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दर्दनिवारक मेफ्टाल और DRESS सिंड्रोम

  • 13 Dec 2023
  • 4 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

हाल ही में भारतीय फार्माकोपिया आयोग (IPC) ने आम दर्द निवारक दवा मेफ्टल (Meftal) को लेकर एक दवा संबंधी सुरक्षा चेतावनी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि इसका घटक, मेफेनैमिक एसिड, DRESS सिंड्रोम जैसी गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करता है, जो आंतरिक अंगों को प्रभावित करता है।

DRESS सिंड्रोम क्या है? 

  • DRESS सिंड्रोम (इओसिनोफिलिया और प्रणालीगत लक्षणों के साथ ड्रग रैश) एक गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया है जो लगभग 10% व्यक्तियों को प्रभावित करती है, जो संभावित रूप से घातक है और कुछ दवाओं के कारण होती है।
  • इसे ड्रग-इंड्यूस्ड हाइपरसेंसिटिविटी सिंड्रोम (DIHS) के रूप में भी जाना जाता है।
  • इसकी विशेषता त्वचा पर लाल चकते, तेज़ बुखार, सूजी हुई लिम्फ नोड्स और आंतरिक अंगों में जटिलताएँ हैं।

मेफ्टाल का उपयोग और इससे संबंधित दुष्प्रभाव क्या हैं?

  • उपयोग:
    • मेफ्टाल का उपयोग अमूमन एक गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी औषधि (NSAID) के रूप में किया जाता है।
    • भारत में इसका व्यापक रूप से कई उद्देश्यों के लिये उपयोग किया जाता है, जिसमें मासिक धर्म के दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों तथा जोड़ों के दर्द से राहत शामिल है साथ ही बच्चों में तेज़ बुखार से राहत के लिये भी इसका उपयोग सामान्य बात है।
  •   संबद्ध दुष्प्रभाव:
    • मेफ्टाल जैसी दवाओं के लंबे समय तक उपयोग से अमाशय में अल्सर, रक्तस्राव और संबंधित जटिलताओं का खतरा बढ़ सकता है।
    • मेफ्टाल के सेवन से हृद-वाहिका तंत्र (Cardiovascular System) पर संभावित प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
    • कुछ विशेषज्ञों ने गुर्दे से संबंधित जटिलताओं को मेफ्टाल के संभावित दुष्प्रभाव के रूप में चिह्नित किया है।

भारतीय भेषज संहिता आयोग (Indian Pharmacopoeia Commission- IPC) क्या है?

  • IPC, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक स्वायत्त संस्था है।
  • IPC को भारत में दवाओं के मानक तय करने के लिये बनाया गया था। इसका मूल कार्य इस क्षेत्र में प्रचलित बीमारियों के इलाज के लिये आमतौर पर आवश्यक दवाओं के मानकों को नियमित रूप से अद्यतन करना है।
  • यह इंडियन फार्माकोपिया (मोनोग्राफ का संग्रह) को अद्यतन करके एवं दवाओं हेतु नए मानक शामिल करते हुए औपचारिक दिशानिर्देश जारी करता है।
    • यह नेशनल फॉर्मूलरी ऑफ इंडिया को प्रकाशित करके जेनेरिक दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देता है।
  • IPC आईपी रेफरेंस सब्सटेंस (IPRS) भी प्रदान करता है जो परीक्षण के तहत किसी वस्तु की पहचान और आईपी में निर्धारित उसकी शुद्धता के लिये फिंगरप्रिंट के रूप में कार्य करता है।
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