दृष्टि के NCERT कोर्स के साथ करें UPSC की तैयारी और जानें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में लॉजिस्टिक्स हब

  • 30 Oct 2025
  • 14 min read

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा स्थित बोड़ाकी में एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप तथा लॉजिस्टिक्स हब के विकास को स्वीकृति प्रदान कर दी है, जो उत्तर भारत के सबसे उन्नत मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स केंद्रों में से होगा।

मुख्य बिंदु

  • लॉजिस्टिक्स हब के बारे में:
    • 8,000 करोड़ रुपए के निवेश वाली यह परियोजना 800 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी तथा इसमें कंटेनर टर्मिनल, वेयरहाउसिंग कॉम्प्लेक्स और मल्टीमॉडल परिवहन अवसंरचना शामिल होगी।

    • इन सभी का सीधा संबंध डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) से होगा। इसे दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (DMIC) तथा एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप (IIT) अवसंरचना के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है।

  • उद्देश्य:
    • दिल्ली-NCR, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स क्षमता में सुधार तथा पारगमन समय में कमी लाना।
    • भारत की राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP) का समर्थन करना, जिसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स लागत को घटाना और माल प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना है।
    • यह पहल विकसित भारत 2047 के विज़न के अनुरूप है और वर्ष 2035 तक सात ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने के भारत के लक्ष्य को समर्थन करती है।
  • अतिरिक्त अवसंरचना: 
    • बोड़ाकी हब के अतिरिक्त, दादरी में 1,200 करोड़ रुपए की लागत से एक लॉजिस्टिक पार्क विकसित किया जा रहा है, जिससे ग्रेटर नोएडा भारत का प्रमुख लॉजिस्टिक एवं औद्योगिक केंद्र बन सकेगा।
  • प्रभाव:
    • रोज़गार सृजन: यह लॉजिस्टिक्स हब हज़ारों प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर उत्पन्न करेगा तथा लॉजिस्टिक्स प्रौद्योगिकी एवं गोदाम क्षेत्र में वैश्विक निवेश को आकर्षित करेगा।
    • औद्योगिक विकास: यह हब शीघ्र माल परिवहन को बढ़ावा देगा, जिससे औद्योगिक विकास को बल मिलेगा तथा मुख्य बंदरगाहों एवं औद्योगिक केंद्रों से संपर्क और अधिक सुदृढ़ होगा।
close
Share Page
images-2
images-2