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झारखंड

राज्य के 6 ज़िलों में साइबर फोरेंसिक लैब

  • 07 Oct 2021
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

6 अक्तूबर, 2021 को झारखंड के सूचना प्रौद्योगिकी और ई-गवर्नेंस विभाग के अनुसार साइबर अपराधों से निपटने और साइबर स्पेस के इस्तेमाल से महिलाओं के खिलाफ अपराधों के अपराधियों का पता लगाने के लिये राज्य के छह ज़िलों में साइबर फोरेंसिक प्रयोगशालाएँ स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • आईटी और ई-गवर्नेंस विभाग के मुताबिक ये छह साइबर फोरेंसिक प्रयोगशालाएँ- देवघर, जमशेदपुर, जामताड़ा, पलामू, गिरिडीह और धनबाद में बनाई जाएंगी। उल्लेखनीय है कि जामताड़ा को भारत की ‘साइबर अपराध राजधानी’ के नाम से भी जाना जाता है। 
  • इसके लिये विभाग सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर करेगा।
  • इन प्रयोगशालाओं का इस्तेमाल पुलिस द्वारा अपराध स्थल से बरामद किये गए मोबाइल फोन और कंप्यूटर जैसे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर फोरेंसिक परीक्षण के लिये किया जाएगा और कानून प्रवर्तन एजेंसी को साइबर अपराधों के साथ-साथ अन्य प्रकृति के अपराधों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
  • झारखंड पुलिस के अनुसार, साइबर अपराधी (ज़्यादातर अंदरूनी इलाकों में रहने वाले स्कूल ड्रॉपआउट) लोगों को ठगने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक के रूप में ‘फिशिंग’ का उपयोग करते हैं। फिशिंग, एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें साइबर अपराधी फोन कॉल पर खुद को बैंकों और वित्त कंपनियों के भरोसेमंद प्रतिनिधियों के रूप में दर्शाते हैं और अपने लक्ष्य का व्यक्तिगत बैंकिंग विवरण मांगते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जुलाई में, साइबर अपराध और साइबरस्पेस के बढ़ते उपयोग के साथ महिलाओं के खिलाफ अपराध से लड़ने के लिये देश भर में कम-से-कम 18 साइबर फोरेंसिक प्रयोगशालाओं की स्थापना की थी।
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