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स्वतंत्रता सेनानी: प्रह्लादजी पटेल

  • 06 Apr 2022
  • 2 min read

हाल ही में प्रधानमंत्री ने गुजरात के बेचराजी में श्री प्रह्लादजी पटेल की 115वीं जयंती और उनकी जीवनी के विमोचन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। 

  • प्रधानमंत्री ने समाज सेवा में श्री प्रह्लादजी पटेल की उदारता और उनके बलिदान को याद किया और गुजरात के विश्वविद्यालयों से अनुरोध किया कि वे इस संबंध में अनुसंधान करें और ऐसे भूले हुए स्वतंत्रता सेनानियों को सामने लाएंँ और स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान को चिह्नित करें।

प्रमुख बिंदु 

प्रह्लादजी पटेल:

  • प्रह्लादजी पटेल गुजरात के बेचराजी से थे और उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आज़ादी के लिये लड़ाई लड़ी तथा बाद में समाज सुधारक विनोबा भावे के 'भूदान आंदोलन’ (Bhoodan Movement ) में शामिल हो गए।
  • उन्होंने अपनी 200 बीघा ज़मीन दान में दी थी।
  • प्रह्लादजी पटेल, महात्मा गांधी के आह्वान पर स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए और साबरमती तथा यरवदा में कैद रहे।
  • जेल में रहने के दौरान प्रह्लादजी पटेल के पिता का निधन हो गया, लेकिन  प्रह्लादजी पटेल ने माफी की शर्तों को स्वीकार नहीं किया, जो औपनिवेशिक शासकों द्वारा उन्हें अंतिम संस्कार करने की अनुमति देने के लिये रखी गई थीं।
  • उन्होंने कई स्वतंत्रता सेनानियों का भी समर्थन किया जो भूमिगत होकर लड़ाई लड़ रहे थे।
  • प्रह्लादजी पटेल ने आज़ादी के बाद रियासतों के विलय में सरदार पटेल की मदद की थी।
  • वर्ष 1960 में जब गुजरात का गठन हुआ तो उन्होंने पाटन ज़िले की चानस्मा सीट से चुनाव भी लड़ा और पूरे क्षेत्र को विकास के पथ पर अग्रसर किया।

स्रोत: पी.आई.बी. 

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