उत्तराखंड
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान
- 09 May 2025
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चर्चा में क्यों?
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में निर्मित प्रचुर जलाशयों और जल स्रोतों ने मानव-आबादी वाले क्षेत्रों में हाथियों की आवाजाही को सीमित कर दिया है।
मुख्य बिंदु
- गंगा पर निर्भरता कम:
- हाथियों के बड़े झुंड अब गर्मी के मौसम में जल की आवश्यकता के लिये गंगा नदी पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहते।
- वन क्षेत्रों में जल स्रोतों की बढ़ती उपलब्धता ने हाथियों को अधिक आत्मनिर्भर बना दिया है।
- अमृत सरोवर योजना की भूमिका:
- अमृत सरोवर योजना से वनों में जल की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
- इस योजना का उद्देश्य देश भर के प्रत्येक ज़िले में 75 अमृत सरोवर तालाबों का विकास या पुनरुद्धार करना है।
- इसे स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के लिये भारत के "आजादी का अमृत महोत्सव" समारोह के हिस्से के रूप में वर्ष 2022 में लॉन्च किया गया था।
- प्रभाव:
- जंगल में पानी की उपलब्धता में सुधार होने से हाथियों का मानव-आबादी वाले क्षेत्रों में आवागमन कम हो गया है।
- परिणामस्वरूप, मानव-हाथी संघर्ष की घटनाओं में कमी आई है, जिससे वन्यजीवों और स्थानीय समुदायों दोनों की सुरक्षा बढ़ी है।
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान
- परिचय:
- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के तीन ज़िलों देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल में स्थित है।
- इस पार्क की स्थापना तीन वन्यजीव अभयारण्यों - राजाजी, मोतीचूर और चिल्ला को मिलाकर की गई थी ।
- इसका नाम सी. राजगोपालाचारी के नाम पर रखा गया है, जो एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें “राजाजी” के नाम से भी जाना जाता था।
- क्षेत्र एवं टाइगर रिज़र्व की स्थिति:
- प्रारंभ में, राजाजी राष्ट्रीय उद्यान 820.42 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला हुआ था।
- वर्ष 2015 में, आस-पास के आरक्षित वन के अतिरिक्त 255.63 वर्ग किमी. क्षेत्र को बफर ज़ोन के रूप में नामित किया गया।
- इसके बाद 1075 वर्ग किमी. के संयुक्त क्षेत्र को वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत राजाजी टाइगर रिज़र्व घोषित कर दिया गया।
- रिज़र्व में नदियाँ:
- गंगा नदी राजाजी टाइगर रिज़र्व से होकर बहती है, जिससे क्षेत्र की पारिस्थितिकी समृद्धि बढ़ती है।
- गंगा की एक सहायक नदी सोंग भी इस रिज़र्व से होकर गुजरती है तथा विविध वन्य जीव और वनस्पति को पोषण देती है।
- हाथी गलियारा और संपर्क:
- इस रिज़र्व में एक महत्वपूर्ण हाथी गलियारा है, जो राजाजी और कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के बीच हाथियों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करता है, आनुवंशिक विविधता को बढ़ावा देता है और मानव-हाथी संघर्ष को कम करता है।