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राजस्थान

इन्वेस्ट राजस्थान-2022

  • 02 Dec 2021
  • 3 min read

चर्चा में क्यों

1 दिसंबर, 2021 को आगामी जनवरी में प्रस्तावित (राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित) इन्वेस्टर्स समिट ‘इन्वेस्ट राजस्थान-2022’ का प्रथम स्थानीय रोड शो दिल्ली में आयोजित हुआ। 

प्रमुख बिंदु

  • प्रथम स्थानीय रोड शो में राजस्थान सरकार 68,698 करोड़ रुपए के सहमति-पत्र (एमओयू) तथा 10,099 करोड़ रुपए के आशय-पत्र (एलओआई) हस्ताक्षरित करवाने में सफल रही। 
  • यह निवेश राज्य के घीलोठ, भिवाड़ी, नीमराना, जयपुर, उदयपुर, अलवर एवं कई अन्य ज़िलों में स्थापित इकाइयों में प्रस्तावित है। यहाँ रीको द्वारा गत वर्षों में स्पेशल सेक्टोरल ज़ोन विकसित किये गए हैं।
  • इस अवसर पर कुछ अग्रणी निवेश समूहों ने प्रदेश में बृहद् परियोजनाएँ स्थापित करने की मंशा जताई है, जैसे कि रिन्यूएबल पावर ने राज्य के विभिन्न ज़िलों में 50,000 करोड़ रुपए का निवेश अक्षय ऊर्जा एवं सोलर मॉड्यूल विनिर्माण हेतु प्रस्तावित किया है, जे. के. लक्ष्मी ने नागौर, उदयपुर एवं अलवर में 4250 करोड़ रुपए का निवेश सीमेंट उत्पादन तथा लाइम स्टोन उत्खनन में प्रस्तावित किया है। 
  • वहीं लेन्सकार्ट ने भिवाड़ी में 400 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव रखा है; डाइकिन एयरकंडिशनिंग ने 294 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव, ओकाया ईवी ने 121.36 करोड़ रुपए के निवेश से नीमराना में इलेक्ट्रिक टू-थ्री व्हीलर के उत्पादन एवं एसेंबलिंग इकाई प्रस्तावित की है।  
  • उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार ने नीति नियामक तंत्र का सृजन कर औद्योगिक विकास को गति दी है। रिप्स-2019 प्रोत्साहन योजना, एमएसएमई अधिनियम, एकल खिड़की योजना (सिंगल विंडो सिस्टम) एवं वन स्टॉप शॉप (ओएसएस) हमारी वह पहल हैं, जिन्होंने निवेश की प्रक्रिया को सहज व सरल बनाया है।
  • इन्वेस्ट राजस्थान रोड शो एक तरह से अनूठा आयोजन है, क्योंकि यह कोरोना महामारी के बाद प्रथम ऐसा आयोजन है, जिसमें इन्वेस्ट राजस्थान-2022 से पहले विभिन्न ज़िलों एवं राज्यों में 28 और रोड शो आयोजित किये जा रहे हैं। 
  • गौरतलब है कि पहली बार राज्य सरकार ने न केवल एमओयू/एलओआई पर हस्ताक्षर करने पर बल दिया है, बल्कि निवेशकों की परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन पर भी ज़ोर दिया है। ज़िला कलेक्टर पहली बार एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे। इसी तरह, प्रत्येक विभाग उनके नियत दिवस पर अपने-अपने विभाग से संबंधित एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे। 
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