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राजस्थान

राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2021-22 में राजस्थान सबसे आगे की श्रेणी में शामिल

  • 12 Apr 2023
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

10 अप्रैल, 2023 को केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के.सिंह ने नई दिल्ली में राज्यों और राज्य उपयोगिता कंपनियों की आरपीएम (समीक्षा, योजना और निगरानी) बैठक के दौरान राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (एसईईआई) 2021-22 की रिपोर्ट जारी की, जिसमें राजस्थान चार अन्य राज्यों सहित सबसे आगे की श्रेणी (>60 अंक) में शामिल है।

प्रमुख बिंदु 

  • ऊर्जा-कुशल अर्थव्यवस्था गठबंधन (एईईई) के सहयोग से, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा विकसित इस सूचकांक में वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिये ऊर्जा दक्षता कार्यान्वयन में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की वार्षिक प्रगति का आकलन किया गया है।
  • एसईईआई 2021-22 में राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप 50 संकेतकों का एक अद्यतन फ्रेमवर्क है। राज्य स्तरीय ऊर्जा दक्षता पहलों के परिणामों और प्रभावों की निगरानी के लिये इस वर्ष कार्यक्रम-विशिष्ट संकेतक शामिल किये गए हैं।
  • एसईईआई 2021-22 में 5 राज्य - आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान और तेलंगाना-सबसे आगे की श्रेणी (>60 अंक) में हैं, जबकि 4 राज्य - असम, हरियाणा, महाराष्ट्र और पंजाब – उपलब्धि प्राप्त करने वालों की श्रेणी (50-60 अंक) में हैं।
  • इसके अलावा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, असम और चंडीगढ़ अपने-अपने राज्य-समूहों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं।
  • तेलंगाना और आंध्र प्रदेश ने पिछले सूचकांक के बाद से सबसे अधिक सुधार दर्ज किये हैं।
  • राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (एसईईआई):
    • राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (एसईईआई), राज्यों और भारत के ऊर्जा फुटप्रिंट के प्रबंधन तथा राज्य और स्थानीय स्तर पर ऊर्जा दक्षता नीतियों और कार्यक्रमों के संचालन की प्रगति की निगरानी करता है।
    • एसईईआई डेटा संग्रह में सुधार करता है, राज्यों के आपसी सहयोग को सक्षम बनाता है और ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम के विचारों को विकसित करता है।
    • यह राज्यों को सुधार के लिये क्षेत्रों की पहचान करने, सर्वोत्तम तौर-तरीकों से सीखने और ऊर्जा दक्षता कार्यान्वयन के लिये अर्थव्यवस्था अनुरूप दृष्टिकोण अपनाने में मदद करता है।
    • ऊर्जा दक्षता को प्राथमिकता देकर, इसका उद्देश्य कार्बनीकरण में कमी लाने के प्रयासों का संचालन करना और अधिक स्थायी भविष्य हासिल करना है।
    • सूचकांक को ऊर्जा बचत और उत्सर्जन में कमी लाने से जुड़े राज्य के लक्ष्यों की दिशा में प्रगति की निगरानी में मदद करने के लिये डिजाइन किया गया है।
  • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई):
    • यह विद्युत मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत 1 मार्च, 2002 को की थी। 
    • बीईई का मिशन ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के अंतर्गत स्व-नियमन और बाजार सिद्धांतों पर ज़ोर देने के साथ नीतियों और रणनीतियों को विकसित करने में सहायता करना है। इसका प्राथमिक उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा तीव्रता को कम करना है।
    • ऊर्जा संरक्षण अधिनियम के तहत सौंपे गए कार्यों को पूरा करने के लिये, बीईई नामित उपभोक्ताओं, नामित एजेंसियों और अन्य संगठनों के साथ समन्वय करता है और मौजूद संसाधनों और अवसंरचनाओं की पहचान करता है, उन्हें मान्यता देता है और उनका उपयोग करता है।
    • ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, विनियामक और प्रचार कार्यों के लिये कार्यादेश प्रदान करता है।        

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