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उन्नति, सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होने वाली पहली इकाई बनी

  • 20 Dec 2023
  • 8 min read

स्रोत: बिज़नेस लाइन

हाल ही में SGBS उन्नति फाउंडेशन (SUF), सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) पर सूचीबद्ध होने वाली पहली इकाई बन गई। उक्त फाउंडेशन का उन्नति कार्यक्रम 18 से 25 वर्ष की आयु के वंचित और बेरोज़गार युवाओं के लिये व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करता है।

सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) क्या है?

  • सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE), केंद्रीय बजट वर्ष 2019-20 में पेश किया गया था जिसका उद्देश्य सामाजिक उद्यम, स्वैच्छिक तथा कल्याणकारी संगठनों को सूचीबद्ध कर एक मंच प्रदान करना था जिसकी सहायता से वे पूंजी जुटा सकें।
    • सामाजिक उद्यम से आशय ऐसे उद्यम से है जिसकी प्रकृति हानि-रहित है, लाभांश का भुगतान नहीं करता है तथा जिसकी स्थापना सामाजिक मुद्दों को हल करने के उद्देश्य से की गई है।
  • यह बाज़ार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के तहत कार्य करता है।
    • इस पहल का उद्देश्य उन सामाजिक एवं स्वैच्छिक संगठनों की मदद करना है जो इक्विटी अथवा ऋण अथवा म्यूचुअल फंड की एक इकाई के रूप में पूंजी जुटाने के लिये सामाजिक कारणों से कार्य करते हैं।
  • यह विदेशी सहायता से भारत की स्वतंत्रता को प्रदर्शित करते हुए, सामाजिक कल्याण परियोजनाओं के लिये वित्तपोषण के नवीन तथा किफायती स्रोत प्रदान करता है।
  • SEBI ने SSE पर पंजीकृत सामाजिक उद्यमों को ज़ीरो कूपन ज़ीरो प्रिंसिपल बॉण्ड (ZCZP) के माध्यम से धन जुटाने की अनुमति दी थी।

ज़ीरो कूपन ज़ीरो प्रिंसिपल (ZCZP) क्या है?

  • परिचय:
    • ‘ज़ीरो कूपन, ज़ीरो प्रिंसिपल’ उपकरण स्टॉक अथवा बॉण्ड नहीं हैं अपितु SSE में सूचीबद्ध NPO को पूंजी दान करने के उपकरण हैं।
    • ZCZP बॉण्ड ऋण प्रदान नहीं करते हैं तथा निवेशकों को बॉण्ड की परिपक्वता पर कोई पूंजी प्रदत्त नहीं की जाती है।
    • गैर-लाभकारी संगठनों द्वारा जारी ZCZP बॉण्ड SSE पर सूचीबद्ध हैं। द्वितीयक बाज़ार में उनके व्यापार की उपलब्धता नहीं होती है किंतु विधिक उत्तराधिकारियों को उनका अंतरण किया जा सकता है क्योंकि वे विभौतकीय (डीमैटरियलाइज़्ड) रूप में जारी किये जाते हैं।
    • लाभकारी संगठनों द्वारा जारी किये गए समान ZCZP बॉण्ड एक्सचेंजों के मुख्य बोर्ड अथवा  SME प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध किये जा सकते हैं तथा द्वितीयक बाज़ार में व्यापार के लिये उपलब्ध होते हैं।
  • लाभ:
    • ZCZP एक चैरिटी के लिये दिये गए दान के समान है। सामाजिक उद्यम के उद्देश्य में पारदर्शिता बढ़ी है। चूँकि उद्यमों को उनके द्वारा उपयोग की गई धनराशि तथा एक्सचेंजों के लिये राशि के बारे में जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता होती है इसलिये धन के अंतिम उपयोग को भी ट्रैक किया जा सकता है।
    •  लिस्टिंग सामाजिक उद्यमों को दृश्यता प्रदान करती है और यदि वे अच्छे परिणाम दिखा सकते हैं तो उन्हें नियमित अंतराल पर जनता से संपर्क करने में मदद मिलती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न1. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. ‘वाणिज्यिक पत्र (Commercial Paper)’ अल्पकालीन प्रतिभूति-रहित वचन-पत्र है।
  2. ‘जमा प्रमाण-पत्र (Certificate of Deposit)’ भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किसी निगम को निर्गत जाने वाला एक दीर्घकालीन-प्रपत्र है।
  3. ‘शीघ्रावधि द्रव्य (Call Money)’ अंतरबैंक लेन-देनों के लिये प्रयुक्त अल्प अवधि का वित्त है।
  4. ‘शून्य-कूपन बॉण्ड (Zero-Coupon Bonds)’ अनुसूचित व्यापारिक बैंकों द्वारा निगमों को निर्गत किये जाने वाले ब्याज सहित अल्पकालीन बॉण्ड हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 4
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 2, 3 और 4

उत्तर: C

व्याख्या:

  • वाणिज्यिक पत्र (Commercial Paper) एक असुरक्षित मुद्रा बाज़ार साधन है जो प्रॉमिसरी नोट के रूप में जारी किया जाता है और SEBI द्वारा अनुमोदित व पंजीकृत किसी भी डिपॉज़िटरी के माध्यम से डीमैटेरियलाइज़्ड रूप में रखा जाता है। अतः कथन 1 सही है।
  • जमा प्रमाणपत्र एक परक्राम्य मुद्रा बाज़ार लिखत है जिसे डीमेट रूप में या एक निर्दिष्ट समय अवधि के लिये किसी बैंक या अन्य पात्र वित्तीय संस्था में जमा की गई निधि के लिये मियादी वचन-पत्र के रूप में जारी किया जाता है। CDs क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) और स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों (LAB) को छोड़कर (i) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों तथा (ii) RBI द्वारा निर्धारित दायरे के अंतर्गत अल्पकालिक संसाधनों को बढ़ाने के लिये RBI द्वारा अनुमति प्राप्त चुनिंदा अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों (FAI) द्वारा जारी किये जा सकते हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • कॉल मनी एक वित्तीय संस्थान द्वारा किसी अन्य वित्तीय संस्थान को दिये गए 1 से 14 दिनों के भीतर भुगतान योग्य अल्पकालिक, ब्याज-भुगतान ऋण है। अतः कथन 3 सही है।
  • ये वे बॉण्ड होते हैं जहाँ जारीकर्त्ता परिपक्वता तिथि तक धारक को कोई कूपन भुगतान प्रदान नहीं करता है। यहाँ बॉण्ड अंकित मूल्य राशि से कम और परिपक्वता की तारीख पर जारी किये जाते हैं। बॉण्ड को अंकित मूल्य की राशि पर भुनाया जाता है। अतः कथन 4 सही नहीं है।

अतः विकल्प C सही उत्तर है।

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