आप सबसे बेहतर परिणाम तक पहुँच पा रहे हैं। इन प्रयोगों के आधार पर आप अपनी परीक्षा संबंधी रणनीति निश्चित कर सकते हैं।
ध्यान रहे कि ये सभी लाभ तभी मिलते हैं अगर आपने मॉक टेस्ट शृंखला का चयन भली-भाँति सोच-समझकर किया है।
उत्तर : आर.पी.एस.सी. की मुख्य परीक्षा में ‘राजस्थान राज्य विशेष’ के प्रश्नों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम का सूक्ष्म अवलोकन करने पर ज्ञात होता है कि चार अनिवार्य प्रश्नपत्रों में से सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्नपत्र, सामान्य अध्ययन द्वितीय प्रश्नपत्र, एवं सामान्य अध्ययन तृतीय प्रश्नपत्र के सभी महत्त्वपूर्ण विषयों का अध्ययन राजस्थान के सन्दर्भ में करना आवश्यक है। क्योंकि लगभग सभी महत्वपूर्ण प्रश्न राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, परम्परा एवं विरासत; भूगोल, अर्थव्यवस्था, राजव्यवस्था एवं समसामयिक गतिविधियों इत्यादि से जुड़ा रहता है।
आर.पी.एस.सी. की मुख्य परीक्षा में ‘राजस्थान राज्य विशेष’ के प्रश्नों को तैयार करने के लिये किसी विशेष अध्ययन सामग्री की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि प्रारम्भिक परीक्षा के दौरान तैयार किये गए प्रश्नों का ही विस्तृत अध्ययन करने की आवश्यकता होती है। इसके लिये किसी स्तरीय पुस्तक जैसे- ‘आपणो राजस्थान’ एवं ‘लक्ष्य’ की पुस्तकों का अध्ययन करना लाभदायक रहता है।
उत्तर : जी हाँ, आप ज़रूर सफल हो सकते हैं। मुख्य परीक्षा में चतुर्थ प्रश्नपत्र भाषागत ज्ञान से सम्बंधित है जिसमें ‘सामान्य हिंदी एवं सामान्य अंग्रेजी’ के संबंध में कुल 200 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसका उत्तर आयोग द्वारा दी गयी उत्तर-पुस्तिका में लिखना होता है। इसमें ‘सामान्य अंग्रेजी’ के 80 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसका स्तर सीनियर सेकेंडरी स्तर का होता है। इसके अंतर्गत अंग्रेजी व्याकरण, कॉम्प्रिहेंशन, ट्रांसलेशन, प्रेसी राइटिंग, लेटर राइटिंग,पैराग्राफ राइटिंग इत्यादि के प्रश्न पूछे जाते हैं। सच यह है कि अंग्रेज़ी में दिये गए बोधगम्यता (Comprehension) एवं व्याकरण( Grammar) के प्रश्न काफी आसान भाषा में होते हैं और बहुत कमज़ोर विद्यार्थी भी इसका नियमित अभ्यास करके औसत अंक प्राप्त कर सकते हैं।
उत्तर : जी हाँ, आप ज़रूर सफल हो सकते हैं। मुख्य परीक्षा में चतुर्थ प्रश्नपत्र भाषागत ज्ञान से सम्बंधित है, जिसमें ‘सामान्य हिंदी एवं सामान्य अंग्रेजी’ के संबंध में कुल 200 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसका उत्तर आयोग द्वारा दी गयी उत्तर-पुस्तिका में लिखना होता है। इसमें ‘सामान्य हिंदी’ के 120 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसका स्तर सीनियर सेकेंडरी स्तर का होता है। इसके अंतर्गत हिंदी व्याकरण, संक्षिप्तीकरण, पत्र-लेखन एवं निबंध लेखन इत्यादि के प्रश्न पूछे जाते हैं। सच यह है कि हिंदी व्याकरण के यह प्रश्न काफी आसान होते हैं और बहुत कमज़ोर विद्यार्थी भी इसका नियमित अभ्यास करके औसत अंक प्राप्त कर सकते हैं।
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उत्तर : जी हाँ, आप ज़रूर सफल हो सकते हैं। सामान्य अध्ययन के द्वितीय प्रश्नपत्र में ‘तार्किक दक्षता, मानसिक योग्यता और संख्यनन’ पाठ्यक्रम का हिस्सा है। इस खंड के लिये अंकगणित के अवधारणात्मक पहलुओं के साथ सांख्यिकीय से सम्बंधित अवधारणाओं एवं प्रश्नों का अभ्यास अत्यंत आवश्यक है। इन प्रश्नों की प्रकृति साधारण होती है, अत: थोड़ा प्रयास करने से हल हो जाते हैं।
प्रश्नों का अभ्यास पूर्व में पूछे गए प्रश्नों को विभिन्न खंडों में वर्गीकृत कर के किया जा सकता है। हो सके तो गणित में कुछ ऐसे टॉपिक तैयार कर लीजिए जो आपको समझ में आते हैं और जिनसे प्रायः सवाल भी पूछे जाते हैं। निरंतर अभ्यास से इस प्रश्नपत्र में बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है। चूँकि तार्किक दक्षता, मानसिक योग्यता और संख्यनन’ के प्रश्नों का सही उत्तर देने पर आप को पूर्ण अंक प्राप्त होता है। अत: थोड़े से प्रयास में इस खंड में बेहतर प्रदर्शन करके मुख्य परीक्षा में अच्छा अंक प्राप्त किया जा सकता है।
उत्तर : आर.पी.एस.सी. द्वारा आयोजित इस परीक्षा में साक्षात्कार के लिये 100 अंक निर्धारित किया गया है। चूँकि मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्राप्त किये गए अंकों के योग के आधार पर ही अंतिम रूप से मेधा सूची (मेरिट लिस्ट) तैयार की जाती है, इसलिये इस परीक्षा में अंतिम चयन एवं पद निर्धारण में साक्षात्कार की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
साक्षात्कार के दौरान अभ्यर्थियों के व्यक्तित्व का परीक्षण किया जाता है, जिसमें आयोग के सदस्यों द्वारा आयोग में निर्धारित स्थान पर मौखिक प्रश्न पूछे जाते हैं जिसका उत्तर अभ्यर्थी को मौखिक रूप से देना होता है। आरपीएससी के साक्षात्कार में सामान्य परिस्थितियों में आप न्यूनतम 40 अंक तथा अधिकतम 70 अंक प्राप्त कर सकते हैं। यद्यपि साक्षात्कार इस परीक्षा का अंतिम चरण है, लेकिन इसकी तैयारी प्रारंभ से ही शुरू कर देना लाभदायक रहता है। वास्तव में किसी भी अभ्यर्थी के व्यक्तित्व का विकास एक निरंतर प्रक्रिया है।
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