इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


उत्तर प्रदेश

अयोध्या राम मंदिर

  • 20 Jan 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों ?

राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा या अभिषेक समारोह सरयू तटबंध पर विष्णु पूजा और गौ दान के साथ शुरू होगा।

मुख्य बिंदु:

  • अयोध्या राम मंदिर का लेआउट:
    • मंदिर 20-20 फुट ऊँची तीन मंज़िलों पर बना है, जिनमें कुल 392 खंभे और 44 दरवाज़े हैं।
    • निर्माण में मकराना संगमरमर और गुलाबी बलुआ पत्थर, ग्रेनाइट पत्थर एवं रंगीन संगमरमर का उपयोग किया गया है।
    • मंदिर की नींव रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट की 14 मीटर मोटी परत से बनी है और ज़मीन की नमी से बचाने के लिये 21 फुट ऊँचा ग्रेनाइट प्लिंथ लगाया गया है।
    • निर्माण में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है।
  • मंदिर की स्थापत्य शैली, गर्भगृह , मंडप (हॉल) और मंदिरों के साथ नागर शैली है।
  • परिसर का प्रत्येक कोने में सूर्य, भगवती, गणेश, शिव की मूर्ति स्थापित होगी। उत्तरी और दक्षिणी भुजाओं पर क्रमशः अन्नपूर्णा तथा हनुमान के मंदिर बनाए जाएंगे।
  • महर्षि वाल्मिकी, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषाद राज, शबरी आदि के मंदिर भी प्रस्तावित हैं।

मंदिर वास्तुकला की नागर शैली

  • इसे पहली बार उत्तर भारत में 5वीं शताब्दी ईस्वी में गुप्त काल के दौरान विकसित किया गया था, यह शैली उत्तरी, पश्चिमी और पूर्वी भारत (बंगाल क्षेत्र को छोड़कर) में लोकप्रिय है, खासकर मालवा, राजपुताना एवं कलिंग के आसपास के क्षेत्रों में।
  • यह एक साधारण पत्थर के मंच पर बनाया गया है जिसमें मंदिर तक जाने के लिये सीढ़ियाँ हैं।
  • इसकी विशेषताओं में शामिल हैं:
    • शिखर: गर्भगृह हमेशा उच्चतम शिखर के ठीक नीचे स्थित होता है। शिखर पर एक कलश (अमलका) भी स्थापित है।
      • शिखर के प्रकार: रेखा-प्रसाद या लैटिना (ओडिशा का श्रीजगन्नाथ मंदिर), शेखरी (खजुराहो कंदारिया महादेव मंदिर), वलभी (तेली का मंदिर), फमसाना (कोणार्क मंदिर का जगमोहन)।
  • चारदीवारी या प्रवेश द्वार का अभाव।
  • वे उड़ीसा शैली, चंदेल शैली और सोलंकी शैली हैं।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2