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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 नवंबर, 2020

  • 19 Nov 2020
  • 7 min read

रानी लक्ष्मीबाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रानी लक्ष्मीबाई की 192वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। रानी लक्ष्मी बाई का जन्म 19 नवंबर, 1828 को वाराणसी में हुआ था और उनके बचपन का नाम मणिकर्णिका तांबे था। उन्होंने बचपन में ही घुड़सवारी, तलवारबाज़ी और निशानेबाज़ी जैसी कलाओं में निपुणता हासिल कर ली थी। वर्ष 1842 में 14 वर्ष की उम्र में इनका विवाह झाँसी के महाराजा गंगाधर राव के साथ कर दिया गया, उसके बाद से इन्हें लक्ष्मीबाई के नाम से जाना गया। महाराजा की मृत्यु के बाद अंग्रेज़ों ने ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) का हवाला देते हुए महाराजा के दत्तक पुत्र दामोदर राव को झाँसी के सिंहासन के कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इस सिद्धांत के मुताबिक, यदि ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण में आने वाली किसी रियासत के शासक के पास कानूनी तौर पर पुरुष उत्तराधिकारी नहीं है तो कंपनी द्वारा इस रियासत का अधिग्रहण कर लिया जाएगा। रानी लक्ष्मीबाई ने इस व्यवस्था का विरोध किया और जून 1857 में रानी लक्ष्मीबाई के नेतृत्व में झाँसी में विद्रोह प्रारंभ हो गया। ज्ञात हो कि यह वही समय था जब  मेरठ में कंपनी के भारतीय सिपाहियों ने विद्रोह किया था, तत्पश्चात्  यह विद्रोह कानपुर, बरेली, झाँसी, दिल्ली, अवध आदि स्थानों तक फैल गया। 1857 के विद्रोह में रानी लक्ष्मीबाई की काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। झाँसी की सुरक्षा करते हुए ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ हुए युद्ध में 17 जून, 1858 रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु हो गई। 

विजयनगर- कर्नाटक का 31वाँ ज़िला

हाल ही में कर्नाटक मंत्रिमंडल ने मौजूदा बेल्लारी ज़िले से विजयनगर को अलग करने और एक नया ज़िला बनाने की दशकों पुरानी मांग को मंज़ूरी दे दी है। अब विजयनगर कर्नाटक का 31वाँ ज़िला होगा। ध्यातव्य है कि कर्नाटक में बीते कई वर्षों से विजयनगर साम्राज्य के नाम पर एक नए ज़िले के निर्माण की मांग की जा रही थी। विजयनगर साम्राज्य की स्थापना चौदहवीं शताब्दी (1336 ई.) में संगम वंश के दो राजकुमारों (हरिहर और बुक्का) द्वारा कृष्णा तथा तुंगभद्रा नदियों के बीच एक स्‍वतंत्र राज्‍य के रूप में की गई थी। भारतीय कला, संस्कृति और स्थापत्य के विकास की दृष्टि से विजयनगर साम्राज्य अत्यंत महत्त्वपूर्ण रहा है। इस दौरान भारतीय कला तथा संस्कृति का बहुआयामी विकास हुआ। विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध राजा कृष्‍ण देव राय थे। विजयनगर का राजवंश उनके कार्यकाल में भव्यता के शिखर पर पहुँच गया और 1529 ई. में राजा कृष्‍ण देव राय की मृत्यु के बाद विजयनगर साम्राज्य का पतन शुरू हो गया।

विश्व दर्शन दिवस

दार्शनिक विश्लेषण, अनुसंधान और प्रमुख समकालीन मुद्दों पर अध्ययन को बढ़ावा देकर दर्शन के प्रति लोगों की प्रतिबद्धता को मज़बूत करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष नवंबर माह के तीसरे गुरुवार को विश्व दर्शन दिवस (World Philosophy Day) मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम लोगों के बीच दर्शन के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। वर्ष 2020 में यह विश्व दर्शन दिवस 19 नवंबर को मनाया जा रहा है। विश्व दर्शन दिवस की शुरुआत वर्ष 2002 में यूनेस्को (UNESCO) द्वारा की गई थी और वर्ष 2002 में इस दिवस का आयोजन 21 नवंबर को किया गया था। सदियों से प्रत्येक संस्कृति में दर्शन (Philosophy) ने अवधारणाओं, विचारों और विश्लेषणों को जन्म दिया है और इसके माध्यम से महत्त्वपूर्ण, स्वतंत्र और रचनात्मक विचार के लिये आधार निर्धारित किया है।

इंदिरा गांधी

19 नवंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की पुत्री इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को प्रयागराज (इलाहाबाद) में हुआ था। 1950 के दशक की शुरुआत में उन्होंने अनौपचारिक रूप से अपने पिता पंडित जवाहरलाल नेहरु के निजी सहायक के रूप में कार्य किया। वर्ष 1955 में वे काॅन्ग्रेस कार्यसमिति में शामिल हुईं और वर्ष 1959 में उन्हें काॅन्ग्रेस का अध्यक्ष चुन लिया गया। वर्ष 1964 में प्रधानमंत्री नेहरु की मृत्यु के बाद उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्त्व में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया, किंतु लाल बहादुर शास्त्री की आकस्मिक मृत्यु के बाद वर्ष 1966 में वे देश की 5वीं प्रधानमंत्री बनीं। वर्ष 1975 में उनके कार्यकाल के दौरान भारत में आपातकाल लागू किया गया, जो कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक ‘काला अध्याय’ माना जाता है। 31 अक्तूबर, 1984 को दो सिख अंगरक्षकों द्वारा उनकी हत्या कर दी गई।

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