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उत्तर प्रदेश

आत्मनिर्भर किसान एकीकृत विकास योजना

  • 01 Oct 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के किसानों को सशक्त बनाने के मिशन के तहत ‘आत्मनिर्भर किसान एकीकृत विकास योजना’ शुरू की। इस योजना के तहत 2,725 किसान उत्पादक संगठनों (FPO) का गठन किया जाएगा, जिससे 27.25 लाख शेयरधारक किसानों को सीधे लाभ होगा।

प्रमुख बिंदु

  • कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के लिये प्रत्येक ब्लॉक में कम-से-कम एक FPO स्थापित करने का फैसला किया है। चालू वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने इस योजना के लिये 100 करोड़ रुपए निर्धारित किये हैं।
  • कृषि विभाग ने आगे कहा कि सरकार अगले पाँच वर्षों के लिये प्रति वर्ष 625 FPO स्थापित करेगी। केंद्र सरकार के संस्थानों के अलावा उत्तर प्रदेश डायवर्सिफाइड एग्रीकल्चर सपोर्ट प्रोजेक्ट (DASP), हॉर्टिकल्चर फेडरेशन, योग्य FPO और स्वैच्छिक संगठन FPO के गठन के लिये मिलकर काम करेंगे। प्रत्येक FPO से औसतन 1.5 करोड़ रुपए के निवेश की योजना है।
  • 722.85 करोड़ रुपए की इस योजना से अगले पाँच वर्षों में किसान उत्पादक संगठनों (FPO) से जुड़े 27 लाख से अधिक किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
  • वर्तमान में प्रदेश के कुल 824 प्रखंडों में से 408 प्रखंडों में कुल 693 FPO का गठन किया गया है। औसतन लगभग 500 से 1,000 किसान FPO से जुड़े हैं। 
  • FPO के माध्यम से किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सकेगा। योजना के तहत राज्य में कार्यरत् FPO से जुड़े किसानों को 5 लाख रुपए के ऋण पर चार प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। इस प्रकार कृषि विकास से जुड़ी संस्थाएँ कृषि के बुनियादी ढाँचे को विकसित करके खेती की लागत को कम करने और किसानों की आय में वृद्धि करने में सक्षम होंगी।
  • योजना के तहत क्लस्टर आधारित कारोबारी संगठनों को पाँच वर्षों के लिये FPO बनाने हेतु पाँच लाख रुपए और नवगठित FPO को तीन साल के लिये छह लाख रुपए सालाना का कर्ज़ दिया जाएगा। 
  • फसल कटाई के बाद की बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिये FPO को तीन प्रतिशत की दर से ऋण प्रदान किया जाएगा, जिससे FPO से जुड़े कम-से-कम 500 से 1,000 किसानों को लाभ होगा और प्रत्येक वर्ष 3,000 नौकरियों का सृजन भी होगा।
  • गौरतलब है कि अभी तक राज्य में उर्वरक, बीज एवं अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने वाली कृषि सहकारी समितियाँ (PACS) मार्जिन मनी के अभाव में कृषि अधोसंरचना कोष (AIF) की योजना का लाभ नहीं उठा पा रही थीं। अब राज्य के 1,500 PACS इस योजना से किसानों को लाभान्वित कर सकेंगी।
  • साथ ही सस्ते कर्ज़ की उपलब्धता से राज्य की प्रत्येक PACS 20 लाख रुपए की परियोजना शुरू कर सकेंगी। PACS के ऐसे प्रोजेक्ट में राज्य सरकार 4 लाख रुपए मार्जिन मनी के तौर पर देगी, जबकि AIF 16 लाख रुपए देगी। इसकी ब्याज दर एक फीसदी होगी।
  • इस पैसे से PACS गोदाम बना सकेंगे, जिससे किसानों को लंबे समय तक अपनी उपज के भंडारण में मदद मिलेगी। साथ ही कृषि उत्पादन मंडी परिषद की 27 मंडियों में कटाई उपरांत भंडारण एवं प्रबंधन अधोसंरचना के निर्माण के लिये 140 करोड़ रुपए की योजना तैयार की गई है। मंडी परिषद भी AIF से महज़ 3 फीसदी की ब्याज दर पर कर्ज़ लेकर संसाधन बढ़ा सकेगी।
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