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Sambhav-2024

  • 08 Mar 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    दिवस 95

    Q2. खगोल भौतिकी के क्षेत्र में एक्स-रे पोलेरीमीटर सैटेलाइट (XPoSat) के महत्त्व एवं उद्देश्यों पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • एक्स-रे पोलेरीमीटर सैटेलाइट/एक्स-किरण ध्रुवणमापी उपग्रह (XPoSat) के बारे में संक्षिप्त परिचय दीजिये।
    • खगोल भौतिकी के क्षेत्र में एक्स-किरण ध्रुवणमापी उपग्रह का उद्देश्य एवं महत्त्व बताइये।
    • उचित निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    एक्स-किरण ध्रुवणमापी उपग्रह (XPoSat) भारत का पहला मिशन है जो मध्यम आवृत्ति बैंड में चमकीले आकाशीय स्रोतों से निकलने वाली एक्स-रे के ध्रुवीकरण का विश्लेषण करने के लिये समर्पित है।

    XPoSat उन स्रोतों का अवलोकन करेगा जो ध्रुवीकृत एक्स-रे उत्सर्जित करते हैं। यह अवलोकन तब किया जाएगा जब मैग्नेटर या न्यूट्रॉन तारे (ये अत्यधिक चुंबकीय होते हैं और एक्स-रे गतिविधि की एक विस्तृत शृंखला प्रदर्शित करते हैं) पृथ्वी की छाया के माध्यम से पारगमन में होते हैं, उदाहरण के लिये, ग्रहण के दौरान।

    मुख्य भाग:

    • एक्स-किरण ध्रुवणमापी उपग्रह (XPoSat) का उद्देश्य:
      • एक्स-किरण ध्रुवणमापी उपग्रह (XPoSat) का प्राथमिक उद्देश्य ब्रह्मांड में आकाशीय स्रोतों से होने वाले ध्रुवीकृत एक्स-रे उत्सर्जन का पता लगाना तथा उसका विश्लेषण करना है। इसमें ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे, सुपरनोवा अवशेष तथा सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक आदि शामिल हैं।
    • खगोल भौतिकी के क्षेत्र में महत्त्व :
      • XPoSat कई कारणों से खगोल भौतिकी में अत्यधिक महत्त्व रखता है:
        • ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारों को समझना: ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारों से उत्सर्जित एक्स-रे के ध्रुवीकरण का अध्ययन करके, XPoSat उनके चुंबकीय क्षेत्र तथा सापेक्ष जेट के संबंध में अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है। यह डेटा इन रहस्यमयी ब्रह्मांडीय निकायों के बारे में हमारी समझ को परिष्कृत करने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
        • सुपरनोवा अवशेषों की जाँच: XPoSat के सुपरनोवा अवशेषों के ध्रुवीकृत एक्स-रे अवलोकन द्वारा वैज्ञानिकों को इन तारकीय विस्फोटों से जुड़े चुंबकीय क्षेत्रों एवं इनकी गतिशीलता की जाँच करने में सहायता मिलेगी। इस तरह के अध्ययन सुपरनोवा विस्फोटों हेतु उत्तरदायी बल पर प्रकाश पड़ता है।
        • सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक (AGN) की खोज: AGN, आकाशगंगाओं के केंद्रों में सुपरमैसिव ब्लैक होल द्वारा संचालित होते हैं। AGN से उत्सर्जित एक्स-रे के ध्रुवीकरण को मापने की XPoSat की क्षमता इन विशाल ब्लैक होल के आस-पास के क्षेत्रों की ज्यामिति एवं भौतिकी के साथ-साथ उनके उच्च-ऊर्जा उत्सर्जन हेतु ज़िम्मेदार प्रक्रियाओं के संबंध में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
        • ध्रुवणमापी तकनीकों को उन्नत बनाना: XPoSat का एक्स-रे ध्रुवणमापी पर समर्पित फोकस खगोल भौतिकी में ध्रुवणमापी तकनीकों की उन्नति में योगदान देता है। यह एक्स-रे उत्सर्जन में ध्रुवीकरण के अधिक सटीक माप को सक्षम बनाता है, जिससे ब्रह्मांडीय वस्तुओं एवं घटनाओं के मौलिक गुणों की जाँच करने की हमारी क्षमता बढ़ती है।

    निष्कर्ष:

    ध्रुवीकृत एक्स-रे उत्सर्जन का पता लगाने का XPoSat का उद्देश्य और ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे, सुपरनोवा अवशेष एवं सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक का अध्ययन करने में इसका महत्त्व, इसे ब्रह्मांड की हमारी समझ को बेहतर बनाने तथा खगोल भौतिकी के क्षेत्र में इसके रहस्यों को उजागर करने के रूप में इसे एक महत्त्वपूर्ण उपकरण बनाता है।

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