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मध्य प्रदेश

मप्र उच्च न्यायालय में आईवीएसएस, कोर्ट रूम लाइव ऑडियो विजुअल स्ट्रीमिंग सिस्टम (क्लास), ओटीटी प्लेटफॉर्म का शुभारंभ

  • 23 Dec 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों

21 दिसंबर, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमथ ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में आम नागरिकों की सहूलियत के लिये एकीकृत वीडियो निगरानी प्रणाली (आईवीएसएस), कोर्ट रूम लाइव ऑडियो विजुअल स्ट्रीमिंग सिस्टम (क्लास) तथा ओटीटी प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • उच्च न्यायालय जबलपुर में वीडियो निगरानी प्रणाली और कोर्ट रूम लाइव ऑडियो विजुअल स्ट्रीमिंग सिस्टम-क्लास परियोजनाएं प्रारंभ हो गई हैं।
  • यह देश में पहली बार है, जब किसी राज्य के उच्च न्यायालय द्वारा राज्य में सभी ज़िला और तहसील अदालतों के लिए कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की गई है।
  • यह अपने आप में देश की एक अग्रणी परियोजना है जो पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों को अपनाती है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने जिम्मेदार नेतृत्व का प्रदर्शन करते हुए अन्य अदालतों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
  • यह भारतीय न्यायिक प्रणाली के इतिहास में एक अग्रणी तकनीकी परियोजना है जो उच्च न्यायालय द्वारा प्रशासित अदालत परिसर को सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगी। नई प्रौद्योगिकी को अपनाने और उनका एकीकरण मध्य प्रदेश न्यायपालिका को डिजिटल युग के लिए तैयार करेगा।
  • वर्तमान स्थिति में, वर्चुअल कोर्ट रूम एक वास्तविक आवश्यकता है और यह परियोजना उस दिशा में एक कदम है। लाइव स्ट्रीमिंग के साथ-साथ मामलों की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग कानून की शिक्षा में एक शक्तिशाली उपकरण होगी और आने वाले दशकों में लाखों कानून के छात्रों को लाभ पहुंच सकती है, किसी भी अदालत कक्ष को इंटरनेट पर लाइव देखा जा सकता है।
  • पायलट चरण के तहत, जबलपुर में एक केंद्रीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र (सीसीसी) और इंदौर में आपदा रिकवरी साइट स्थापित की गई है। जबलपुर के ज़िला न्यायालय और पाटन और सिहोरा के तहसील न्यायालयों में एकीकृत वीडियो निगरानी प्रणाली (आईवीएसएस) चालू की गई है। इसी प्रकार, जबलपुर ज़िला न्यायालय के एक न्यायालय कक्ष और पाटन और सिहोरा के प्रत्येक तहसील न्यायालय के एक न्यायालय कक्ष में कोर्ट रूम लाइव ऑडियो विजुअल स्ट्रीमिंग सिस्टम (क्लास) का कार्यान्वयन पूरा हो गया है।
  • परियोजना के राज्यव्यापी क्रियान्वयन के बाद के चरण दिसंबर 2024 तक पूरे होने की उम्मीद है। आईवीएसएस एवं क्लास परियोजना के क्रियान्वयन से न्यायालयों की सुरक्षा मजबूत होगी। 
  • आईवीएसएस और क्लास-
    • एकीकृत वीडियो प्रबंधन प्रणाली।
    • कोर्ट रूम ऑडियो-विज़ुअल रिकॉर्डिंग सिस्टम।
    • संग्रह और लाइव के साथ-साथ ऑन-डिमांड स्ट्रीमिंग सेट-अप।
    • जबलपुर में डेटा सेंटर एवं कमांड एवं कंट्रोल सेंटर की स्थापना।
    • इंदौर में डिजास्टर रिकवरी सेट-अप।
    • सुविधा प्रबंधन सेवाएँ और संचालन एवं रखरखाव।
    • वर्ष की अवधि के लिए परियोजना की कुल लागत 189.25 करोड़ रुपए होगी।

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