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पर्सपेक्टिव- AI: द रोड अहेड

  • 07 Feb 2024
  • 13 min read

प्रिलिम्स के लिये:

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), बैलेचली डिक्लेरेशन, मशीन लर्निंग (ML), डीप लर्निंग (DL) तकनीक, साइबर सुरक्षा, जैव प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक साझेदारी (GPAI), डीपफेक

मेन्स के लिये:

कृत्रिम बुद्धिमत्ता और किसी राष्ट्र के आर्थिक विकास में इसका महत्त्व।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत, 27 अन्य देशों और यूरोपियन यूनियन के साथ, यूनाइटेड किंगडम के बैलेचली पार्क में एक ऐतिहासिक समझौते पर पहुँचा, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता की क्षमता तथा जोखिमों की साझा समझ पर जोर दिया गया।

  • यह ऐतिहासिक समझौता, जिसे बैलेचली डिक्लेरेशन के रूप में जाना जाता है, AI के बहुमुखी पहलुओं को संबोधित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

बैलेचली डिक्लेरेशन क्या है?

  • बैलेचली पार्क डिक्लेरेशन (Bletchley Park Declaration) फ्रंटियर AI जोखिमों से निपटने हेतु पहला वैश्विक समझौता है और यह विश्व के प्रमुख AI अभिकर्त्ताओं के बीच उच्च स्तरीय राजनीतिक सहमति तथा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • यह मानव कल्याण को बढ़ावा देने के लिये AI की क्षमता को स्वीकार करता है, लेकिन AI, विशेष रूप से फ्रंटियर AI द्वारा उत्पन्न जोखिमों की भी पहचान करता है, जो विशेष रूप से साइबर सुरक्षा, जैव प्रौद्योगिकी और दुष्प्रचार जैसे डोमेन में जान-बूझकर या अनजाने में गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है।
  • यह AI से संबंधित जोखिमों को संबोधित करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर ज़ोर देता है, क्योंकि वे अंतर्निहित रूप से वैश्विक हैं और कंपनियों, नागरिक समाज तथा शिक्षाविदों सहित सभी अभिकर्त्ताओं के बीच सहयोग का आह्वान करता है।
  • इस डिक्लेरेशन में एक नियमित AI सुरक्षा शिखर सम्मेलन की स्थापना की भी घोषणा की गई है, जो फ्रंटियर AI सुरक्षा पर बातचीत और सहयोग के लिये एक मंच प्रदान करेगा।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्या है?

  • परिचय:
    • AI का आशय कंप्यूटर या कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट के ऐसे कार्य करने की क्षमता से है जो आमतौर पर मनुष्यों द्वारा किये जाते हैं क्योंकि ऐसे कार्यों के निष्पादन हेतु मानव बुद्धि और विवेक की आवश्यकता होती है।
      • हालाँकि अभी ऐसी कोई AI प्रणाली नहीं है जो एक सामान्य मानव द्वारा किये जा सकने वाले विभिन्न प्रकार के कार्यों को कर सके, हालाँकि कुछ AI मनुष्यों द्वारा किये जाने वाले कुछ विशिष्ट कार्यों को करने में सक्षम हो सकते हैं।
  • विशेषताएँ और घटक:
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता की आदर्श विशेषता इसकी युक्तिसंगत कार्रवाई करने की क्षमता है जिसमें एक विशिष्ट लक्ष्य प्राप्त किया जाता है। मशीन लर्निंग (ML), AI का ही एक प्रकार है।
      • डीप लर्निंग (DL) तकनीक बड़ी मात्रा में असंरचित डेटा, जैसे- टेक्स्ट, चित्र या वीडियो के माध्यम से ऑटोमेटिक लर्निंग को सक्षम बनाती है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित महत्त्वपूर्ण पहल तथा शिखर सम्मेलन क्या हैं?

  • वैश्विक पहल:
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक भागीदारी (GPAI): भारत वर्ष 2024 में GPAI के प्रमुख अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल रहा है। GPAI 28 देशों का गठबंधन है। यूरोपीय संघ ने GPAI की 'नई दिल्ली घोषणा' का अंगीकरण किया।
    • UK AI सुरक्षा शिखर सम्मेलन: इसका आयोजन वर्ष 2023 में इंग्लैंड के ब्लैचली पार्क में किया गया था। यह शिखर सम्मेलन कृत्रिम बुद्धिमत्ता की सुरक्षा तथा संरक्षा पहलुओं को संबोधित करने पर केंद्रित था, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया।
      • संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, भारत तथा यूरोपीय संघ सहित 28 प्रमुख देशों ने AI सुरक्षा के संबंध में सर्वप्रथम आयोजित इस शिखर सम्मेलन में ब्लैचली पार्क घोषणा पर हस्ताक्षर किये।
    • G7 AI शिखर सम्मेलन: G7 राष्ट्र AI से संबंधित वैश्विक चुनौतियों का सहयोगात्मक रूप से निवारण करने हेतु बैठकों तथा चर्चाओं में भाग लेते रहे हैं। यह शिखर सम्मेलन जापान के हिरोशिमा में आयोजित हुआ तथा दिसंबर 2023 में संपन्न हुआ। इस शिखर सम्मेलन में हिरोशिमा AI प्रोसेस (HAP) का शुभारंभ किया गया जो AI के विनियमन हेतु की गई एक बड़ी प्रगति को दर्शाता है।
      • G7 में शामिल देशों ने समावेशी AI शासन के महत्त्व को पहचाना तथा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ भरोसेमंद AI का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
  • राष्ट्रीय पहल:
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर राष्ट्रीय कार्यक्रम (भारत): भारत की यह पहल कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उत्तरदायी पूर्ण उपयोग, नवाचार तथा संभावित जोखिमों के साथ AI के लाभों को संतुलित करने पर केंद्रित है।
    • फ्यूचर स्किल्स प्राइम: यह कार्यक्रम बदलते रोज़गार परिदृश्य के लिये कार्यबल को तैयार करने के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता-संबंधित कौशल में रीस्किलिंग एवं अपस्किलिंग को बढ़ावा देता है।
    • अमेरिकी भारतीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (USIAI): यह पहल भारत तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधों को बढ़ाने के लिये शुरू की गई है।
    • युवाओं के लिये ज़िम्मेदार AI: सरकार ने युवाओं के लिये एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया जिसका नाम 'युवाओं के लिये ज़िम्मेदार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)’ है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित चुनौतियाँ क्या हैं?

  • AI में पूर्वाग्रह से निपटना: पक्षपातपूर्ण डेटा तथा मानव एनोटेशन के परिणामस्वरूप AI में पूर्वाग्रह बनते हैं जो चुनौतियाँ उत्पन्न करते हैं। इस समस्या का निवारण करने हेतु किये जाने वाले प्रयासों में AI मॉडल में पूर्वाग्रहों का अध्ययन करने तथा उनका समाधान करने हेतु शोध करना, अंकेक्षण तंत्र कार्यान्वित करना एवं मूल्यांकन संरचनाएँ स्थापित करना शामिल है।
  • सेवा क्षेत्र में AI: AI के परिणामस्वरूप, विशेष रूप से सेवा क्षेत्र में ग्राहक संबंध प्रबंधन तथा रचनात्मक लेखन में, रोज़गार प्रभावित हो सकता है। उभरते रोज़गार बाज़ार की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु श्रमिकों को पुनः प्रशिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • साइबर सुरक्षा: परिष्कृत साइबर हमले करने हेतु AI का उपयोग किया जा सकता है जिनका पता लगाना तथा उनसे बचाव करना चुनौतीपूर्ण है। दुर्भावनापूर्ण अभिकर्त्ता AI का उपयोग महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे पर लक्षित हमले करने, संवेदनशील डेटा चुराने अथवा आवश्यक सेवाओं को बाधित करने के लिये कर सकते हैं।
  • गलत सूचना (Misinformation): AI का उपयोग गलत खबर बनाने और फैलाने के लिये किया जा सकता है। फर्ज़ी समाचार लेख, सोशल मीडिया बॉट और डीपफेक सभी का उपयोग जनता की राय में हेरफेर करने तथा कलह पैदा करने के लिये किया जा सकता है। इसके चुनाव, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक एकजुटता पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
  • डीपफेक: डीपफेक यथार्थवादी वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग हैं जिन्हें हेरफेर करके यह दिखाया जाता है कि कोई ऐसा कुछ कह रहा है या कर रहा है जो उन्होंने कभी नहीं किया। इनका उपयोग प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने, गलत सूचना फैलाने या धोखाधड़ी करने के लिये भी किया जा सकता है।
  • जनमत को प्रभावित करना: AI का उपयोग व्यक्तिगत प्रचार और विज्ञापन वाले व्यक्तियों को लक्षित करने के लिये किया जा सकता है। इसका उपयोग लोगों के मतदान व्यवहार में हेरफेर करने, महत्त्वपूर्ण  मुद्दों पर जनता की राय को प्रभावित करने और यहाँ तक कि कट्टरपंथी व्यक्तियों को प्रभावित करने के लिये किया जा सकता है।

आगे की राह 

  • AI पर भारत की राष्ट्रीय रणनीति: AI के लिये भारत की रणनीति ज़िम्मेदार और नवोन्मेषी तैनाती पर बल देती है, नवप्रवर्तन को बढ़ावा देने तथा संबंधित जोखिमों के प्रबंधन के बीच संतुलन की तलाश करती है। राष्ट्रीय AI कार्यक्रम सामाजिक सशक्तीकरण और सार्वजनिक सेवाओं के वितरण को बढ़ाने के लिये AI का उपयोग करने का प्रयास करता है।
  • नैतिक AI फ्रेमवर्क: सहयोगात्मक पहल यह सुनिश्चित करके AI विभाजन को पाटने में मदद कर सकती है कि AI के लाभ कुछ चुनिंदा देशों या निगमों के बीच केंद्रित नहीं हैं। समावेशिता को बढ़ावा देने और संसाधनों को साझा करके, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग AI प्रगति के अधिक न्यायसंगत वितरण का समर्थन करता है।
  • समावेशी लाभ सुनिश्चित करना: समूह या बड़े निगमों के हाथों में AI लाभों की संभावित एकाग्रता के बारे में चिंता है। बातचीत यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल देती है कि AI का लाभ हाशिये पर रहने वाले समुदायों और ग्रामीण क्षेत्रों सहित समाज के सभी वर्गों तक पहुँचे।
  • AI केंद्रित भविष्य: दृष्टिकोण एक ऐसे भविष्य का है जहाँ मनुष्य और AI एक साथ काम करेंगे, प्रत्येक एक दूसरे के बल के पूरक होंगे। विश्व स्तर पर समग्र उत्पादकता और रचनात्मकता को बढ़ाने के लिये एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न 1. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)

  1. औद्योगिक इकाइयों में विद्युत की खपत कम करना 
  2.  सार्थक लघु कहानियों और गीतों की रचना 
  3.  रोगों का निदान 
  4.  टेक्स्ट-से-स्पीच (Text-to-Speech) में परिवर्तन 
  5.  विद्युत ऊर्जा का बेतार संचरण

नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2, 3 और 5
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (b)

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