लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



प्रिलिम्स फैक्ट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 04 जून, 2019

  • 04 Jun 2019
  • 9 min read

सुपरनोवा विस्फोट

हाल ही में वैज्ञानिकों ने लगभग 1,800 नए सुपरनोवा या विस्फोट वाले तारे की खोज की है।

  • नई खोज यह मापने में मदद कर सकती है कि ब्रह्मांड कितनी तेज़ी से विस्तार कर रहा है।
  • गौरतलब है कि वैज्ञानिकों ने 8 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित 58 टाइप वन ए (Type Ia) सुपरनोवा की खोज की है।
  • शोधकर्त्ताओं ने सुबारू टेलीस्कोप (Subaru Telescope) और 870 मेगापिक्सेल हाइपर सुप्रीम-कैमरा (Hyper Suprime-Cam)/(डिजिटल कैमरा) की सहायता से यह खोज की।
  • सुबारू टेलीस्कोप जापान की राष्ट्रीय खगोलीय वेधशाला (National Astronomical Observatory) की दूरबीन है, जो हवाई के मौना कीआ वेधशाला (Mauna Kea Observatory) में स्थित है।

सुपरनोवा

  • संलयन (Fusion) की समाप्ति (ईंधन खत्म होने पर) के पश्चात् तारे अपने गुरुत्वाकर्षण के कारण नष्ट (विस्फोट) होने लगते हैं जिसे सुपरनोवा (Supernova) कहते है। आमतौर पर सूर्य के द्रव्यमान से आठ गुना अधिक बड़े तारों में यह विस्फोटक घटना होती है।

औसुडू झील

हाल ही में पुदुचेरी के औसुडू झील (Oussudu Lake) का सुभेद्यता आकलन अध्ययन किया गया। गौरतलब है कि अध्ययन में इस जल निकाय में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण पर चिंता जताई गई है।

  • रिपोर्ट में बताया गया है कि नहरें प्लास्टिक की थैलियों, थर्माकोल, कप, प्लेट, पाइप और बोतल जैसे कचरे का डंपिंग ग्राउंड बन गई हैं।
  • औसुडू झील को ऑस्टर झील (Ousteri Lake) भी कहा जाता है जो पुडुचेरी से लगभग 10 किमी. दूर स्थित एक मानव निर्मित झील है।
  • इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) द्वारा एशिया के महत्त्वपूर्ण वेटलैंड/आर्द्र्भूमि (Wetlands) में से एक के रूप में मान्यता दी गई है।
  • इस झील में जल, आर्द्रभूमि और कीचड़ युक्त भूमि तीनों हैं।
  • यह झील पुदुचेरी में ताज़े जल के सबसे बड़े जलग्रह (Catchment) के रूप में कार्य करती है।
  • गर्मियों और सर्दियों के दौरान इस झील की वनस्पति (छोटी जड़ी-बूटियों से लेकर वृक्षों तक) प्रवासी पक्षियों (Migratory Avifauna) के साथ-साथ देशी पक्षियों को भी उपयुक्त वातावरण प्रदान करती है।

जलशक्ति मंत्रालय

केंद्र सरकार ने दो मंत्रालयों का विलय कर एक नए मंत्रालय जलशक्ति मंत्रालय (Jalshakti Ministry) का सृजन किया है। जिन दो मंत्रालयों का विलय किया गया है वे हैं:

  • जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय (Ministry of Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation)
  • पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय  (Ministry of Drinking Water and Sanitation)
  • गजेंद्र सिंह शेखावत को जल शक्ति मंत्री बनाया गया है।
  • जल संबंधी सभी कार्यों का विलय इस मंत्रालय में किया जाएगा। वर्तमान में कई केंद्रीय मंत्रालय हैं जो जल संबंधी अलग-अलग कार्यों का निर्वहन करते हैं। जैसे- ‘पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय’ (Ministry of Environment, Forest and Climate Change) को देश की अधिकांश नदियों के संरक्षण का काम सौंपा गया है।
  • इसी प्रकार, शहरी जल आपूर्ति की देख-रेख ‘आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय’ (Ministry of Housing and Urban Affairs) द्वारा की जाती है जबकि सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाएँ ‘कृषि मंत्रालय’ (Ministry of Agriculture) के अंतर्गत आती हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय तथा अंतर्राज्यीय जल-विवादों के साथ ही नमामि गंगे (Namami Gange) परियोजना (जिसकी शुरुआत गंगा तथा इसकी उप-सहायक नदियों को साफ करने और स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी) को भी इस मंत्रालय के दायरे में लाया जाएगा।

अनिषेक जनन (Parthenogenesis)

हाल ही में अमेरिका स्थित ‘न्यू इंग्लैंड एक्वेरियम’ ने घोषणा की थी कि एक मादा एनाकोंडा ने निषेचन के बिना ही कुछ बच्चों को जन्म दिया है। वैज्ञानिक शब्दावली में इस प्रकार के जनन को अनिषेक जनन (Parthenogenesis) के रूप में जाना जाता है।

  • वैज्ञानिकों के अनुसार, उच्च कशेरुकी जीवों के बीच इस प्रकार का जनन सामान्य नहीं है।
  • एनाकोंडा, एक उच्च कशेरुक प्राणी है। यही वज़ह है कि एक एनाकोंडा द्वारा इस प्रक्रिया के माध्यम से बच्चों को जन्म देने की प्रक्रिया को दुर्लभ माना गया है।
  • ग्रीन एनाकोंडा में अनिषेक जनन/पार्थेनोजेनेसिस का यह केवल दूसरा ज्ञात मामला है।

परिभाषा

  • कुछ जीवों जैसे कि रोटीफर्स (सूक्ष्म जलीय बहु-कोशिकीय जीव), मधुमक्खियों, चींटियों, ततैया और यहाँ तक कुछ छिपकलियों तथा पक्षियों (Turkey) आदि में बिना निषेचन (Fertilisation) अर्थात् नर युग्मक के युग्मन के बिना ही मादा युग्मक नए जीव के निर्माण हेतु विकसित होने लगता है। इस प्रकार की घटना अनिषेक जनन (पार्थेनोजेनिसिस) कहलाती है।
  • इस विधि में एक ही जीव अकेले संतति उत्पन्न करने की क्षमता रखता है इसके परिणामस्वरुप जो संतति उत्पन्न होती है वह बिलकुल अपने जनक के समरूप होती है। आकारिकी एवं समरूपता के कारण ही इसे क्लोन नाम दिया गया है।
  • अब तक ज्ञात लगभग 2,000 प्रजातियाँ अनिषेक जनन करती हैं।
  • अनिषेक जनन, अलैंगिक प्रजनन के ज्ञात विधियों में से एक है। ग्राफ्टिंग (पौधों की) भी अलैंगिक प्रजनन का एक प्रकार है।

वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन

Global Entrepreneurship Summit

वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन (Global Entrepreneurship Summit) का 9वाँ संस्करण नीदरलैंड के हेग (Hague) में आयोजित किया जा रहा है।

  • इस शिखर सम्मेलन की थीम 'द फ्यूचर नाउ' (The Future Now) है।
  • इसकी मेज़बानी अमेरिका और नीदरलैंड द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही है। यह यूरोपीय संघ (European Union) में आयोजित होने वाले कार्यक्रम का पहला संस्करण (first edition) है।
  • इसका उद्देश्य अगली पीढ़ी के उद्यमियों और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों तथा संस्थानों की सहायता करना है जो वैश्विक चुनौतियों के लिये अभिनव समाधान पेश करते हैं।
  • शिखर सम्मेलन का प्रमुख ध्यान जल, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, कनेक्टिविटी और ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित पाँच वैश्विक चुनौतियों पर केंद्रित है।
  • वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन के 8वें संस्करण की मेज़बानी नीति आयोग (NITI Aayog) द्वारा हैदराबाद में अमेरिकी सरकार के साथ साझेदारी में की गई थी।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2