राजस्थान
राजस्थान ने नया भूमि कानून अधिसूचित किया
- 11 Oct 2025
- 21 min read
चर्चा में क्यों?
राजस्थान राज्य सरकार ने राजस्थान भू-राजस्व (संशोधन और विधिमान्यकरण) अधिनियम, 2025 पारित किया है, जिसका उद्देश्य राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास और निवेश निगम (Rajasthan State Industrial Development and Investment Corporation- RIICO) के अधिकारों का विस्तार करना है ताकि वह औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि के प्रबंधन और नियमन को अधिक प्रभावी ढंग से संचालित कर सके।
कानून के मुख्य प्रावधान
- परिचय: यह अधिनियम, जिसे 3 अक्तूबर, 2025 को राज्यपाल की स्वीकृति मिली, राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 में संशोधन करता है।
- यह भूमि प्रशासन को सुव्यवस्थित करने, पूर्व के लेन-देन को मान्य करने और राज्य भर में औद्योगिक विकास को तेज़ करने का लक्ष्य रखता है।
- पृष्ठभूमि: अधिनियम अप्रैल 2023 में सर्वोच्च न्यायालय के राज्य सरकार बनाम अराफात पेट्रोकेमिकल्स के मामले में दिये गए निर्णय से उत्पन्न समस्याओं को संबोधित करता है।
- निर्णय ने वर्ष 1979 से पहले हस्तांतरित 37 औद्योगिक क्षेत्रों पर RIICO के अधिकार हटा दिये, जिससे इन क्षेत्रों की औद्योगिक इकाइयों के लिये भूमि प्रबंधन और विकास असंगत हो गया।
- इन चुनौतियों के समाधान के लिये, राज्य राजस्व विभाग ने वर्ष 2025 के बजट सत्र में विधेयक विधानसभा में पेश किया। विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों को संबोधित करने के बाद, यह विधेयक एक चयन समिति को भेजा गया और पारित होने के लिये मंज़ूर किया गया।
- RIICO के अधिकारों में वृद्धि: अधिनियम औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि प्रबंधन, योजना, विकास, रूपांतरण और निपटान के लिये RIICO को पूर्ण अधिकार प्रदान करता है।
- यह RIICO को औद्योगिक क्षेत्र विकास की मुख्य एजेंसी के रूप में मान्यता देता है और इसके कदमों को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है, जिन्हें RIICO दशकों से चला रहा है।
- पूर्व लेन-देन की वैधता: यह अधिनियम RIICO द्वारा किये गए सभी पूर्व भूमि-संबंधित निर्णयों को मान्यता देता है, जिसमें भूमि हस्तांतरण, उप-विभाजन, भूखंडों का विलय, भूमि उपयोग में परिवर्तन और RIICO के नियंत्रण में औद्योगिक क्षेत्रों में नियमितीकरण गतिविधियाँ शामिल हैं।
- अब प्रक्रियात्मक त्रुटियों या औपचारिक अनुमोदनों की कमी वाले कार्य भी राज्य कानून के तहत मान्य माने जाएँगे।
- यह प्रावधान विरोधी न्यायालयीन निर्णयों या तकनीकी कमियों पर भी प्रभावी होगा, जिससे लंबे समय से चल रही कानूनी अस्पष्टताओं का समाधान हो सकेगा।
- छूट: अधिनियम 18 सितंबर, 1979 से पहले रद्द किये गए औद्योगिक भूमि पट्टों को अपने प्रावधानों से स्पष्ट रूप से बाहर रखता है।
- औद्योगिक क्षेत्रों के लिये राहत: अधिनियम विशेषकर IT, गोदाम एवं होटल जैसे क्षेत्रों की उद्योगों को महत्त्वपूर्ण राहत प्रदान करता है।
- इसका उद्देश्य भूमि प्रबंधन में कानूनी निश्चितता और पूर्वानुमेयता प्रदान करके निवेशक विश्वास को बढ़ाना है।