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छत्तीसगढ़

‘कारवाँ पर्यटन’

  • 21 Jul 2023
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

20 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिये कारवाँ गाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मोटर कारवाँ के पृथक् से पंजीयन हेतु टैक्स दर का निर्धारण किया गया है। इसके तहत कारवाँ गाड़ी के पंजीयन के लिये गाड़ी की कीमत का 10 प्रतिशत टैक्स देना होगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • गौरतलब है कि राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग द्वारा नये-नये कदम उठाए जा रहे हैं। इस कड़ी में राज्य सरकार नदियों, पर्वत श्रृंखलाओं, हिल स्टेशनों, जंगलों और विरासत स्थलों पर ‘कारवाँ पर्यटन’को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। 
  • कारवाँ पर्यटन की अवधारणा ने दुनिया भर में अपार लोकप्रियता हासिल की है। इस नीति के तहत मनोरंजक वाहन या घूमने के लिये प्रयोग किये जाने वाले वाहन, टूरिस्ट वैन या मोटर घरों को उन स्थानों पर अनुमति दी जाएगी, जहाँ स्थायी निर्माण निषिद्ध है और जहाँ होटल और रिसॉर्ट दुर्लभ हैं।  
  • इसका उद्देश्य सुरक्षित यात्रा प्रदान करना और टूर ऑपरेटरों को प्रोत्साहित करना है। यह राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और अन्य आकर्षणों का आनंद लेने की पर्यटकों को अनुमति देगा और इससे पर्यटन क्षेत्र में स्थानीय रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे। 
  • क्या है मोटर कारवाँ? 
    • कारवाँ एक तरह का यात्री वाहन है, जिसे विशेष प्रयोजन हेतु उपयोग किया जाता है। इस वाहन में बैठने और सोने की व्यवस्था होती है। साथ ही साथ टेबल और किचन भी होता है, कई वाहनों में बाथरूम भी होता है। एक तरह से मोटर कारवाँ एक चलता-फिरता होटल या घर के समान होता है। 
    • कारवाँ वाहन बनाने के लिये कोई नई गाड़ी या केवल चेसिस खरीदकर उसे पंजीकृत बॉडी बिल्डर से कारवाँ वाहन बनवाया जा सकता है अथवा फिर कोई पुरानी गाड़ी को भी मॉडिफाई कर कारवाँ वाहन बनवाया जा सकता है, लेकिन कारवाँ गाड़ी बनाने के लिये पुरानी गाड़ी तीन वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिये। 
    • यह टूरिस्ट सर्किट, गंतव्यों में भी परिवार-उन्मुख पर्यटन को बढ़ावा देता है, जहाँ पर पर्याप्त होटल आवास नहीं होते हैं।  
    • यात्रा, अवकाश और आवास के उद्देश्य से मोटर कारवाँ का उपयोग किया जा सकता है। एडवेंचर टूरिज़्म के लिये भी मोटर कारवाँ का काफी उपयोग किया जाता है।  
  • छत्तीसगढ़ में विशाल भूमि क्षेत्र और परिदृश्य हैं, जो मोटर कारवाँ पर्यटन के लिये एक नया पहलू जोड़ेगा। वर्तमान में ईको, वन्यजीव, तीर्थ पर्यटन इत्यादि की मांग बढ़ रही है। इसमें दूर-दराज के इलाकों, जंगलों और नदियों में जाना और रहना शामिल है।  
  • पर्यटन स्थलों पर पहले से ही आवास की कमी है, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में और कुछ स्थानों पर जहाँ स्थायी निर्माण न तो स्वीकार्य हो सकता है और न ही संभव है। ऐसे परिदृश्य में कारवाँ टूरिज़्म प्रभावी रूप से बढ़ती मांग को पूरा कर सकता है, जबकि यह सुनिश्चित करने के साथ-साथ क्वालिटी, स्टैंडर्ड और सुरक्षा मानदंडों का भी पालन करता है।  
  • इसमें कोई संदेह नहीं है कि कारवाँ पर्यटन युवाओं, परिवारों, वरिष्ठ नागरिकों और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों सहित बाज़ार क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला को आकर्षित करेगा।

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