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CO2 को CO में परिवर्तित करने की नई तकनीक

  • 06 Nov 2023
  • 5 min read

स्रोत: पी.आई.बी 

IIT बॉम्बे में नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन कार्बन कैप्चर एंड यूटिलाइज़ेशन (NCoE-CCU) द्वारा कार्बन डाइ-ऑक्साइड (CO2) को कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) में परिवर्तित करने के लिये एक नई तकनीक विकसित की जा रही है।

CO2  से CO परिवर्तन तकनीक:

  • कार्य करने की प्रक्रिया:
    • CO2 को CO में परिवर्तित करने की नई तकनीक एक इलेक्ट्रोकैटलिटिक प्रक्रिया के माध्यम से संचालित होती है।
    • पारंपरिक तरीकों के विपरीत, जिनमें उच्च तापमान (400-750 डिग्री सेल्सियस) और हाइड्रोजन की समतुल्य मात्रा की उपस्थिति की आवश्यकता होती है, यह प्रक्रिया जल की उपस्थिति में परिवेश के तापमान (25-40 डिग्री सेल्सियस) पर कार्य कर सकती है, जिससे उच्च तापमान स्थितियों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। 
      • इस विद्युत अपघटन अभिक्रिया के लिये ऊर्जा सीधे नवीकरणीय ऊर्जा, जैसे सौर पैनलों या पवन चक्कियों से प्राप्त की जा सकती है, जिससे यह अत्यधिक ऊर्जा-कुशल प्रक्रिया और पर्यावरण के अनुकूल एवं संधारणीय हो जाती है।
  • इस्पात उद्योग के लिये महत्त्व:
    • इस्पात उद्योग में CO एक महत्त्वपूर्ण रसायन है, जिसका उपयोग ब्लास्ट फर्नेस में लौह अयस्कों को धात्विक लौह में परिवर्तित करने के लिये किया जाता है।
      • CO इस उद्योग में सिन गैस (वह ईंधन गैस मिश्रण जिसमें प्राथमिक घटक के रूप में हाइड्रोजन और कार्बन मोनोऑक्साइड शामिल हैं) के रूप में व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला रसायन है।
    • परंपरागत रूप से CO का उत्पादन कोक/कोयले के आंशिक ऑक्सीकरण के माध्यम से होता है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर CO2 उत्सर्जन होता है।
      • नई CO2 से CO रूपांतरण तकनीक स्टील उत्पादन में कार्बन फुटप्रिंट और संबंधित लागत को कम करते हुए एक चक्रीय अर्थव्यवस्था स्थापित करने का अवसर प्रस्तुत करती है।

विद्युत उत्प्रेरक प्रक्रिया:

  • यह एक उत्प्रेरक प्रक्रिया है जिसमें इलेक्ट्रोड और अभिकारकों के बीच इलेक्ट्रॉनों का प्रत्यक्ष स्थानांतरण शामिल होता है।
  • यह प्रक्रिया पर्यावरण के अनुकूल, कुशल और सस्ती है। इसका उपयोग कई टिकाऊ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में किया जा सकता है।

कार्बन मोनोऑक्साइड (CO):

  • यह एक रंगहीन, गंधहीन और स्वादहीन गैस है जो वायु से थोड़ी कम सघन होती है।
  • CO के स्रोत: CO हाइड्रोकार्बन के आंशिक दहन का एक उपोत्पाद है। सामान्य स्रोतों में प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, कोयला और तेल, लकड़ी का धुआँ, कार एवं ट्रक का निकास आदि जैसे जीवाश्म ईंधन जलाना शामिल है।
  • वायुमंडल में CO अल्पकालिक रहता है क्योंकि यह ज़मीनी स्तर पर ओजोन के निर्माण में भूमिका निभाता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2019)

  1. कार्बन मोनोऑक्साइड
  2. मीथेन 
  3. ओज़ोन 
  4. सल्फर डाइ-ऑक्साइड

उपर्युक्त में से कौन फसल/बायोमास अवशेषों को जलाने के कारण वायुमंडल में उत्सर्जित होता है?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2, 3 और 4 
(c) केवल 1 और 4  
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (d)

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