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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 25 जनवरी, 2021

  • 25 Jan 2021
  • 7 min read

राष्ट्रीय मतदाता दिवस

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिये भारत में प्रतिवर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन किया जाता है। भारत निर्वाचन आयोग का गठन 25 जनवरी, 1950 को हुआ था। भारत सरकार ने राजनीतिक प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस पर '25 जनवरी' को वर्ष 2011 से 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' के रूप में मनाने की शुरुआत की थी। वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम ‘मतदाताओं को सशक्त, सतर्क, सुरक्षित और सूचित करना’ है। राष्‍ट्रीय मतदाता दि‍वस मनाए जाने के पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्‍य अधि‍क मतदाता, वि‍शेष रूप से नए मतदाता बनाना है। इस दि‍वस पर मतदान प्रक्रि‍या में मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु जागरूकता का प्रसार कि‍या जाता है। निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है, जो भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं के संचालन हेतु उत्तरदायी है। यह निकाय भारत में लोकसभा, राज्‍यसभा, राज्‍य विधानसभाओं, राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिये चुनावों का संचालन करता है। भारत निर्वाचन आयोग में मूलतः केवल एक चुनाव आयुक्त का प्रावधान था, किंतु वर्तमान में इसमें एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त शामिल हैं। 

राष्ट्रीय बालिका दिवस

भारत में प्रतिवर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य लिंगभेद के कारण भारतीय समाज में लड़कियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को दूर करने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करना है। यह दिवस लड़कियों के प्रति समाज के दृष्टिकोण में बदलाव की आवश्यकता पर ज़ोर देता है। महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा इस दिवस को मनाने की शुरुआत वर्ष 2008 में बालिका के अधिकारों और बालिका शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्त्व को रेखांकित करने के लक्ष्य के साथ की गई थी। ध्यातव्य है कि अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस प्रतिवर्ष 11 अक्तूबर को मनाया जाता है। भारतीय समाज और संस्कृति में सदियों से लैंगिक असमानता एक बड़ी चुनौती रही है। इस भेदभाव और असमानता की शुरुआत लड़की के जन्म लेने से पूर्व ही शुरू हो जाती है। भारत सरकार ने महिलाओं के विरुद्ध भेदभाव की इस स्थिति को बदलने और सामाजिक स्तर पर लड़कियों की स्थिति में सुधार करने के उद्देश्य से कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान, ‘सुकन्या समृद्धि योजना’, बालिकाओं के लिये मुफ्त या अनुदानित शिक्षा और कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों में सीटों का आरक्षण आदि शामिल है। 

उकेरिया जोशी

भारत में दुर्लभ चींटी वंश की दो नई प्रजातियों की खोज की गई है। केरल और तमिलनाडु में पाई गई चींटी ‘उकेरिया’ वंश की प्रजातियाँ, इस दुर्लभ वंश की विविधता को बढ़ाती हैं। ये एंटेनल खंडों (Antennal Segments) की संख्‍या के आधार पर अपने वंश की अन्य प्रजातियों से अलग हैं। इनमें से एक केरल के पेरियार बाघ अभयारण्य में पाई गई है जिसका नाम प्रख्‍यात विकासमूलक जीवविज्ञानी प्रोफेसर अमिताभ जोशी के सम्‍मान में ‘उकेरिया जोशी’ (Ooceraea Joshii) रखा गया है। मदुरै (केरल) के अलागरकोईल में खोजी गई दूसरी प्रजाति उकेरिया डीकैमरा (Ooceraea Decamera) है, डीकैमरा दस खंडों वाले एंटेनल को संदर्भित करती है। 

भू-खतरा प्रबंधन के लिये समझौता ज्ञापन

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने तकनीकी आदान-प्रदान के क्षेत्र में सहयोग को मज़बूती प्रदान करने और स्थायी भू-खतरा प्रबंधन में सहयोग के लिये सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये है। समझौते के अनुसार, DRDO और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भू-खतरा प्रबंधन से संबंधित विभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग करेंगे। यह पहल देश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रतिकूल प्रभावों के विरुद्ध सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। समझौते के तहत DRDO की विशेषज्ञता का उपयोग देश में विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन, हिमस्खलन एवं अन्य प्राकृतिक कारणों से होने वाले नुकसान के स्थायी समाधान तलाशने हेतु किया जाएगा। सहयोग के लिये पहचाने गए कुछ क्षेत्रों में गंभीर हिमस्खलन/भू-खतरों की विस्तृत जाँच, राष्ट्रीय राजमार्गों पर भू-खतरों के स्थायी शमन उपायों हेतु योजना, डिज़ाइन एवं निर्माण आदि शामिल हैं। साथ ही इसमें सुरंग, निगरानी और शमन उपायों की देखरेख आदि भी शामिल है।

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