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राजस्थान

राजस्थान के मुख्य न्यायाधिपति ने किया ‘इंटीग्रेटेड साफ्टवेयर सोल्युशन विद ई-प्रिजन’ प्रोग्राम को ई-लॉन्च

  • 14 Dec 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

13 दिसंबर, 2022 को राजस्थान उच्च न्यायालय के जयपुर बेंच के सभागार में राज्य के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल ने ‘इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर सोल्युशन विद ई-प्रिजन’प्रोग्राम को ई-लॉन्च किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल ने बताया कि ‘इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर सोल्युशन विद ई-प्रिजन’ से न्यायालय के प्रकरणों से जुडे़ विचाराधीन बंदियों की सभी सूचना जेल प्रशासन के ई-प्रिजन सॉफ्टवेयर से प्राप्त की जा सकेगी।
  • स्टियरिंग कमेटी के अध्यक्ष न्यायाधीश अरूण भंसाली के मार्गदर्शन में राजस्थान उच्च न्यायालय की तकनीकी टीम ने अल्प अवधि में ही उच्च न्यायालय एवं ज़िला न्यायपालिका के समस्त न्यायालयों के लिये इस प्रोग्राम का निर्माण किया है।
  • राज्य की विभिन्न जेलों में निरूद्ध बंदियों के लिये बनाए गए ई-प्रिजन सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को न्यायालय में चल रहे केस इन्फोरमेशन सिस्टम सॉफ्टवेयर से इंटीग्रेट करते हुए यह प्रोग्राम बनाया गया है।
  • कार्यक्रम में न्यायाधीश ने राज्य के समस्त न्यायिक अधिकारियों को विचाराधीन बंदियों के रिमांड व विचारण में उनकी उपस्थिति अधिक से अधिक विडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से करवाने और ऐसे प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण की भी अपील की है।
  • ई-लाँचिंग कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश ने बताया कि ऐसा करने वाला राजस्थान उच्च न्यायालय पूरे देश का प्रथम उच्च न्यायालय बन गया है। कोविड-19 महामारी के समय से ही कम्प्यूटराईजेशन, डिजीटलाईजेशन, ई-फाइलिंग, पेपरलेस कोर्ट व वर्चुअल सुनवाई के माध्यम से न्यायपालिका की कार्यप्रणाली में तकनीकी क्रांति आई है।
  • कार्यक्रम में राजस्थान उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश संदीप मेहता ने बताया कि इस प्रोग्राम के माध्यम से किसी भी मुकदमे में यदि कोई अभियुक्त जेल में न्यायिक अभिरक्षा भुगत रहा है तो न्यायालय को उसकी समस्त जानकारी तुरंत उपलब्ध हो जाएगी। ये जानकारी उस मामले के न्यायपूर्ण एवं शीघ्र विनिश्चय के लिये काफी उपयोगी साबित होगी।
  • इसके अलावा जेल में अभिरक्षारत अभियुक्त को भी अपने मामले की प्रगति के बारे में पूर्ण जानकारी मिलेगी, जो कि उसका संवैधानिक अधिकार भी है।
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