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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 05 जनवरी, 2024

  • 05 Jan 2024
  • 7 min read

साइबर किडनैपिंग

हाल ही में एक चीनी छात्र जो ‘साइबर किडनैपिंग’ का शिकार हुआ था, यूटा के ग्रामीण क्षेत्र में सुरक्षित पाया गया था। अधिकारियों को पता चला कि चीन के उसके माता-पिता ने उसे खोजने से पहले ही एक बड़ी फिरौती का भुगतान कर दिया था।

  • साइबर किडनैपिंग एक ऐसे अपराध को संदर्भित करता है जहाँ ‘अपहरणकर्त्ता’ अपने शिकार को छिपने के लिये मना लेते हैं और फिर फिरौती के लिये अपने प्रियजनों से संपर्क करते हैं।
  • इस प्रकार की किडनैपिंग में, पीड़ित का अपहरण नहीं किया जाता है बल्कि उन्हें यह विश्वास दिलाया जाता है कि वे खतरे में हैं।
    • ‘अपहरणकर्त्ता’, हालाँकि शारीरिक रूप से मौजूद नहीं होते हैं, वीडियो-कॉल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पीड़ित की ऑनलाइन निगरानी करते हैं।
    • वे पीड़ित या उनके परिवार को हिंसा की धमकी दे सकते हैं या वे अपहरण के नकली सबूत, जैसे फ़ोटो या वीडियो बना सकते हैं।

और पढ़ें: साइबर अपराध

राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार 2023

हाल ही में युवा कार्य और खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार (RKPP), 2023 की घोषणा की। कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के माध्यम से खेलों को प्रोत्साहन की श्रेणी में ओडिशा माइनिंग कॉर्पोरेट लिमिटेड को सम्मानित किया गया है। उभरती युवा प्रतिभाओं की पहचान कर उनके विकास में योगदान देने के लिये जैन डीम्ड यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु को पुरस्कृत किया गया है।

और पढ़ें: राष्ट्रीय खेल और साहसिक पुरस्कार 2022 

आदित्य-L1, L1 कक्षा में पहुँचा 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) के वैज्ञानिक आदित्य-L1 को पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी. दूर स्थित लैग्रेंजियन बिंदु (L1) के समीप की कक्षा में स्थापित करने के उद्देश्य से एक ऑपरेशन की योजना पर काम कर रहे हैं।

  • सूर्य का अध्ययन करने के लिये समर्पित पहली भारतीय अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला, आदित्य-L1 को सितंबर 2023 में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C57 रॉकेट का उपयोग करके लॉन्च किया गया था।
  • L1 बिंदु के चारों ओर हेलो कक्षा में एक उपग्रह स्थापित करने से सूर्य का निरंतर अवलोकन बिना किसी आच्छादन अथवा ग्रहण के किया जा सकता है, जिससे सौर गतिविधियों की निगरानी करने में लाभ मिलता है।
    • L1 पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी. दूर है तथा पृथ्वी से L1 की दूरी पृथ्वी-सूर्य की दूरी का लगभग 1% है।
    • लैग्रेंज बिंदु अंतरिक्ष में स्थित वे स्थान हैं जहाँ दो विशाल पिंडों (जैसे– सूर्य और पृथ्वी) का गुरुत्वाकर्षण बल एक छोटी वस्तु (जैसे– अंतरिक्ष यान) के स्थान पर बने रहने के लिये अभिकेंद्रीय बल को संतुलित करता है
      • अंतरिक्ष यान ईंधन की खपत को कम करने तथा अंतरिक्ष यान को कुशलतापूर्वक अपनी स्थिति बनाए रखने की अनुमति देने के लिये इन बिंदुओं का लाभ उठाता है।
  • आदित्य-L1 में प्रकाशमंडल (सूर्य की प्रत्यक्ष सतह), क्रोमोस्फीयर (प्रकाशमंडल तथा कोरोना के बीच की दूसरी परत) एवं कोरोना (सूर्य की सबसे बाह्य परत) का निरीक्षण करने हेतु सात पेलोड मौजूद हैं।
    • इन पेलोड का उद्देश्य कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, अंतरिक्ष मौसम की गतिशीलता एवं कण व क्षेत्र प्रसार पर महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना है।

और पढ़ें…आदित्य-एल1 मिशन, भारत के अंतरिक्ष प्रयास

वारली लेशन: महाराष्ट्र में शांतिपूर्ण तेंदुए का सह-अस्तित्व

महाराष्ट्र की स्वदेशी वार्ली तेंदुओं के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का पाठ पढ़ाती हैं।

  • संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के पास रहने वाले वार्ली डर के बजाय सम्मान दिखाते हुए तेंदुओं को अपने देवता के रूप में पूजते हैं।
  • दहिसर नदी राष्ट्रीय उद्यान से होकर बहती है और मानसून के दौरान एक मनोरंजन केंद्र बन जाती है।
  • वारली आदिवासियों का तेंदुओं से मुठभेड़ का एक लंबा इतिहास है, वे उन्हें शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व के रूप में देखते हैं।
  • वारली संस्कृति मातृ प्रकृति की अवधारणा पर केंद्रित है और वारली पेंटिंग में प्राकृतिक तत्त्वों को अक्सर केंद्र बिंदु के रूप में चित्रित किया जाता है।
  • वारली जनजातियाँ तारपा संगीत वाद्ययंत्रों के साथ तारपा नृत्य करती हैं।

और पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय तेंदुआ दिवस 2023

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