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पीआरएस कैप्सूल्स


विविध

नवंबर 2018

  • 19 Jan 2019
  • 21 min read

PRS कैप्सूल नवंबर 2018


PRS की प्रमुख हाइलाइट्स

  1. मैक्रोइकॉनोमिक विकास
  2. कंपनी (संशोधन) अध्यादेश, 2018
  3. कंपनी अधिनियम के संशोधन मसौदे पर टिप्पणियाँ आमंत्रित
  4. सहयोगी एवं स्वास्थ्य सेवा पेशा विधेयक, 2018 को मंज़ूरी
  5. ‘एनिमी शेयर’ की बिक्री के लिये मैकेनिज्म
  6. PPP के माध्यम से पट्टे पर दिये जाएंगे छह हवाई अड्डे
  7. ट्राई (TRAI) का ओवर-द-टॉप (OTT) सेवाओं के विनियमन पर परामर्श पत्र
  8. आंध्र प्रदेश में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना
  9. स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के तहत अपवर्जन के मानकीकरण पर रिपोर्ट
  10. ऑडिट फर्म एवं उनके नेटवर्क पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट
  11. CCEA ने अम्ब्रेला योजना ACROSS को जारी रखने की दी मंज़ूरी
  12. भारतीय राष्ट्रपति की वियतनाम और ऑस्ट्रेलियाई यात्रा
  13. भारतीय उपराष्ट्रपति का जिम्बाब्वे दौरा

1. मैक्रोइकॉनोमिक विकास (Macroeconomic Development)


सकल घरेलू उत्पाद दर 7.1%

  • स्थिर कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) दर में 7.1% की वृद्धि दर्ज की गई। आर्थिक क्षेत्रों में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को सकल मूल्य वर्धित (GVA) में मापा जाता है।
  • खनन तथा उत्खनन क्षेत्र को छोड़कर कृषि, विनिर्माण, बिजली, निर्माण एवं सेवाओं जैसे सभी क्षेत्रों के GVA में वृद्धि हुई हैं।

2004-11 की अवधि के लिये संशोधित जीडीपी डेटा 2011-12 के आधार वर्ष के साथ जारी किया गया

  • सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने संशोधित GDP डेटा जारी किया।
  • राष्ट्रीय लेखा के लिये आधार वर्ष 2004-05 से संशोधित कर 2011-12 किया गया।
  • GDP की गणना करने की पद्धति को राष्ट्रीय लेखा की संयुक्त राष्ट्र प्रणाली, 2008 (United Nations System of National Accounts) की सिफारिशों के अनुसार संशोधित किया गया है।
  • संशोधित आँकड़ों के अनुसार, कुल GVA में प्राथमिक (कृषि, खनन, वानिकी) और माध्यमिक (विनिर्माण, निर्माण और बिजली उत्पादन सहित) क्षेत्रों की हिस्सेदारी बढ़ी है।
  • तृतीयक क्षेत्र (वित्तीय सेवाओं, व्यापार, परिवहन, संचार और सार्वजनिक प्रशासन से संबंधित आर्थिक गतिविधियों सहित) की हिस्सेदारी में गिरावट आई है।

औद्योगिक उत्पादन में 5.2% की वृद्धि हुई

  • औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) 2018-19 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 5.2% बढ़ा।
  • बिजली उत्पादन में 7.5% की उच्चतम वृद्धि हुई, इसके बाद विनिर्माण तथा खनन क्षेत्र में क्रमशः 5.5% तथा 1% की वृद्धि दर्ज की गई।

2. कंपनी (संशोधन) अध्यादेश, 2018 (Companies (Amendment) Ordinance, 2018)

  • कंपनी (संशोधन) अध्यादेश, 2018 कंपनी अधिनियम, 2013 में दंड से संबंधित कई प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव करता है।

अध्यादेश की प्रमुख विशेषताएँ

  • कुछ अपराधों का पुन: श्रेणीकरण: यह अध्यादेश 16 प्रशमनीय (compoundable) अपराधों को सिविल डिफॉल्ट के रूप में फिर से वर्गीकृत करता है तथा सहायक अधिकारी (केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त) अब चूक (डिफ़ॉल्ट) पर जुर्माना लगा सकते हैं। इन अपराधों में शामिल हैं: (i) छूट पर शेयर जारी करना और (ii) वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में विफलता।
  • व्यवसाय की प्रतिबद्धता: अध्यादेश में कहा गया है कि कोई कंपनी तब तक व्यवसाय शुरू नहीं कर सकती है जब तक कि वह : (i) निगमन के 180 दिनों के भीतर घोषणा पत्र दाखिल न कर दे तथा (ii) निगमन के 30 दिनों के भीतर कंपनियों के रजिस्ट्रार के पास अपने पंजीकृत पते का सत्यापन फाइल न कर दे।
  • मंज़ूरी देने वाले प्राधिकरण में बदलाव: इस अधिनियम के तहत, किसी विदेशी कंपनी से जुड़ी कंपनी के लिये वित्तीय वर्ष की अवधि में बदलाव को राष्ट्रीय कंपनी लॉ न्यायाधिकरण द्वारा अनुमोदित किया जाना जरूरी हैं।
  • शमन करना: अधिनियम के तहत, एक क्षेत्रीय निदेशक पाँच लाख रुपए तक के ज़ुर्माने वाले अपराधों में शमन (समझौता) कर सकता है। अध्यादेश ने इस सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया है।

3.कंपनी अधिनियम के संशोधन मसौदे (Draft Amendments to Companies Act) पर टिप्पणियाँ आमंत्रित की गईं

  • कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी अधिनियम, 2013 में संशोधन के मसौदे पर टिप्पणी आमंत्रित करते हुए एक नोटिस जारी किया है।
  • यह संशोधन 2013 अधिनियम के तहत कॉर्पोरेट प्रशासन तथा प्रवर्तन ढाँचे को मज़बूत करने के लिये लाया गया हैं।
  • प्रमुख मसौदे में निम्नलिखित संशोधन शामिल हैं:

♦ एक स्वतंत्र निदेशक (ID) का पारिश्रमिक।
♦ सार्वजनिक कंपनियों के कुछ वर्गों को केवल अभौतिक रूप (dematerialised form) में शेयर जारी करने की आवश्यकता होती है।
♦ अधिनियम के तहत, एक गैर-लाभकारी चैरिटेबल कंपनी स्वयं को किसी अन्य प्रकार की कंपनी में बदल सकती है।
♦ अधिनियम के तहत, अगर कंपनियों के पास: (i) 500 करोड़ रुपए या उससे अधिक की निवल कीमत हो, या (ii) 1,000 करोड़ रुपए या उससे अधिक का कारोबार हो, या (iii) पाँच करोड़ रुपए या उससे अधिक का शुद्ध लाभ अर्जित करती हो, तो उन्हें अपने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्त्व (CSR) नीति के अंतर्गत अपने औसत शुद्ध लाभ का 2% खर्च करना आवश्यक है।

4. सहयोगी एवं स्वास्थ्य सेवा पेशा विधेयक, 2018 (Allied and Healthcare Professions Bill, 2018)

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सहयोगी एवं स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की शिक्षा तथा अभ्यास को विनियमित एवं मानकीकृत करने के लिये सहयोगी एवं स्वास्थ्य सेवा पेशा विधेयक, 2018 को मंज़ूरी दी।
  • सहयोगी एवं स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों में चिकित्सीय, नैदानिक, उपचारात्मक तथा निवारक हस्तक्षेपों (preventive intervention) में विशेषज्ञता के साथ स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े व्यक्ति शामिल हैं, जैसे कि फिज़ियोथेरेपिस्ट, न्यूट्रिशनिस्ट और लैब टेक्नोलॉजिस्ट आदि।
  • वर्तमान में, सहयोगी एवं स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की शिक्षा और प्रशिक्षण के लिये कोई व्यापक नियामक ढाँचा नहीं है।
  • विधेयक में केंद्र में भारतीय सहयोगी एवं स्वास्थ्य सेवा परिषद तथा राज्यों के लिये राज्य सहयोगी एवं स्वास्थ्य सेवा परिषद की स्थापना का प्रावधान है।
  • ये परिषदें नीतियों एवं मानकों का निर्माण करेंगी, पेशेवरों के आचरण एवं पंजीकरण को विनियमित करेंगी तथा आम प्रवेश और निकास परीक्षा के लिये प्रावधान निर्धारित करेंगी।

5. ‘शत्रु शेयरों' की बिक्री के लिये तंत्र (मैकेनिज्म) (Mechanism for Sale of Enemy Shares)

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत ‘शत्रु शेयरों' की बिक्री के लिये तंत्र को मंज़ूरी दी।
  • केंद्र सरकार ने वर्ष 1962, 1965 और 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान और चीन के नागरिकों से संबंधित कुछ संपत्तियों को 'शत्रु संपत्ति' के रूप में नामित कर इन संपत्तियों को भारत की शत्रु संपत्ति के परिरक्षण (CEPI) में निहित किया था।
  • शत्रु संपत्ति (संशोधन तथा वैधता) कानून, 2017 (Custodian of Enemy Property for India-CEPI) या केंद्र सरकार के निर्देश पर किसी भी अन्य प्राधिकरण या विभाग को शत्रु संपत्तियों की बिक्री के लिये अधिकृत करता है।
  • वित्त मंत्रालय के ‘निवेश व सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग’ को इन शत्रु शेयरों को बेचने के लिये अधिकृत किया गया है।
  • बिक्री से प्राप्त आय को सरकार के खाते में विनिवेश आय के रूप में जमा किया जाना चाहिये।

6. PPP के माध्यम से पट्टे पर दिये जाएंगे छह हवाई अड्डे (Leasing out Six Airports through PPP)

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक निजी भागीदारी मूल्यांकन समिति (PPPAC) के माध्यम से सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) के तहत संचालन, प्रबंधन और विकास के लिये छह हवाई अड्डों को पट्टे पर देने की मंज़ूरी दी।
  • ये हवाईअड्डे अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलुरु हैं जो वर्तमान में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा संचालित हैं।
  • वर्तमान में, PPP मॉडल के तहत पाँच हवाई अड्डों का प्रबंधन किया जा रहा है, ये हैं दिल्ली, मुंबई, बंगलूरू, हैदराबाद और कोचीन।
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने PPPAC के दायरे से बाहर आने वाले किसी भी मुद्दे पर निर्णय लेने के लिये सचिवों के एक प्राधिकार प्राप्त समूह के गठन को भी मंज़ूरी दी हैं।

7. ट्राई (TRAI) का ओवर-द-टॉप (OTT) सर्विसेज के विनियमन पर परामर्श पत्र

  • भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने ओवर-द-टॉप (OTT) संचार सेवा प्रदाताओं के लिये नियामक ढाँचे पर एक परामर्श पत्र पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया आमंत्रित की हैं।
  • ये ऐसे प्रदाता हैं जो सूचना और संचार प्रौद्योगिकी सेवाओं की पेशकश करते हैं, लेकिन ये न तो नेटवर्क का संचालन करते हैं और न ही नेटवर्क प्रदाता से नेटवर्क क्षमता पट्टे पर लेते हैं।
  • OTT सेवा प्रदाता सेवाएँ प्रदान करने के लिये इंटरनेट पर निर्भर हैं।

ट्राई द्वारा किये गए महत्त्वपूर्ण अवलोकन

  • आर्थिक पहलू: OTT सेवाओं तथा डेटा ट्रैफ़िक से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) के लिये व्यापार में वृद्धि हो सकती है।
  • वर्तमान नियामकीय ढाँचा: ट्राई (TRAI) के अनुसार, यद्यपि OTT संस्थाएं TSP जैसी ही सेवाएँ प्रदान कर सकती हैं, तदापि ये उपभोक्ता की परेशानियों को दूर करने के लिये किसी भी नियामक दायित्त्वों से बाध्य नहीं हैं।
  • डेटा सुरक्षा: OTT सेवा विभिन्न देशों में नागरिकों तथा कंपनियों के डेटा को स्टोर और ट्रांसफर करती है। TRAI ने महसूस किया कि इससे डेटा सुरक्षा मानदंडों के संबंध में अस्पष्टता पैदा होती है।
  • नियमन में परिवर्तन: ट्राई (TRAI) ने OTT सेवाओं और TSP के नियमन के लिये विभिन्न वैकल्पिक तरीकों का सुझाव दिया जैसे, नियामक व्यवस्था को शिथिल करना, बाज़ार शक्तियों के माध्यम से हल किये जाने वाले मुद्दे आदि।

8. आंध्र प्रदेश में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (Central Tribal University in Andhra Pradesh) की स्थापना

  • आंध्र प्रदेश में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में संशोधन को मंज़ूरी दी।
  • यह केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय आंध्र प्रदेश के विजयनगरम ज़िले में स्थापित किया जाएगा।

9. स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के तहत अपवर्जन के मानकीकरण पर रिपोर्ट (Report on Standardization of Exclusions in the Health Insurance)

  • भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने जुलाई 2018 में 'स्वास्थ्य बीमा अनुबंधों के मानकीकरण' पर एक कार्य दल का गठन किया।
  • इस दल को स्वास्थ्य बीमा अनुबंधों में मौजूदा अपवर्जनों (शर्तेँ या दावे जिन्हें पालिसी के तहत कवर नहीं किया जाता) की समीक्षा करने तथा सुझाव देने का काम सौंपा गया था, जो उनके मानकीकरण को बढ़ावा देगा।
    मुख्य अवलोकन तथा सिफारिशें:

♦ किसी व्यक्ति का बीमा किये जाने के बाद अपवर्जनों की संख्या में कमी अर्थात् बीमारियों के लिये कवरेज से स्वास्थ्य बीमा के उद्देश्य निष्फल हो जाते हैं तथा इससे स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र के प्रति लोगों के विश्वास में कमी आती है।
♦ इस स्थिति के समाधान के लिये पॉलिसी की शुरुआत के बाद अनुबंधित सभी स्वास्थ्य स्थितियों को शामिल किये जाने की सिफारिश की गई है जो स्थायी अपवर्जन के रूप में कवर या सूचीबद्ध नहीं किये गए हैं।
♦ रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है कि नियमित रूप से अपवर्जन सूची की समीक्षा की जाए और जोखिम अंकन (अंडरराइटिंग) के समय अनुमत स्थायी अपवर्जन की सूची की इरडा द्वारा गठित समिति द्वारा वार्षिक आधार पर समीक्षा की जानी चाहिये।
♦ चिकित्सा प्रौद्योगिकी एवं उपचार में प्रगति को शामिल करने हेतु जाँच तथा अनुमोदन करने के लिये एक स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन समिति का गठन किया जाना चाहिये।

10. ऑडिट फर्म एवं उनके नेटवर्क पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट (Committee of Experts Releases Report on Audit Firms and their Networks)

  • अनुराग अग्रवाल की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञों की समिति ने ऑडिट फर्मों और उनके नेटवर्क पर अपनी रिपोर्ट कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को सौंप दी हैं।

इसकी मुख्य सिफारिशें हैं:

  • भारत में ऑडिट स्ट्रक्चर्स: समिति ने पाया कि तीन प्रकार की संरचनाएँ अस्तित्त्व में हैं।

♦ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (CA) द्वारा स्थापित फर्मों के घरेलू नेटवर्क इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के साथ पंजीकृत हैं।
♦ अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क जहाँ घरेलू CA फर्म भारत के बाहर संस्थाओं के साथ गठजोड़ करती हैं।
♦ अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क जहाँ घरेलू CA फर्म एक अंतर्राष्ट्रीय इकाई के भारतीय सदस्य कंपनियों के साथ गठजोड़ करती हैं।

  • लेखा परीक्षा के पेशे का विवरण:

♦ समिति ने उल्लेख किया कि राष्ट्रीय वित्तीय सूचना प्राधिकरण (NFRA) को अपने ऑडिट को प्रकाशित करने का अधिकार होना चाहिये।
♦ इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि प्रतिकूल रिपोर्ट के कारण प्रतिष्ठा में होने वाला नुकसान, ऑडिट फर्मों के लिये बेहतर आंतरिक नियंत्रण और संतुलन स्थापित करने के लिये एक प्रभावी निवारक हो सकता है।

दायित्त्व का कानूनी शासन:

♦ नेटवर्क देयता के मामले में यह सिफारिश की गई हैं कि NFRA को ऑडिट विफलता या धोखाधड़ी के मामले में अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क पर मौद्रिक दंड लगाने के लिये कानून द्वारा शक्ति प्राप्त होनी चाहिये।

  • गैर-ऑडिट सेवाएँ प्रदान करना: इसमें कंपनियों को एक लेखापरीक्षिती कंपनी (Auditee Company) को गैर-ऑडिट सेवाएँ प्रदान करने की अनुमति देने की सिफारिश की गई है।

11. CCEA ने समग्र योजना ACROSS को जारी रखने की दी मंज़ूरी (CCEA Approves Continuation of the Umbrella Scheme ACROSS)

  • समग्र योजना एटमॉस्फियर एंड क्लाइमेट रिसर्च-मॉडलिंग-ऑब्ज़र्विंग सिस्टम एंड सर्विसेज (ACROSS) में नौ उप-योजनाएँ शामिल हैं, जो चक्रवात की चेतावनी, तूफान, गर्म लहरें तथा आंधी तूफान के साथ मौसम और जलवायु सेवाओं के विभिन्न पहलुओं को संबोधित करती हैं।
  • योजना का उद्देश्य निरंतर अवलोकन, अनुसंधान एवं विकास तथा प्रभावी प्रसार और संचार रणनीतियों को अपनाने के माध्यम से मौसम और जलवायु पूर्वानुमान में सुधार करना है।

12. भारतीय राष्ट्रपति की वियतनाम तथा ऑस्ट्रेलियाई यात्रा(President Visits Vietnam and Australia)

  • राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने वियतनाम तथा ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया। इस दौरान दोनों देशों के बीच नौ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
  • भारत और वियतनाम ने संचार तथा भारतीय उद्योग परिसंघ और वियतनाम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के क्षेत्र में सहयोग से संबंधित चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया ने विभिन्न क्षेत्रों में निम्नलिखित समझौतों पर हस्ताक्षर किये-

(i) विकलांगता के क्षेत्र में सहयोग
(ii) द्विपक्षीय निवेश की सुविधा
(iii) विज्ञान और नवाचार में सहयोग
(iv) कृषि अनुसंधान और नवाचार में सहयोग।

13. भारतीय उपराष्ट्रपति का ज़िम्बाब्वे दौरा (Vice-President Visits Zimbabwe)

  • उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू ने ज़िम्बाब्वे का दौरा किया और निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग के लिये छह समझौतों पर हस्ताक्षर किये:

(i) कला, संस्कृति, और विरासत
(ii) चिकित्सा और होम्योपैथी
(iii) भूविज्ञान, खनन और खनिज संसाधन।

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