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संग्रहालय अनुदान योजना

  • 29 Apr 2022
  • 5 min read

संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय (Ministry of Culture and Tourism) ने संग्रहालय अनुदान योजना (Museums Grant Scheme) के एक हिस्से के रूप में 'संग्रहालयों के उन्नयन की योजना' के तहत आंध्र प्रदेश के एलुरु शहर में 5 करोड़ रुपए की लागत वाली एक परियोजना हेतु 3.75 करोड़ रुपए का अनुदान जारी किया है।

संग्रहालय अनुदान योजना: 

  • परिचय: 
    • यह योजना वर्ष 2013 में शुरू की गई थी।
    • संस्कृति मंत्रालय नए संग्रहालयों की स्थापना के लिये राज्य सरकारों और सोसायटी अधिनियम,1860 के अन्तर्गत पंजीकृत समितियों, स्वायत्त निकायों, स्थानीय निकायों तथा ट्रस्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। 
    • इसका उद्देश्य क्षेत्रीय, राज्य और ज़िला स्तर पर मौजूदा संग्रहालयों के सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण को प्रोत्‍साहित करना है।
    • इस योजना का उद्देश्य प्रत्येक वर्ष राज्य की राजधानी में कम-से-कम एक केंद्रीय/राज्य संग्रहालय विकसित करना है।  
  • मुख्य घटक: 
    • ज़िला और क्षेत्रीय संग्रहालयों की स्थापना एवं विकास: 

      • इस घटक के तहत संग्रहालयों को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:
        • श्रेणी-I: सरकार के स्वामित्व वाले राज्य स्तरीय संग्रहालय और उत्कृष्ट संग्रह के साथ प्रसिद्ध संग्रहालय।
        • श्रेणी- II: अन्य सभी संग्रहालय।
      • इस घटक के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता की अधिकतम राशि 10 करोड़ रुपए है।
    • राज्यों की राजधानियों में संग्रहालयों का विकास: 
      • इस घटक के तहत राजधानी शहरों में स्थित केंद्र या राज्य सरकार के मौजूदा प्रसिद्ध संग्रहालयों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
      • इस घटक के तहत प्रति संग्रहालय अधिकतम 15 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है। 
    • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के अंतर्गत बड़े पैमाने पर संग्रहालयों की स्थापना और विकास:
      • इस घटक के तहत सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड में राज्य सरकारों और नागरिक समाज के साथ संयुक्त उद्यम के रूप में बड़े पैमाने पर संग्रहालय स्थापित करने का प्रस्ताव है। 
      • इस घटक के तहत प्रदान की जाने वाली अधिकतम वित्तीय सहायता परियोजना लागत का 40% है जो अधिकतम 20 करोड़ रुपए प्रति संग्रहालय होगी।

संग्रहालय के बारे में:

  • संग्रहालय ऐसी संस्था है जिसमें ऐतिहासिक, वैज्ञानिक, कलात्मक या सांस्कृतिक रुचि की वस्तुओं को संग्रहीत और प्रदर्शित किया जाता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद (ICOM), संग्रहालय को परिभाषित करता है, इसके अनुसार “संग्रहालय एक गैर-लाभकारी संस्था है, यह समाज की सेवा और विकास की स्थायी संस्था है, जो सभी के लिये खुला है, यह शिक्षा, अध्ययन व मनोरंजन के प्रयोजनों के साथ मानवता और उसके पर्यावरण की मूर्त एवं अमूर्त विरासत का संरक्षण, शोध, संचार तथा प्रदर्शन को बढ़ावा देता है"।

संग्रहालय से संबंधित अन्य योजनाएंँ:

  • भारतीय संग्रहालयों के लिये राष्ट्रीय पोर्टल और डिजिटल रिपोजिटरी (संस्कृति मंत्रालय के तहत) को संग्रहालयों के डिजिटलीकरण के लिये शुरू किया गया है।
  • जतन: आभासी संग्रहालय सॉफ्टवेयर: जतन (JATAN) एक आभासी संग्रहालय निर्माता सॉफ्टवेयर है, जो भारतीय संग्रहालयों को डिजिटल संग्रह प्रबंधन प्रणाली के निर्माण में सक्षम बनाता है तथा यह पूरे भारत में कई राष्ट्रीय संग्रहालयों में तैनात है।

स्रोत: द हिंदू

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