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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 सितंबर, 2023

  • 21 Sep 2023
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अब्राहम समझौते (अब्राहम एकॉर्ड) के तीन वर्ष

  • अब्राहम एकॉर्ड इज़रायल और संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता में इज़रायल एवं संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मोरक्को व सूडान सहित कई अरब देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने हेतु समझौतों की एक शृंखला है।
  • समझौते पर वर्ष 2020 में हस्ताक्षर किये गए और अरब-इज़रायल संघर्ष में एक ऐतिहासिक सफलता मिली।
    • इस समझौते ने सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषायी मतभेदों को दूर कर सीमाओं से परे लोगों को जोड़कर सामान्यीकरण एवं शांति को बढ़ावा दिया।
  • समझौते ने विस्तारित क्षेत्रीय और बहुराष्ट्रीय सहयोग की नींव रखी, जिससे भारत के लिये आर्थिक अवसर उत्पन्न हुए।
    • I2U2 समूह, जिसमें इज़रायल, भारत, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका शामिल हैं, जल, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है।

और पढ़ें…इज़रायल, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन अब्राहम समझौता

ग्रीन नज

  • चीन में किये गए एक अध्ययन से पता चलता है कि ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्मों में "ग्रीन नज" का उपयोग करने से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • ग्रीन नज ऐसे अंतःक्षेप हैं जो लोगों को अधिक स्थायी/सतत् रूप से कार्य करने के लिये प्रोत्साहित करते हैं। ये अपेक्षाकृत एक नवीन नीति उपकरण हैं जिनका उद्देश्य पर्यावरण-समर्थक व्यवहार को बढ़ावा देना है।
    • "नो डिस्पोज़ेबल कटलरी" विकल्प को अनिवार्य कर ग्राहकों को "ग्रीन पॉइंट्स" से पुरस्कृत किया गया। इस सरल परिवर्तन से नो-कटलरी ऑर्डर में 648% की वृद्धि हुई, जिससे पर्यावरण एवं उपभोक्ता व्यवहार दोनों को लाभ मिला
    • अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि शंघाई में 18 महीनों में सिंगल- यूज़ कटलरी (SUCs) के 225.33 मिलियन से अधिक सेट कम हो गए जिससे संभावित रूप से 4,506.52 मीट्रिक टन अपशिष्ट को रोका गया तथा 56,333 पेड़ों को बचाया गया
  • भारत के अग्रणी ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म, ज़ोमैटो ने इसी तरह की पहल की, जिससे कटलरी अपशिष्ट में काफी कमी आई।

और पढ़ें… भारत के लिये व्यावहारिक अर्थशास्त्र की उपयोगिता

पर्युषण पर्व, एक जैन त्योहार

पर्युषण 2023, जैन समुदाय के लिये एक महत्त्वपूर्ण त्योहार है। यह उपवास, ध्यान और शुद्धिकरण अनुष्ठानों के साथ आध्यात्मिक विकास का समय है। भक्त भाषणों में भाग लेते हैं, अहिंसा का पालन करते हैं और अपने पापों के लिये क्षमा मांगते हैं।

  • ऐसा माना जाता है कि इस त्योहार की शुरुआत ईसा पूर्व छठी शताब्दी में हुई थी जब जैन शिक्षक महावीर ने अपने अनुयायियों को हिंसा से दूर रहने और आध्यात्मिक शुद्धता पर ध्यान केंद्रित करने की शिक्षा दी थी।
  • श्वेतांबर, जो आठ दिनों तक अनुष्ठान का पालन करते हैं और दिगंबर, जिनके लिये त्योहार 10 दिनों तक चलता है, दोनों के लिये यह आत्मनिरीक्षण, प्रतिबिंब और शुद्धिकरण का समय है। यह वर्षा ऋतु के मध्य में मनाया जाता है।
  • वे स्वाध्याय भी करते हैं। पर्युषण व्यक्ति को अपनी आत्मा के करीब रहने, अपनी कमियों पर चिंतन करने, गलत कार्यों के लिये सज़ा मांगने और अपनी गलतियों को कम करने का संकल्प लेने का अवसर देता है।

और पढ़ें… जैन धर्म

निपाह का पता लगाने के लिये ट्रूनेट टेस्ट

केरल को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने निपाह (Nipah) के निदान के लिये ट्रूनेट परीक्षण का उपयोग करने की मंज़ूरी दे दी है। 

  • ट्रूनेट परीक्षण में किसी सैंपल में वायरस की उपस्थिति का पता लगाने के लिये एक पोर्टेबल, स्मार्ट चिप-आधारित, बैटरी चालित RT-PCR (रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस-पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन) किट का उपयोग किया जाता है।
  • ट्रूनेट भारत में निपाह वायरस परीक्षण करने के लिये ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा आपातकालीन उपयोग प्राधिकार (Emergency Use Authorization- EUA) प्राप्त करने वाली पहली किट है।
  • ट्रूनेट का उपयोग उन अस्पतालों में किया जा सकता है जहाँ द्वितीय स्तर की जैव सुरक्षा सुविधाएँ और सैंपल के संदूषण को रोकने के लिये कुछ सख्त प्रोटोकॉल हैं। ट्रूनेट तेज़ी से परीक्षण करने, रोग के फैलने पर इसका पता लगाने और तेज़ी से निवारक उपाय निर्धारित करने में मदद कर सकता है।

और पढ़ें… निपाह वायरस

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