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  • 24 Aug 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 2 सामाजिक न्याय

    दिवस 45: आप कल्याणकारी राज्य को कैसे परिभाषित करते हैं? क्या भारत वास्तव में एक कल्याणकारी राज्य है? (250 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • कल्याणकारी राज्य की विशेषताओं को बताइये।
    • उपयुक्त उदाहरणों के साथ भारत के कल्याणकारी राज्य होने की विशेषताओं पर प्रकाश डालिये। भारत के कल्याणकारी राज्य बनने के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों की चर्चा कीजिये।
    • निष्कर्ष में उन सुझावों एवं प्रयासों को बताइये जो भारत के लिये अनुकरणीय हो।

    कल्याणकारी राज्य एक ऐसा राज्य है जो अपने नागरिकों को बुढ़ापे, बेरोज़गारी, दुर्घटनाओं और बीमारी से जुड़े बाज़ार जोखिमों से उनकी रक्षा करके बुनियादी आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिये प्रतिबद्ध है।

    कल्याणकारी राज्य एक प्रकार की राजनीतिक-आर्थिक व्यवस्था है जिसमें निम्नलिखित विशेषताएँ विद्यमान होती हैं:

    • यह अपने नागरिकों को कानून एवं व्यवस्था जैसी बुनियादी न्यूनतम सेवाएंँ प्रदान करता है।
    • यह हस्तक्षेपात्मक प्रकृति का होता है। ऐसा राज्य समाज के कल्याण को ध्यान में रखते हुए कार्य करता है।
    • इसमें बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था होती है।
    • यह एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है जहाँ निजी एवं सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों का एक ही समय में सह-अस्तित्व होता है।

    भारत में कल्याणकारी राज्य की विशेषताएँ:

    • सामाजिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास: नीति निर्देशक सिद्धांतों के माध्यम से राज्य विभिन्न सामान्य सामाजिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है जैसे पर्यावरण का संरक्षण, लैंगिक समानता, हाशिये में स्थित समुदायों का प्रतिनिधित्व आदि।
    • खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना: भारत ने अपने नागरिकों के लिये हरित क्रांति, श्वेत क्रांति के माध्यम से खाद्य सुरक्षा और वर्तमान में राष्ट्रीय पोषण मिशन को लागू कर पोषण सुरक्षा सुनिश्चित किया है।
    • धन का पुनर्वितरण: भूमि सुधार, प्रगतिशील कराधान नीति, सब्सिडी आदि द्वारा असमानताओं को कम करने का प्रयास किया गया है।
    • कानूनी प्रावधान: कंपनी अधिनियम, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम जैसे सख्त कानूनों के द्वारा क्रॉनिज्म, मुनाफाखोरी आदि का प्रतिरोध किया गया है।
    • राज्य के द्वारा मनरेगा जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यमों से आजीविका के साधन प्रदान किये जाते हैं।

    भारत के कल्याणकारी राज्य बनने के समक्ष चुनौतियाँ:

    • ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार भारत में आय असमानता विशेष रूप से एलपीजी सुधारों के बाद लगातार बढ़ रही है।
    • भूमि सीलिंग अधिनियम की तरह नीति कार्यान्वयन की विफलता।
    • लिंग (निर्भया केस), जाति (दलित अत्याचार), अल्पसंख्यक (सांप्रदायिक हिंसा) आदि के आधार पर भेदभाव की व्यापकता।
    • पिछले पाँच वर्षों में बेरोज़गारी का स्तर लगातार बढ़ा है।

    इस प्रकार भारत सही मायने में कल्याणकारी राज्य मॉडल बनने में कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। हालाँकि आयुष्मान भारत, भारतमाला और सागरमाला परियोजना, सशस्त्र बलों की मज़बूती आदि जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से यह उस दिशा में आगे बढ़ने का लगातार प्रयास कर रहा है।

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