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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 06 अप्रैल, 2021

  • 06 Apr 2021
  • 7 min read

‘संकल्प से सिद्धि’ ड्राइव

समाज के वंचित आदिवासी वर्गों तक पहुँच बनाने के लिये सरकार ने देश भर के लगभग 1,500 गाँवों में वन धन विकास केंद्रों को सक्रिय करने हेतु 100 दिन की ड्राइव शुरू की है। जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (TRIFED) द्वारा शुरू की गई ‘संकल्प से सिद्धि’ ड्राइव, एक गाँव और डिजिटल कनेक्शन ड्राइव है, जिसका उद्देश्य जनजातीय पारिस्थितिकी तंत्र के पूर्ण परिवर्तन में सहायता करना है। 1 अप्रैल, 2021 से शुरू हुए इस 100 दिवसीय अभियान में ट्राइफेड और राज्य सरकार की कुल 150 एजेंसियाँ शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक एजेंसी 10 गाँवों का दौरा करेंगी। ‘संकल्प से सिद्धि’ अभियान देश भर में जनजातीय पारितंत्र के पूर्ण परिवर्तन को प्रभावी बनाने में सहायता करेगा। ट्राइफेड, भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में एक राष्ट्रीय स्तर की सहकारी संस्था है, जिसका गठन वर्ष 1987 में जनजातीय कार्य मंत्रालय के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में किया गया था। इसने अपने कार्यों की शुरुआत वर्ष 1988 में नई दिल्ली स्थित मुख्य कार्यालय से की थी। इसका प्राथमिक उद्देश्य जनजातीय लोगों का सामाजिक-आर्थिक विकास, आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देना, ज्ञान, उपकरण और सूचना के साथ जनजातीय लोगों का सशक्तीकरण एवं क्षमता निर्माण करना है। 

अंबेडकर जयंती- सार्वजानिक अवकाश

हाल ही में केंद्र सरकार ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट अधिनियम, 1881 की धारा 25 के तहत अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी अधिसूचना के मुताबिक, इस वर्ष से 14 अप्रैल को सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों (जिसमें औद्योगिक प्रतिष्ठान भी शामिल हैं) में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। विदित हो कि 14 अप्रैल, 2021 को बाबासाहेब अंबेडकर की 130वीं जयंती मनाई जाएगी। बाबासाहेब अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश में हुआ था। एक सामाजिक विचारक, दलित नेता और जाति-विरोधी सुधारक के रूप में उन्होंने देश के संविधान के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। बाबासाहेब ने अपना जीवन समाज से छुआछूत व अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिये समर्पित कर दिया था। उनका मानना था कि अस्पृश्यता को हटाए बिना राष्ट्र की प्रगति नहीं हो सकती है। बाबासाहेब ने देश की मुद्रा और बैंकिंग व्यवस्था में भी अग्रणी भूमिका निभाई थी। उन्होंने भारत में महिला सशक्तीकरण की नींव रखी और महिलाओं के लिये संपत्ति तथा मातृत्व लाभ की वकालत की। बाबासाहेब अंबेडकर को वर्ष 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 

नहर आधारित पेयजल परियोजना के लिये ऋण

विश्व बैंक और एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक ने पंजाब में 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 2,190 करोड़ रुपए) की नहर आधारित पेयजल परियोजना के लिये ऋण को स्वीकृति दे दी है। इस परियोजना का उद्देश्य पीने योग्य जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करना और अमृतसर तथा लुधियाना में जल के नुकसान को कम करना है। इस संपूर्ण परियोजना को विश्व बैंक की ओर से अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD)- 105 मिलियन डॉलर, एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक- 105 मिलियन डॉलर और पंजाब सरकार- 90 मिलियन डॉलर द्वारा संयुक्त रूप से वित्तपोषित किया जाएगा। अमृतसर में जलापूर्ति का मुख्य स्रोत ‘ऊपरी बारी दोआब नहर’ है और इस क्षेत्र के सतही जल के उपचार हेतु अमृतसर के वल्लाह गाँव में 440 मिलियन लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला जल उपचार संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इसी तरह लुधियाना में जलापूर्ति का मुख्य स्रोत ‘सरहिंद नहर’ है और इस क्षेत्र में सतही जल के उपचार के लिये 580 MLD जल उपचार संयंत्र का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के माध्यम से अमृतसर और लुधियाना के निवासियों को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। 

 बाबू जगजीवन राम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबू जगजीवन राम की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सामाजिक रूप से शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान हेतु उनके प्रयास हमेशा सभी के लिये प्रेरणा का स्रोत रहेंगे। सामान्यतः बाबूजी के नाम से प्रसिद्ध बाबू जगजीवन राम सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय नेता, स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक न्याय और वंचित वर्ग के पक्षधर, एक उत्कृष्ट नीतिनिर्माता और सच्चे लोकतंत्रवादी थे। बाबू जगजीवन राम का जन्म 5 अप्रैल, 1908 को ब्रिटिश भारत के भोजपुर (बिहार) में हुआ था। वर्ष 1928 में कलकत्ता (अब कोलकाता) के वेलिंगटन स्क्वायर में एक मज़दूर रैली के दौरान इनकी मुलाकात नेताजी सुभाष चंद्र बोस से हुई। उन्होंने वर्ष 1935 में ‘अखिल भारतीय शोषित वर्ग लीग’ की नींव रखने में अहम योगदान दिया था, जो अछूतों के लिये समानता का अधिकार प्राप्त करने हेतु एक समर्पित संगठन था। स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने के अलावा ‘बाबूजी’ ने भारतीय राजनीति में भी महत्त्वपूर्ण कार्य किया। अपने पाँच दशक लंबे राजनीतिक कॅरियर में उन्होंने एक राजनीतिज्ञ के तौर पर काफी ख्याति हासिल की।

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