लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



प्रिलिम्स फैक्ट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 2 जनवरी, 2020

  • 02 Jan 2020
  • 7 min read

मांडू उत्सव

Mandu Festival

मध्य प्रदेश के मांडू शहर में 28 दिसंबर, 2019 से 1 जनवरी, 2020 तक मांडू महोत्सव के पहले संस्करण का आयोजन किया गया।

Mandu-Festival

मुख्य बिंदु:

  • मांडू उत्सव का आयोजन मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा किया गया।
  • इसका उद्देश्य मांडू शहर की मिश्रित ऐतिहासिक धरोहरों और संस्कृति को आधुनिक जीवंतता प्रदान करना है।
  • मांडू उत्सव “खोजने में खो जाओ” (Khojne Me Kho Jao) के विचार पर आधारित था।

संगीत कलानिधि पुरस्कार

Sangita Kalanidhi Award

हाल ही में एस. सौम्या (S.Sowmya) को संगीत कलानिधि पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

  • यह पुरस्कार मद्रास संगीत अकादमी द्वारा प्रदान किया जाता है।
  • इसे कर्नाटक संगीत के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है।
  • इस पुरस्कार में एक स्वर्ण पदक और एक बिरुदु पत्र (उद्धरण) दिया जाता है।

मद्रास संगीत अकादमी (Madras Music Academy):

  • अखिल भारतीय काॅन्ग्रेस के मद्रास अधिवेशन (वर्ष 1927) के साथ संगीत सम्मेलन का आयोजन हुआ था जिसमें मद्रास संगीत अकादमी का प्रस्ताव रखा गया था।
    • इस प्रकार यह अखिल भारतीय काॅन्ग्रेस के मद्रास सत्र की एक शाखा है।
  • यह अकादमी कर्नाटक संगीत को बढ़ावा देने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

कर्नाटक संगीत (Carnatic Music):

  • कर्नाटक संगीत मुख्य रुप से दक्षिणी भारत के आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु से जुड़ा हुआ है किंतु इसका अभ्यास श्रीलंका में भी किया जाता है।
  • यह भारतीय शास्त्रीय संगीत की दो मुख्य शैलियों में से एक है जो प्राचीन हिंदू परंपराओं से विकसित हुई है।
  • भारतीय शास्त्रीय संगीत की दूसरी शैली हिंदुस्तानी संगीत है जो फारसी और इस्लामी प्रभावों के कारण उत्तर भारत में विकसित हुई है।

मणि एप

MANI App

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने करेंसी नोटों के मूल्य की पहचान करने में मदद के उद्देश्य से दृष्टिबाधित लोगों के लिये एक मोबाइल एप ‘मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफ़ायर’ (Mobile Aided Note Identifier- MANI) लॉन्च किया है।

Mani-app

प्रमुख बिंदु:

  • वर्ष 2016 में दृष्टिबाधित लोगों को विमुद्रीकरण के बाद शुरू किये गए नए करेंसी नोटों की पहचान करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
  • इस एप्लीकेशन द्वारा मोबाइल फोन के कैमरे का उपयोग करके करेंसी नोटों को स्कैन किया जा सकता है। हालाँकि यह एप किसी करेंसी नोट को वास्तविक या नकली के रूप में प्रमाणित नहीं करता है।
  • यह एप्लीकेशन हिंदी और अंग्रेज़ी में ऑडियो आउटपुट भी प्रदान करता है।
  • यह एप्लिकेशन एंड्रॉइड (Android) और आईओएस (iOS) ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करेगा। एक बार इंस्टॉल होने के बाद यह ऑफलाइन मोड में काम करेगा।

नर्स और मिडवाइफ वर्ष

Year of the Nurse and Midwife

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने फ्लोरेंस नाइटिंगेल (Florence Nightingale) की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में वर्ष 2020 को "नर्स और मिडवाइफ वर्ष" के रूप में नामित किया है।

    • “नर्स और मिडवाइफ वर्ष” की घोषणा सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लिये नर्सिंग और मिडवाइफ से संबंधित संस्थाओं को मज़बूत करने में मदद करेगी।
      • नर्सिंग को मजबूत करने से सतत् विकास लक्ष्यों (विशेष रूप से एसडीजी-3,5,8) को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
      • विश्व के कई देशों में स्वास्थ्य कर्मचारियों का 50% नर्स और मिडवाइफ हैं।
  • एसडीजी-3 (SDG-3) - सभी आयु के लोगों में स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देना।
  • एसडीजी-5 (SDG-5)- लैंगिक समानता की स्थिति प्राप्त करने के साथ ही महिलाओं और लड़कियों को सशक्त करना।
  • एसडीजी-8 (SDG-8)- सभी के लिये निरंतर समावेशी और सतत् आर्थिक विकास, पूर्ण और उत्पादक रोज़गार तथा बेहतर कार्य को बढ़ावा देना।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन की यह घोषणा ‘The NursingNow!’ अभियान का समर्थन करती है।
    • The NursingNow! एक तीन साल (2018-2020) का अभियान है जिसका उद्देश्य विश्व स्तर पर स्वास्थ्य में सुधार करने के लिये नर्सिंग की स्थिति को सुदृढ़ करना है।

फ्लोरेंस नाइटिंगेल (Florence Nightingale):

Florence-Nightingale

फ्लोरेंस नाइटिंगेल एक ब्रिटिश नर्स, सांख्यिकीविद् और समाज सुधारक थीं जिन्हें ‘आधुनिक नर्सिंग का संस्थापक’ के रूप में भी जाना जाता है।

  • उनका जन्म 12 मई, 1820 को इटली के फ्लोरेंस में हुआ था।
  • उन्होंने और उनकी नर्सों की टीम ने क्रीमियन युद्ध के दौरान ब्रिटिश बेस अस्पताल में विषम परिस्थितियों में घायलों की देखभाल की जिससे काफी संख्या में सैनिकों को मरने से बचाया जा सका।
  • इनके लेखन से विश्व भर में स्वास्थ्य देखभाल में सुधार को प्रोत्साहन मिला।
  • वह घायलों की सहायता रात में करती थीं, इसलिये इन्हें 'लेडी विद द लैंप' के रूप में जाना जाता था।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2