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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 अगस्त, 2020

  • 19 Aug 2020
  • 7 min read

इंडो-यूएस वर्चुअल नेटवर्क

भारत और अमेरिका के शोधकर्त्ताओं वाली कुल आठ टीमों को COVID-19 के रोगजनन और रोग प्रबंधन में अत्याधुनिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने हेतु पुरस्कार मिले हैं। अब ये आठ समूह अत्याधुनिक अनुसंधान एंटीवायरल कोटिंग्स, इम्यून मॉडयूलेशन और अपशिष्ट जल में वायरस की ट्रैकिंग जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान का कार्यान्वयन करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी COVID-19 तथा अन्य उभरती वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। इसी को मद्देनज़र रखते हुए इंडो-यू.एस. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम (IUSSTF) ने अप्रैल, 2020 में इंडो-यूएस वर्चुअल नेटवर्क (Indo-US Virtual Networks) की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य भारत तथा अमेरिका के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समुदायों की संयुक्त विशेषज्ञता का दोहन करने के साथ-साथ भारत और अमेरिका की टीमों के बीच साझेदारी को सुविधाजनक बनाना था। वैज्ञानिक समुदायों और भौगोलिक सीमाओं के पार विशेषज्ञता साझा करने के माध्यम से, इंडो-यूएस वर्चुअल नेटवर्क मौजूदा महामारी का मुकाबला करने के लिये अभिनव और परिवर्तनकारी समाधानों का विकास होगा। इंडो-यू.एस. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम (IUSSTF) की स्थापना मार्च 2000 में भारत और अमेरिका दोनों देशों की सरकारों के बीच हुए समझौते के तहत हुई थी। दोनों देशों की सरकारों द्वारा वित्तपोषित यह एक स्वायत्त द्विपक्षीय संगठन है, जो कि सरकार, शिक्षा और उद्योग के बीच महत्त्वपूर्ण संपर्क स्थापित कर विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और नवाचार को बढ़ावा देता है।

पंडित जसराज

हाल ही में विश्व के सबसे प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय गायक पंडित जसराज (Pandit Jasraj) का निधन हो गया है। पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी, 1930 को हरियाणा के हिसार (Hissar) में संगीतकार के एक परिवार में हुआ था, वे मेवाती घराने (Mewati Gharana) के विशिष्ट संगीतज्ञ थे। पंडित जसराज ने संगीत के क्षेत्र में अपने कैरियर की शुरुआत एक तबलावादक के रूप में की थी, किंतु जल्द ही उन्होंने कुछ व्यक्तिगत कारणों से तबला छोड़ दिया और वे शास्त्रीय संगीत गायन की ओर मुड़ गए। पंडित जसराज को भक्ति रस के तत्त्वों के साथ ख्याल (khayal) के मिश्रण के लिये जाना जाता है, ख्याल (khayal) राग के विस्तार पर आधारित शास्त्रीय संगीत का वह रूप है, जिसमें दो छंदों से युक्त गेय रचना शामिल होती है। उन्होंने जसरंगी (Jasrangi) नामक जुगलबंदी का एक अनूठा रूप विकसित किया, जिसमें एक पुरुष और एक महिला गायक अपने व्यक्तिगत प्रदर्शनों को एक एकीकृत प्रदर्शन में विलय करने के लिये अपने-अपने पैमानों में अलग-अलग राग गाते हैं। अपने 80 वर्ष से भी अधिक लंबे करियर में पंडित जसराज को पद्म श्री (वर्ष 1975), पद्म भूषण (वर्ष 1990) और पद्म विभूषण (वर्ष 2000) समेत विभिन्न प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

राकेश अस्थाना

हाल ही में IPS अधिकार राकेश अस्थाना ने सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force- BSF) के महानिदेशक (Director General) का कार्यभार संभल लिया है। ध्यातव्य है कि राकेश अस्थाना सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 27वें महानिदेशक बने हैं और अनुमान के अनुसार वे अगले वर्ष अपने सेवानिवृत्त होने की तिथि तक इस पद पर बने रहेंगे। राकेश अस्थाना वर्तमान में नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के महानिदेशक के रूप में सेवारत थे। इसके अलावा वे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau-NCB) के महानिदेशक के तौर पर भी कार्य कर रहे थे। राकेश अस्थाना गुजरात कैडर के 1984 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी हैं। आधिकारिक सूचना के अनुसार, राकेश अस्थाना नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के महानिदेशक के रूप में कार्य करते रहेंगे। घुसपैठ, तस्करी और सैन्य हमलों के खिलाफ फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस के तौर पर भारतीय सीमाओं की रक्षा करने के विशेष उद्देश्य के मद्देनज़र वर्ष 1965 में BSF की स्थापना की गई थी। BSF भारत का सबसे प्रमुख अर्द्धसैनिक बल है। इस समय BSF में लगभग 2.57 लाख से ज्यादा कर्मी तैनात हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य देश की 6,385 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करना हैं।

विश्व मानवतावादी दिवस

प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को दुनिया भर में विश्व मानवतावादी दिवस या विश्व मानवता दिवस (World Humanitarian Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य वास्तविक जीवन के उन नायकों को याद करना है, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद मानवता की सेवा को चुना। यह दिवस उन लोगों को धन्यवाद देता है, जिन्होंने संकट की घड़ी में भी ज़रूरतमंद लोगों की सहायता करने और उनके जीवन की रक्षा करने में या तो अपनी जान गंवा दी या फिर घायल हो गए। 17 वर्ष पूर्व 19 अगस्त, 2003 को इराक की राजधानी बगदाद में एक बम हमले में कुल 22 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले के पश्चात् वर्ष 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 अगस्त को विश्व मानवतावादी दिवस के रूप में नामित करने का निर्णय लिया था। यह दिवस विश्व भर में मानवीय ज़रूरतों पर ध्यान आकर्षित करते हुए इन्हें पूरा करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्त्व को दर्शाता है।

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