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विश्व खाद्य दिवस

  • 17 Oct 2022
  • 9 min read

विश्व खाद्य दिवस, 16 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO) की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

  • FAO संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो भुखमरी की समाप्ति के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्त्व करती है।

विश्व खाद्य दिवस 2022 की मुख्य विशेषताएँ:

  • परिचय:
    • यह वैश्विक स्तर पर भूख की समस्या का समाधान करने के लिये प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
    • यह सतत् विकास लक्ष्य 2 (SDG 2) यानी ज़ीरो हंगर पर ज़ोर देता है।
  • विषय: किसी को भी पीछे न छोड़ें (Leave No One Behind)।
  • महत्त्व:
    • एक वैश्विक समुदाय के रूप में, हम सभी को अपनी कृषि खाद्य प्रणालियों को अधिक समावेशी और टिकाऊ बनाकर पीछे छूटे लोगों को आगे लाने में भूमिका निभानी है।
    • भूख से पीड़ित लोगों के लिये और सभी के लिये स्वस्थ आहार सुनिश्चित करने हेतु विश्वव्यापी जागरूकता और कार्रवाई को बढ़ावा देना।
    • लोगों को कुपोषण और मोटापे के बारे में शिक्षित करने के लिये कई जागरूकता पहलें भी आयोजित की जाती हैं, जो दोनों प्रमुख स्वास्थ्य परिणामों का कारण बनती हैं।

विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार वैश्विक भूख की स्थिति:

  • द हंगर हॉटस्पॉट्स आउटलुक (2022-23), एफएओ और विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बढ़ती भूखमरी की भविष्यवाणी की गई है, क्योंकि 45 देशों में 205 मिलियन से अधिक लोगों को जीवित रहने के लिये आपातकालीन खाद्य सहायता की आवश्यकता है।
  • ग्लोबल नेटवर्क अगेंस्ट फूड क्राइसिस द्वारा मई में जारी फूड क्राइसिस 2022 पर ग्लोबल रिपोर्ट ने रेखांकित किया कि 40 देशों में लगभग 180 मिलियन लोग अपरिहार्य खाद्य असुरक्षा का सामना करेंगे।
  • वैश्विक भूख रिपोर्ट, 2022: वैश्विक स्तर पर, हाल के वर्षों में भुखमरी के खिलाफ प्रगति काफी हद तक स्थिर हो गई है, वर्ष 2022 में 18.2 का वैश्विक स्कोर था जो वर्ष 2014 के 19.1 की तुलना में केवल थोड़ा सुधार दर्शाता है,
    • वैश्विक भुखमरी सूचकांक, 2022 में युद्धग्रस्त अफगानिस्तान को छोड़कर भारत ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सभी देशों में सबसे खराब प्रदर्शन किया है।
      • यह 121 देशों में 107 वें स्थान पर है।

सम्बद्ध भारतीय पहलें:

  • स्वच्छ भारत अभियान, जल जीवन मिशन तथा अन्य प्रयासों के साथ ईट राइट इंडिया और फिट इंडिया जैसे अभियान भारतीयों के स्वास्थ्य में सुधार करेंगे एवं पर्यावरण को संतुलित कराने में मदद करेंगे।
  • महत्त्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की कमी वाली सामान्य किस्म की फसलों की कमियों को दूर करने के लिये फसलों की 17 नई बायोफोर्टिफाइड किस्मों की शुरुआत।
  • खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के दायरे का विस्तार और प्रभावी कार्यान्वयन।
  • यह सुनिश्चित करने के लिये कदम उठाए जाएँ कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के रूप में लागत की डेढ़ गुना राशि मिले, यह सरकारी खरीद के साथ-साथ देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु महत्त्वपूर्ण है।
  • किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के एक बड़े नेटवर्क का विकास।
  • भारत में अनाज की बर्बादी के मुद्दे से निपटने के लिये आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन।
  • सरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के लक्ष्य से एक साल पहले 2022 तक भारत को ट्रांस फैट मुक्त बनाने का प्रयास कर रही है, साथ ही न्यू इंडिया @75 (भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष) के दृष्टिकोण के अनुरूप इसके साथ सामंजस्य बैठा रही है।
    • ट्रांस फैट आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेलों (PHVO) (जैसे- वनस्पति, शॉर्टिंग, मार्जरीन आदि), पके हुए और तले हुए खाद्य पदार्थों में मौजूद एक खाद्य अवयव है।
    • यह भारत में गैर-संचारी रोगों की वृद्धि में एक प्रमुख योगदानकर्त्ता है और कार्डियो-वैस्कुलर रोगों (सीवीडी) के लिये एक परिवर्तनीय जोखिम कारक भी है। सीवीडी जोखिम कारक को खत्म करना कोविड-19 के दौरान विशेष रूप से प्रासंगिक है क्योंकि सीवीडी पीड़ित लोगों के कारण मृत्यु दर पर प्रभाव डालने वाली गंभीर स्थिति उत्पन्न होने की संभावना होती है।
  • FAO ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित करने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया।
  • भोजन तक पहुँच में सुधार के लिये, विशेष रूप से कमज़ोर वर्ग के लिये, भारत सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) जैसे कार्यक्रम चलाती है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-से 'राष्ट्रीय पोषण मिशन' के उद्देश्य हैं? (2017)

  1. गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण के बारे में जागरूकता पैदा करना।
  2. छोटे बच्चों, किशोरियों और महिलाओं में एनीमिया के मामलों को कम करना।
  3. बाजरा, मोटे अनाज और बिना पॉलिश किये चावल की खपत को बढ़ावा देना।
  4. पोल्ट्री अंडे की खपत को बढ़ावा देना।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) केवल 3 और 4

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • राष्ट्रीय पोषण मिशन (पोषण अभियान) महिला और बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो आंँगनवाड़ी सेवाओं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, स्वच्छ-भारत मिशन आदि जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के साथ अभिसरण सुनिश्चित करता है।
  • राष्ट्रीय पोषण मिशन (NNM) का लक्ष्य 2017-18 से शुरू होकर अगले तीन वर्षों के दौरान 0-6 वर्ष के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की पोषण स्थिति में समयबद्ध तरीके से सुधार करना है। अतः कथन 1 सही है।
  • NNM का लक्ष्य स्टंटिंग, अल्पपोषण, एनीमिया (छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोर लड़कियों के बीच) को कम करना तथा बच्चों के जन्म के समय कम वज़न की समस्या को दूर करना है। अत: कथन 2 सही है।
  • NNM के तहत बाजरा, बिना पॉलिश किये चावल, मोटे अनाज और अंडों की खपत से संबंधित ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। अत: कथन 3 और 4 सही नहीं हैं।

स्रोत:द हिंदू

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