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प्रवासी भारतीय दिवस 2022

  • 11 Jan 2022
  • 4 min read

हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bharatiya Divas- PBD) भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने हेतु मनाया जाता है।

Pravasi-Bharatiya-Divas

प्रमुख बिंदु 

  • पृष्ठभूमि:
    • 9 जनवरी को पीबीडी मनाने के दिन के रूप में चुना गया था क्योंकि इसी दिन वर्ष 1915 में महात्मा गांधी महान प्रवासी, दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया और भारतीयों के जीवन को हमेशा के लिये बदल दिया।
    • वर्ष 2003 से प्रवासी दिवस मनाने की शुरुआत की गई  लेकिन वर्ष 2015 में इसे संशोधित किया गया और हर दो वर्ष पर इसे मनाने का निर्णय लिया गया। यह तब एक विषय-आधारित सम्मेलन था जिसे हर वर्ष अंतरिम अवधि के दौरान किया जाता था।
    • PBD सम्मेलन हर दो वर्ष में एक बार आयोजित किया जाता हैं।
      • पीबीडी 2021: 16वाँ PBD सम्मेलन वस्तुतः नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। जिसका विषय था "आत्मनिर्भर भारत में योगदान"
    • इस दिन सरकार प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार भी प्रदान करती है।
      • यह एक अनिवासी भारतीय या भारतीय मूल के व्यक्ति और अनिवासी भारतीयों या भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा स्थापित एवं संचालित एक संगठन/संस्था को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है, जिन्होंने विदेशों में भारत को बेहतर ढंग से समझने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है तथा भारत के कारणों और चिंताओं का मूर्त रूप से समर्थन करते हैं।
  • महत्त्व:
    • यह प्रवासी भारतीय समुदाय को सरकार और देश के मूल लोगों के साथ जुड़ने के लिये एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • ये कन्वेंशन दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले प्रवासी भारतीय समुदाय के बीच नेटवर्किंग में बहुत उपयोगी हैं और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में अपने अनुभव साझा करने में सक्षम बनाते हैं।

प्रवासी भारतीयों से संबंधित सरकारी पहलें

  • प्रवासी कौशल विकास योजना (PKVY): प्रवासी भारतीय कामगारों के कौशल विकास की प्रक्रिया को संस्थागत बनाना।
  • प्रवासी बच्चों के लिये छात्रवृत्ति कार्यक्रम (SPDC): स्नातक पाठ्यक्रमों हेतु भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIO) और अनिवासी भारतीय (NRI) छात्रों को प्रतिवर्ष 100 छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जाती हैं।
  • ‘भारत को जानो’ कार्यक्रम (केआईपी): यह भारतीय मूल के युवाओं (18-30 वर्ष) को उनकी भारतीय मूल और समकालीन भारत से परिचित कराता है।
  • ई-माइग्रेट सिस्टम: यह एक विदेशी नियोक्ता डेटाबेस है। यह कल्याण सुनिश्चित करता है और प्रवासियों के शोषण पर रोक लगाता है।
  • VAJRA (उन्नत संयुक्त अनुसंधान संकाय का दौरा) योजना: यह एक रोटेशन कार्यक्रम को औपचारिक रूप देता है जिसमें शीर्ष एनआरआई वैज्ञानिक, इंजीनियर, डॉक्टर, प्रबंधक और पेशेवर एक संक्षिप्त अवधि के लिये भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों की सेवा करते हैं, अपनी विशेषज्ञता की सेवा देते हैं।

स्रोत- पी.आई.बी

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