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हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गए महत्त्वपूर्ण निर्णय

  • 22 Jul 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

21 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड द्वारा डिबेंचर/ऋण की फ्लोटेशन के लिये एक हज़ार करोड़ रुपए की ब्लॉक गारंटी के नवीनीकरण के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई।

प्रमुख बिंदु

  • हरियाणा राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड ने नाबार्ड से डिबेंचर/ऋण की फ्लोटेशन के लिये राज्य सरकार की एक हज़ार करोड़ रुपए की गारंटी को सात साल, यानी 1 मार्च, 2022 से 31 मार्च, 2029 तक के लिये रिन्यू करने का प्रस्ताव पेश किया था।
  • हरियाणा राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड को हरियाणा सहकारी समिति अधिनियम, 1984 के तहत स्थापित किया गया था।
  • यह सहकारी संस्था प्रदेश में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के विकास हेतु किसानों को दीर्घकालीन ऋण निवेश उपलब्ध कराने में लगी है। इस तरह की क्रेडिट सीमा/ऋणों के लिये उन्हें नाबार्ड के डिबेंचर/ऋण पर निर्भर रहना पड़ता है। नाबार्ड सरकारी गारंटी पर यह सुविधा प्रदान करता है।
  • इसके अलावा मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली, 2016 के नियम 24 में संशोधन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
  • संशोधन के अनुसार, ‘आचरण नियम, 2016’ के नियम 24 में वर्णित चल संपत्ति की परिभाषा में ‘बीमा नीतियाँ’ शब्द हटा दिया गया है। इसी प्रकार, अनुलग्नक-ए में ‘बीमा नीतियाँ’ शब्द जहाँ कहीं भी आएंगे, उन्हें हटा दिया गया है।
  • राज्य सरकार ने ‘चल संपत्ति’ की परिभाषा में संशोधन के प्रस्ताव पर विचार किया और ‘आचरण नियम, 2016’ के नियम 24 में वर्णित ‘चल संपत्ति’ की परिभाषा में संशोधन करने का निर्णय लिया।
  • चल संपत्ति के स्पष्टीकरण में उल्लिखित सभी वस्तुओं को एक कर्मचारी द्वारा खुले बाज़ार में स्थानांतरित/बेचा जा सकता है, लेकिन ‘बीमा नीतियाँ’ किसी अन्य व्यक्ति या पार्टी को बेची/हस्तांतरण नहीं की जा सकती हैं। इसलिये, केवल ‘चल संपत्ति’ की अभिव्यक्ति से  ‘बीमा नीतियाँ’ शब्द को हटाने का निर्णय लिया गया।
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